आदिवासियों की पूजा करने की जमीन पर कब्जे के खिलाफ आंदोलन, क्रिस्टल मेटफॉम कंपनी पर लगे गंभीर आरोप
(आदिवासी जमीन पर कब्जे के खिलाफ आंदोलन)
विशद कुमार की रिपोर्ट
जनज्वार। झारखंड के सरायकेला खरसावां जिले के चांडिल प्रखंड अंतर्गत जारियाडीह गांव में अवैध तरीके से आदिवासी रैयती जमीन के साथ-साथ ग्राम सभा की खास जमीन पर क्रिस्टल मेटफॉम प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को बसाया जा रहा है, जिसका विरोध पिछले 7 महीने से जरीयाडीह ग्राम सभा एवं संयुक्त ग्राम सभा कर रहे हैं। इस मामले पर ग्रामीणों का कहना है ग्राम सभा खास जमीन पर हमारे पूजा स्थल सांस्कृतिक धरोहर उपस्थित है, किंतु कंपनी के द्वारा उक्त जमीन पर अतिक्रमण करने की वजह से हमारी संस्कृतिक धरोहर को नष्ट कर दिया गया है एवं पूजा करने जाने पर हमें कंपनी के द्वारा रोका जा रहा है।
ग्रामीण बताते हैं कि आंदोलन चल ही रहा था कि इसी बीच संताल आदिवासी समुदाय द्वारा धान रोपाई से पहले अपने देवता एरोञ बैंगा की पूजा करते हैं, हर साल की भांति इस साल भी जारियाडीह के ग्रामीण 16/05/2021 को उक्त खास जमीन पर जहां एरोञ बैंगा स्थान है, वहां पूजा करने पहुंचे किंतु कंपनी के गुंडों के द्वारा ग्रामीणों को पूजा स्थल पर जाने से रोका गया, एवं कंपनी और ग्रामीणों के बीच झड़प हो गई।
इसके बाद मांझी बाबा सुरेश हसदा के साथ 9 ग्रामीणों के ऊपर 107 एवं 116 का मुकदमा दर्ज किया गया। ग्रामीण इसके बाद एक के बाद एक ग्राम सभा की बैठक बुलाना शुरू किया जिसमें बुद्धिजीवी, आंदोलनकारी, जन संगठन के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया और उनसे सलाह मशबरा लिया गया एवं उनके सहयोग से रणनीति तैयार की गयी।
ज्ञातव्य हो कि पिछले 29/06/2021 को अंचल सह प्रखंड कार्यालय चांडिल के समक्ष भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013, पैसा अधिनियम 1996, सीएनटी एक्ट 1908 का उल्लंघन कर क्रिस्टल मेटफॉम प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को आवंटित लीज और पूर्ण योजना रद्द करने की मांग पर धरना प्रदर्शन किया गया, जिसमें सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे एवं कोल्हान स्तर के कई बड़े जन संगठनों के प्रतिनिधि, बुद्धिजीवी, आंदोलनकारी भी उपस्थित रहे। धरना प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन के नाम अंचलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा गया।
पिछले 09 जुलाई 2021 को सरायकेला जिला उपायुक्त अरवा राजकमल ने पूरे मामले की जांच रिपोर्ट चांडिल एसडीओ से मांगी है। जिसको लेकर 14/07/2021 बुधवार को चांडिल अनुमंडल पदाधिकारी के निर्देश पर अंचल कार्यालय की ओर से विवादित जमीन की नापी सीआई की उपस्थिति में की गई।
जिसके सीमांकन का विवरण इस प्रकार है- खाता सं 79 का प्लॉट -
(1) 570 में समतलीकरण हुआ एवं ईंट , गिट्टी इकट्ठा है।
(2) 493 में सम्पूर्ण कम्पनी स्थापित है।
(3) 482 में समतलीकरण, मकान निर्माण एवं गेट की दीवार बनी हुई है।
(4) 578 में समतलीकरण और ट्रैंच काटा गया है।
(5) 567 में चार दीवार निर्माण, शेड निर्माण, ड्रेन निर्माण है।
(6) 565 में समतलीकरण और चहारदीवारी निर्माण है।
(7) 538 में पूर्ण अतिक्रमण है।
(8) 568 में सेड निर्माण, चारदीवारी निर्माण, डीप बौरींग खोदा गया है।
जारियाडीह के पारंपरिक मांझी बाबा सुरेश हांसदा ने कहा है कि जहां सदियों से आदिवासी समाज का संथाल सामुदाय द्वारा तीन प्रकार की पारंपरिक पूजा मारांग पूजा, एरोञ पूजा एवं गट पूजा होती आ रही थी। परंतु "क्रिस्टल मेटफम प्राइवेट लिमिटेड कंपनी" अवैध रूप से स्थापित हो रही है जिसने समुदाय विशेष की धार्मिक आस्था, पूजा पाठ से बाधित किया है, जिससे आदिवासी समाज में धार्मिक आस्था में ठेस पहुंचाई गई है।
ग्राम सभा जारियाडीह के सचिव गोकूल हेम्ब्रम ने कहा कि Freedom of speech and expression का प्रयोग करते हुए विगत 29 जून 2021 को चांडिल अंचल अधिकारी के कार्यालय पर धरना प्रदर्शन के माध्यम से अंचल अधिकारी चांडिल के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ग्राम सभा जारियाडीह द्वारा सौंपा गया ज्ञापन का यथाशीघ्र संज्ञान लेते हुए हेमंत सोरेन सरकार कार्रवाई करें एवं हमारी मांगों में -
