साइबर फ्रॉड का शिकार हुईं NDTV की पूर्व एंकर निधि राजदान, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में नहीं हुआ था जॉब ऑफर
नई दिल्ली। बीते साल 13 जनवरी को एनडीटीवी समूह के अंग्रेजी चैनल NDTV 24x7 की एंकर निधि राजदान ने अपने ट्विटर हैंडल पर जानकारी साझा कि थी वह एनडीटीवी के साथ 21 साल काम करने का बाद एनडीटीवी छोड़ने वाली हैं। राजदान ने अपने ट्वीट में उसके पीछे की वजह बताई थी कि उनका चयन अमेरिका स्थित हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर हो गया है। इसलिए वह फौरी तौर पर पत्रकारिता को पेशे को अलविदा कह देंगी।
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इसके बाद निधि राजदान एनडीटीवी से इस्तीफा भी दे दिया था। फिर वह सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गईं थीं। लेकिन करीब आठ महीने बाद अब उन्होंने अपने ट्वीट्स में जानकारी दी है कि वह साइबर फ्रॉड की शिकार हो गई हैं।
Some personal and professional news: after 21 years at NDTV, I am changing direction and moving on. Later this year, I start as an Associate Professor teaching journalism as part of Harvard University's Faculty of Arts and Sciences 1/n
— Nidhi Razdan (@Nidhi) June 13, 2020
निधि राजदान ने अपने ट्वीट में बताया है कि उनसे कहा गया कि कोविड महामारी के कारण क्लासेज नहीं हो पा रही हैं। जनवरी 2021 से उनकी क्लासेज लगेंगी, लेकिन लंबे इंतजार के बाद जब उन्हें शक हुआ तो उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी प्रशासन से संपर्क किया तब जाकर पता चला कि उनके साथ साइबर फ्रॉड हो गया है। हार्वर्ड उन्हें कोई भी जॉब का ऑफर नहीं मिला था। निधि ने अब इस मामले में पुलिस में डाटा के साथ शिकायत की है।
I have been the victim of a very serious phishing attack. I'm putting this statement out to set the record straight about what I've been through. I will not be addressing this issue any further on social media. pic.twitter.com/bttnnlLjuh
— Nidhi Razdan (@Nidhi) January 15, 2021
गौरतलब है पिछले साल 13 जून को एनडीटीवी समूह के अंग्रेजी चैनल NDTV 24x7 की एंकर निधि राजदान ने ट्विटर पर ऐलान किया कि 21 साल तक लगातार काम करने के बाद वो एनडीटीवी छोड़ने वाली हैं। राजदान ने बताया कि उनका चयन अमेरिका की मशहूर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में बतौर असिसटेंट प्रोफेसर हो गया है, इसलिए वो अब पत्रकारिता के पेशे को फौरी तौर पर अलविदा कह देंगी। उन्होंने वापसी की गुंजाइश बरकार रखी थी। जिस तरह उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर चुने जाने का ऐलान किया था कुछ वैसा ही ऐलान ठगी पर भी किया है।
'NDTV एंकर का हार्वर्ड में प्रोफेसर होना क्या अकादमिक भ्रष्टाचार का वैश्विक नमूना नहीं?' शीर्षक से जनज्वार के लिए पत्रकार विश्वदीपक ने इस पर पिछले साल टिप्पणी लिखी थी, जिस पर तमाम सवाल उठाये गये थे।
विश्वदीपक ने कहा था, 'यह भी साबित करता है कि बिना किसी योग्यता के एनडीटीवी की एंकर का हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में सीधे प्रोफेसर नियुक्त होना मोदी और बीजेपी की उस दलील को सही साबित करता है, जो हार्ड वर्क की आड़ में हार्वर्ड का मज़ाक उड़ाती है।'