नैनीताल जिला सत्र न्यायाधीश ने मुनीष कुमार और प्रभात ध्यानी के हमलावरों को भेजा जेल, बीरपुर लच्छी में जनवादी नेताओं पर हुआ था जानलेवा हमला
बीरपुर लच्छी में जनवादी नेताओं पर जानलेवा हमला मामले में महिला समेत 10 को कोर्ट ने दिया दोषी करार, 9 को एक साल तो एक को 6 माह सजा और जुर्माना
Nainita news : 31 मार्च, 2015 को समाजवादी लोक मंच के संयोजक मुनीष कुमार और उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के उपाध्यक्ष प्रभात ध्यानी पर ग्राम थारी में किए गये जानलेवा हमले के मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट सिविल जज रामनगर ने एक महिला समेत 10 अभियुक्तों को भारतीय दंड संहिता की दफा 147, 148, 323, 341 व 120 के तहत दोषी करार दिया था।
प्रीति कौर, करनैल सिंह, जसवीर सिंह, देशराज, शेर सिंह, सुखविंदर सिंह, देवू सिंह, मुन्ना सिंह व होरी सिंह को 1 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी तथा प्रत्येक को 2500 रु जुर्माना देने का आदेश भी दिया था। वचन सिंह को 120 बी का मुजरिम करार देते हुए उसे 6 माह की कैद व 500 रुपए जुर्माना अदा करने का आदेश दिया गया था।
निचली अदालत के फैसले के खिलाफ सभी अभियुक्तों ने जिला एवं सत्र न्यायालय में अपील की थी। जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने निचली अदालत के फैसले का परीक्षण करते हुए आदेश में कोई भी त्रुटि ना पाते हुए सभी आरोपियों की सजा को बरकरार रखा है तथा सभी को आज 24 अप्रैल को जेल भेज दिया है।
आरोप है कि 31 मार्च को 2015 को बुक्सा जनजाति बहुल वीरपुर लच्छी गांव में ढिल्लन स्टोन क्रशर के मालिक सोहन सिंह, डीपी सिंह व उसके गुर्गों द्वारा रामनगर पुलिस-प्रशासन के सहयोग से ग्रामीणों के अपने खेतों पर बने रास्ते पर गैर कानूनी तरीके से डम्परों को चलाने का प्रयास किया जा रहा था, जिसका मुनीष कुमार व प्रभात ध्यानी ने मौके पर जाकर विरोध किया था।
शाम को गांव से रामनगर लौटते समय उक्त अभियुक्तों समेत 14-15 लोगों ने थारी गांव में प्रभात ध्यानी व मुनीष कुमार की मोटर साईकिल रोककर उन पर लाठी डंडों से जानलेवा हमला कर दिया था तथा मुनीष कुमार का टेबलेट व प्रभात ध्यानी मोबाईल फोन भी छीन लिया था। उक्त दोनों को घायल अवस्था में रामनगर के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। प्रभात ध्यानी की स्थिति अत्यधिक खराब होने के कारण उन्हें सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी के लिए रैफर कर दिया गया था।
कोर्ट द्वारा हमलावरों की सजा को बरकरार रखे जाने पर प्रभात ध्यानी व मुनीष कुमार ने न्यायालय के फैसले को संघर्षों की जीत बताया है तथा सभी सहयोगी संगठनों एवं न्यायालय में दमदार पैरवी करने वाले अभियोजन अधिकारियों का आभार व्यक्त किया है तथा कहा कि सड़क एवं न्यायालय में संघर्ष आगे भी जारी रहेगा।