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NFHS Survey: पतियों की पिटाई को जायज मानती हैं 80 फीसदी महिलाएं, ये रहे चौकाने वाले नतीजे

Janjwar Desk
28 Nov 2021 2:53 PM GMT
NFHS Survey: Latest Survey Reveals Women In Large Numbers Justify Domestic Violence
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NFHS Survey: देश की महिलाएं आज भी अपने ऊपर होने वाले अत्याचार को सहने की आदी हो चुकी हैं। देश की बड़ी संख्या में महिलाएं घरेलू हिंसा या पतियों के अत्याचार को नियति मानते हुए इसे सहज ढंग से लेने लगी हैं।

NFHS Survey: देश की महिलाएं आज भी अपने ऊपर होने वाले अत्याचार को सहने की आदी हो चुकी हैं। देश की बड़ी संख्या में महिलाएं घरेलू हिंसा या पतियों के अत्याचार को नियति मानते हुए इसे सहज ढंग से लेने लगी हैं। एक सर्वे (NFHS Survey) में आए नतीजे चौकाने वाले हैं। कई राज्यों की 30 से लेकर 80 प्रतिशत महिलाएं पतियों या ससुराल वाले लोगों द्वारा किए जा रहे अत्याचार व उत्पीड़न को गलत नहीं मानती। इन्होंने पति की पिटाई को जायज माना है।

नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (NFHS) के हाल के सर्वे के अनुसार तीन राज्यों तेलंगाना में 84 प्रतिशत, आंध्र प्रदेश में 84 प्रतिशत और कर्नाटक में 77 प्रतिशत से अधिक महिलाओं ने माना कि पति के हाथों पत्नी की पिटाई एक सामान्य बात है। वह इसे सही ठहराती हैं। जबकि मणिपुर में 66 फीसदी, केरल में 52 फीसदी, जम्मू-कश्मीर में 49 फीसदी, महाराष्ट्र में 44 फीसदी और पश्चिम बंगाल में 42 फीसदी महिलाओं ने पति से पिटाई को सही माना है। सर्वे रिपोर्ट के अनुसार सर्वे में शामिल 18 में से 14 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की 30 फीसदी से अधिक महिलाएं पुरुषों के हाथों महिलाओं की पिटाई को कुछ परिस्थितियों में गलत नहीं मानती हैं।

नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे में महिलाओं से कुछ सवाल पूछे गए थे। इनके जवाब के बाद रिपोर्ट तैयार किया गया। सर्वे में सवाल पूछे गए कि क्या आपके विचार से पति के द्वारा पत्नी की पिटाई जायज है? 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 30 फीसदी से अधिक महिलाओं ने जवाब 'हां' में दिया।

सर्वे ने उन संभावित परिस्थितियों को सामने रखा जिनमें एक पति अपनी पत्नी की पिटाई करता है: यदि उसे उसके विश्वासघाती होने का संदेह है; अगर वह ससुराल वालों का अनादर करती है; अगर वह पति से बहस करती है; अगर वह यौन संबंध बनाने से इनकार करती है; अगर वह उसे बताए बिना बाहर जाती है; अगर वह घर या बच्चों की उपेक्षा करती है; अगर वह अच्छा खाना नहीं पकाती है। सबसे अधिक महिलाओं ने घर या बच्चों की उपेक्षा और ससुराल वालों के अनादर की वजह से पिटाई को सामान्य बताया।

18 राज्यों में से 13 राज्य हिमाचल प्रदेश, केरल, मणिपुर, गुजरात, नागालैंड, गोवा, बिहार, कर्नाटक, असम, महाराष्ट्र, तेलंगाना, और पश्चिम बंगाल की महिलाओं ने 'ससुराल वालों के अनादर' पर पिटाई को जायज बताया। सबसे कम हिमाचल प्रदेश की 14.8 फीसदी महिलाओं ने पति के हाथों पत्नी की पिटाई को जायज बताया। वहीं, कर्नाटक की 81.9 फीसदी महिलाओं ने इसे सही बताया।

इन चार राज्यों में महिलाओं का प्रतिशत अधिक

जिन अन्य राज्यों में घरेलू हिंसा को सही ठहराने वाली महिलाओं का प्रतिशत अधिक है. उनमें- आंध्र प्रदेश (83.6 प्रतिशत), कर्नाटक (76.9 प्रतिशत), मणिपुर (65.9 प्रतिशत) और केरल (52.4 प्रतिशत) शामिल हैं. जबकि हिमाचल प्रदेश और त्रिपुरा के पुरुषों में घरेलू हिंसा को लेकर स्वीकृति सबसे कम देखी गई. केवल 14.2 प्रतिशत, 21.3 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने इसको लेकर सहमति व्यक्त की.

इन सवालों से निकला सर्वे का नतीजा

नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे में महिलाओं से कुछ सवाल पूछे गए थे। इनके जवाब के बाद रिपोर्ट तैयार किया गया। सर्वे में सवाल पूछे गए कि क्या आपके विचार से पति के द्वारा पत्नी की पिटाई जायज है? 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 30 फीसदी से अधिक महिलाओं ने जवाब 'हां' में दिया।

किन परिस्थितियों में होती है महिलाओं की पिटाई

सर्वे ने उन संभावित परिस्थितियों को सामने रखा जिनमें एक पति अपनी पत्नी की पिटाई करता है: यदि उसे उसके विश्वासघाती होने का संदेह है; अगर वह ससुराल वालों का अनादर करती है; अगर वह पति से बहस करती है; अगर वह यौन संबंध बनाने से इनकार करती है; अगर वह उसे बताए बिना बाहर जाती है; अगर वह घर या बच्चों की उपेक्षा करती है; अगर वह अच्छा खाना नहीं पकाती है। सबसे अधिक महिलाओं ने घर या बच्चों की उपेक्षा और ससुराल वालों के अनादर की वजह से पिटाई को सामान्य बताया।

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