1- अनुसूचित जिला सरायकेला खरसावां का प्रखंड सह अंचल चांडिल का ग्राम जारियाडीह, थाना संख्या-272, खाता संख्या 79 (पांचवीं अनुसूची भूमि) का खेसरा संख्या - 482, 578, 570, 567, 568, 565, 538 एवं 493 का कुल रकवा 4.71 एकड़ ज़मीन प्रस्तावित क्रिस्टल मेटफम प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को आवंटित लीज रद्द किया जाए एवं
2 - CNT 1908, Pesa act 1996, Land Acquisition act 2013 में निहित प्रावधानों का खुला उल्लंघन कर क्रिस्टल मेटफम प्राइवेट लिमिटेड कंपनी स्थापित हो रहा है। इसलिए उच्च स्तरीय जांच कर प्रस्तावित योजना क्रिस्टल मेटफम प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को पूर्ण रद्द किया जाए।
जारियाडीह ग्राम सभा के कोषाध्यक्ष विश्वदेव हांसदा ने बताया कि चांडिल अंचल अंतर्गत मौजा जारियाडीह का खाता संख्या 79 का प्लॉट सं 538, 493, 568, 570, 565, 482, 538, 567 कुल 4.71 एकड़ भूमि जो पांचवीं अनुसूची भूमि, ग्राम सभा क्षेत्राधिकार सामुदायिक भूमि (अनावाद झारखंड सरकार भूमि) अवैध रूप से "क्रिस्टल मेटफम प्राइवेट लिमिटेड कंपनी" स्थापित हो रही है, कम्पनी स्थापना से पूर्व ना ग्राम सभा से अनुमति ली है, ना जन सुनवाई हुई है और ना ही ग्राम सभा बैठक का आयोजन किया गया है।
''फर्जी ग्राम सभा को आधार बनाकर स्थापित किया गया है, जो कानून का उल्लंघन है तथा सामुदाय विशेष की धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाने के साथ साथ प्रकृति के बड़े बड़े पेड़ पौधे को काटकर जबरन ग्राम सभा क्षेत्राधिकार सामुदायिक भूमि एवं भोले भाले आदिवासी की रैयती जमीन भी क्रिस्टल मेटफम प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के नाम से पंजी-2 में चढ़ाया गया है, जो असंवैधानिक है।''
झारखंड गांव गणराज परिषद के अध्यक्ष कुमार चंद्र मार्डी ने कहा कि आदिवासियों की जमीन के साथ-साथ सरकारी जमीन की लूट हो रही है। इस पर अविलंब रोक लगाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बिना ग्रामसभा के कोई भी सरकारी या गैरसरकारी काम नहीं हो सकता है। सीएनटी जमीन की खरीद बिक्री के लिए पेसा एक्ट के तहत कई नियम हैं, उन नियमों की अनदेखी की गई है।
''नियमों का उलंघन कर सीएनटी जमीन पर अतिक्रमण करने में अधिकारियों व नेताओं की अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में जिस तरह से आदिवासियों की जमीन लूट हो रही है, इसके जिम्मेदार सभी राजनीतिक दलों के नेता हैं।''
संयुक्त ग्राम सभा मंच के संयोजक अनूप महतो ने कहा कि वर्तमान समय में चारों ओर जमीन से जुड़ा हुआ मामला सामने आ रहा है, इसमें कहीं न कहीं आदिवासियों की परंपरा और संस्कृति पर प्रहार हो रहा है। जो जिम्मेदार अधिकारी हैं, वह दायित्व निर्वहन की बजाय अपने ऑफिस में बैठकर कुर्सी तोड़ रहे हैं। अनूप महतो ने जारियाडीह में हो रहे कंपनी निर्माण कार्य पर अविलंब रोक लगाते हुए पूरे मामले की जांच करने की मांग किया है।
दिवादियों की पूजा करने की जमीन पर कब्जे के खिलाफ आंदोलन, क्रिस्टल मेटफॉम कंपनी पर लगे गंभीर आरोपआगे महतो ने कहा कि खाता संख्या 79 का आदिवासी की भूमि, समता जजमेंट 1997, वेदांत जजमेंट 2013, पेसा कानून 1996, छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम 1908 में निहित प्रावधानों का खुला उल्लंघन कर कंपनी के दलाल एवं सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से अधिक्रमित ग्राम सभा क्षेत्राधिकार सामुदायिक भूमि पांचवी अनुसूची भूमि को यथाशीघ्र खाली नहीं करने पर संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों के नाम पर कानूनी कार्रवाई के लिए अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के तहत मामला दर्ज करने के लिए ग्रामसभा जारियाडीह एवं संयुक्त ग्राम सभा मंच विवश होगी।