Morbi Bridge Collapse : मोरबी ब्रिज ने ताजा कर दीं देश के इन बड़े पुल हादसों की यादें, जब 'मौत के पुल' ने डूबा दीं कई जिंदगियां
Morbi Bridge Collapse : मोरबी ब्रिज ने ताजा कर दीं देश के इन बड़े पुल हादसों की यादें, जब 'मौत के पुल' ने डूबा दीं कई जिंदगियां
Morbi Bridge Collapse : 30 अक्टूबर की शाम करीब साढ़े छह बजे गुजरात के मोरबी इलाके में मच्छू नदी में एक केबल पुल गिर गया था। हादसे में 135 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। मोरबी अस्पताल में 100 घायल लोग भर्ती कराए गए। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मरने वालों में करीब 47 बच्चे भी थे। बताया गया है कि जब पुल गिरा उस समय उस पर करीब 500 लोग थे। बता दें कि इस पुल को हादसे से चार दिन पहले मरम्मत के बाद बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के ही खोल दिया गया था। इस ब्रिज पर जाने के लिए वयस्कों का 17 रुपये का टिकट और बच्चों का 12 रुपए का टिकट लेना पड़ता है और इस ब्रिज की क्षमता महज 125 लोगों की थी लेकिन हादसे के दिन लगभग 500 लोगों को ब्रिज पर जाने दिया गया।
कई झूलते झूले बने मौत का पुल
गुजरात सरकार ने हादसे को लेकर जांच के आदेश दिए हैं पुल की मरम्मत करने वाली कंपनी के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने फिलहाल 9 लोगों को हिरासत में लिया है, जिनसे पूछताछ की जा रही है। इस हादसे के बाद सोमवार को भी मच्छु नदी में राहत बचाव का कार्य जारी है। गुजरात पुलिस के मरीन टास्क फोर्स तीनों सेनाओं एनडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें बचाओ अभियान चला रही हैं। नदी से शवों को खोजने का काम जारी है। मोरबी की इस दिल दहला देने वाली घटना ने देश के कई बड़े पुल हादसों की याद दिला दी है, जहां झूलते झूले मौत के पुल बनकर सामने आए हैं।
मुंबई फुट ओवर का ब्रिज हादसा
14 मार्च 2019 को मुंबई में छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस रेलवे स्टेशन के उत्तरी छोर पर बदरुद्दीन तैयबजी लेन से जुड़ने वाली फुट ओवर ब्रिज का एक हिस्सा टूटकर सड़क पर गिर गया था। इस हादसे में 6 लोगों की मौत हो गई थी और कम से कम 30 अन्य लोग घायल हुए थे।
कोलकाता का मजेरहाट पुल हादसा
कोलकाता में मजेरहाट पुल टूट गया था। यह घटना 4 सितंबर 2018 की है। इस हादसे में 3 लोगों की मौत हो गई थी और कम से कम 25 लोग घायल हो गई थे। इसके साथ ही उन्हें चोटें भी आई थीं।
वाराणसी कैंट पुल हादसा
वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन के पास निर्माणाधीन पुल का एक हिस्सा गिर गया था। यह घटना 15 मई 2018 को वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन के पास हुई थी। इस हादसे में 18 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 10 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
एलफिंस्टन रोड रेलवे स्टेशन पर भगदड़
29 सितंबर 2017 को मुंबई में एलफिंस्टन रोड रेलवे स्टेशन के पुल पर अचानक भगदड़ मच गई थी। भगदड़ मचने से 23 लोगों की मौत हुई थी और 39 अन्य लोग घायल हुए थे। यह घटना सुबह करीब 10:30 बजे हुई थी। ट्रेन एक साथ स्टेशन पर पहुंची थी। उस समय बारिश हो रही थी और पहले से ही कई लोग संकरे पुल पर मौजूद थे।
रायगढ़ का पुल हादसा
महाराष्ट्र के रायगढ़ में सावित्री नदी पर एक सदी पुराने पुल का हिस्सा टूट कर गिर गया था। पुल टूटने से 2 बसें और कार नदी में जा गिरी थीं। इस हादसे में 41 लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी। बता दें कि यह हादसा 2 अगस्त 2016 को हुआ था।
