Narendra Giri Death Case : वीडियो वायरल होने से खड़ा हुआ नया बवाल, सेवादार नहीं दे पाया IG के सवालों का जवाब
पुलिस पूछ रही की चलते हुए पंखे में कैसे लगी फांसी (Image/socialmedia)
Narendra Giri Death Case (जनज्वार) : महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद बने एक वीडियो से बवाल खड़ा हो गया है। दरअसल जिस पंखे से लटककर महंत ने सुसाइड किया, वह इस वीडियो में चलता दिखाई देता है। आईजी का कहना है कि एक सेवादार ने शव नीचे उतारने के बाद पंखा चला दिया था। विवाद के बाद अब उस सेवादार से पूछताछ की जाएगी।
महंत नरेंद्र गिरि (Narendra Giri) के फांसी लगाने की सूचना पर जब पुलिस पहुंची तो सेवादारों ने दरवाजा तोड़कर शव नीचे उतार दिया था। इसी के बाद यह वीडियो बनाया गया। वीडियो शुरू होते ही महंत नरेंद्र गिरि का शव फर्श पर पड़ा नजर आता है और बगल में ही महंत के कथित सुसाइड नोट (Sucide note) में उत्तराधिकारी बताए गए बलबीर गिरि खड़े नजर आते हैं। वीडियो के अगले फ्रेम में एक फोटोग्राफर और एक दरोगा नजर आते हैं।
इसके बाद कैमरा (Camera) कमरे में पड़े बिस्तर और वहां सजाई गईं तस्वीरों व सर्टिफिकेट की ओर घूमता है। अगले फ्रेम में कैमरा कमरे में लगे पंखे की तरफ किया जाता है, जिसमें पंखा चलता हुआ दिखाई देता है। पंखे की रॉड जिस चुल्ले में फंसी होती है, इसी चुल्ले में पीले रंग की नॉयलॉन की उस रस्सी का एक हिस्सा भी फंसा नजर आता है, जिससे बनाए गए फंदे पर महंत का शव लटका मिला।
वीडियो में फर्श पर मृत पड़े महंत के गले में रस्सी का एक टुकड़ा भी फंसा दिखाई देता है। कुछ ही देर बाद आईजी केपी सिंह कमरे के दरवाजे पर खड़े महंत के शिष्यों से यह पूछताछ करते नजर आते हैं कि पंखा (Fan) चल रहा था या इसे किसी ने चलाया। इस पर सुमित नाम का शिष्य पहले यह कहता है कि पंखा उसने चलाया। लेकिन जब आईजी उससे इस बारे में पूछते हैं तो वह इसका जवाब न देकर अन्य बातें बताने लगता है।
दो मिनट से भी कम के इस वीडियो (Video) से बवाल खड़ा हो गया है। दरअसल तमाम लोगों ने सवाल खड़े कर दिए हैं कि चलते पंखे से महंत फांसी कैसे लगा सकते हैं? महंत के अनुयायियों से लेकर संतों और आम लोगों ने भी इस पर काफी सवाल उठाए। पुलिस अब पंखा चलाने वाले शिष्य से पूछताछ करेगी।
इस मसले को लेकर आईजी केपी सिंह (IG KP Singh) ने बताया कि उस समय पुलिस के सामने इतने बड़े संत का शव पड़ा था। उसकी जांच और तफ्तीश करनी थी। किसी सेवादार ने पंखा चला दिया था। यह इतनी बड़ी बात नहीं थी कि इसे तूल दिया जाता।