कोलकाता में निर्माणाधीन फ्लाईओवर हादसा
कोलकाता के गिरीश पार्क के पास निर्माणाधीन विवेकानंद रोड फ्लाईओवर का 150 मीटर लंबा हिस्सा ढह गया था। इस हादसे में 27 लोगों की मौत हो गई थी और 50 अन्य लोग घायल हुए थे। मलबे से 90 से ज्यादा लोगों को निकाला गया था। बता दें कि यह हादसा 31 मार्च 2016 को हुआ था।
सूरत का केबल पुल हादसा
10 जून 2014 को गुजरात के सूरत में पंडित दीनदयाल उपाध्याय केबल ब्रिज का 35 मीटर लंबा और 650 टन वजनी स्लैब 40 फुट की ऊंचाई से ढह गया था। 25 मई 2014 को थ्री-वे-इंटरचेंज वाले फ्लाईओवर ब्रिज के तीव्र मोड़ वाले हिस्से पर कंक्रीट स्लैब का काम शुरू किया गया था। 15 दिन बाद श्रमिकों ने जब से स्टेजिंग प्लेट (फॉर्मवरक) हटाना शुरू किया तो वह हिस्सा टूटकर नीचे गिर गया। इस हादसे में 16 में से श्रमिकों की मौत हो गई थी और 6 लोगों को गंभीर या मामूली चोटें आई थीं।
कोटा पुल हादसा
24 दिसंबर 2009 को राजस्थान के कोटा में चंबल नदी पर बन रहे पुल का एक हिस्सा टूटने से दर्दनाक हादसा हो गया था। पुल के निर्माणकार्य में लगे मजदूरों और इंजीनियरों समेत 48 लोगों ने हादसे में जान गंवा दी थी।
पंजागुट्टा फ्लाईओवर हादसा
9 सितंबर 2007 को हैदराबाद के पंजागुट्टा में एक फ्लाईओवर निर्माण कार्य के दौरान गिर गया था, जिसमें 30 लोगों की जान चली गई थी।
भागलपुर फुटओवर ब्रिज हादसा
दिसंबर 2006 में बिहार के भागलपुर में करीब डेढ़ सौ साल पुराना एक फुटओवर ब्रिज उस समय ढह गया था जब उसके नीचे से ट्रेन गुजर रही थी। हादसे में 30 लोगों की मौत हो गई थी।
वालिगोंडा हादसा
29 अक्टूबर 2005 को हैदराबाद के वालिगोंडा के पास डेल्टा फास्ट पैसेंजर ट्रेन उस छोटे पुल से गुजर रही थी, जिसे अचानक आई बाढ़ बहा ले गई थी। ट्रेन पुल के टूटे हिस्से पर पटरी से उतर गई थी। हादसे में कम से कम 114 लोगों की मौत हुई थी और 200 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
वारंगल हादसा
2 जुलाई 2003 को गुंटूर से सिकंदराबाद जाने वाली गोलकुंडा एक्सप्रेस को वारंगल स्टेशन पर रुकना था लेकिन ब्रेक ने काम करना बंद कर दिया। समस्या ठीक होने तक के लिए ट्रेन को लूप लाइन पर रखा गया लेकिन रफ्तार के कारण ट्रेन लूप लाइन से स्टेशन के ठीक बाद वाले पुल के नीचे सड़क पर जा गिरी। ट्रेन जिस जगह गिरी, वहां काफी भीड़ थी। कई कारें, बाजार के स्टॉल और रिक्शे कुचल गए। हादसे में 22 लोगों की मौत हो गई थी जबकि सौ से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
रफीगंज हादसा
10 सितंबर 2002 को बिहार के रफीगंज में धावे नदी पर बने पुल से गुजरते हुए हावड़ा राजधानी ट्रेन पटरी से उतर गई थी। ट्रेन के 18 में से 15 डिब्बे पटरी से उतर गए थे। उनमें से दो डिब्बे नदी में गिर गए थे। हादसे में 130 लोगों की जान चली गई थी और करीब डेढ़ सौ लोग घायल हुए थे। स्थानीय नक्सलियों की ओर से की गई तोड़फोड़ हादसे की वजह बताई गई थी।
कदलुंडी हादसा
22 जून 2001 को केरल की कदलुंडी नदी पर बने पुल से गुजरते हुए मंगलौर-चेन्नई मेल पैसेंजर ट्रेन पटरी से उतर गई थी और उसके तीन डिब्बे नदी में जा गिरे थे। हादसे की जांच में पता चला था कि भारी बारिश के चलते 140 साल पुराने पुल का एक स्तंभ टूटकर नदी में समा गया था, जिस वजह से यह हादसा हुआ। हालांकि, जांच के इस नतीजे को चुनौती दी गई थी। हादसे में 59 लोग मृत या लापता बताए गए थे। वहीं 300 लोग घायल हुए थे।