Nirbhaya Fund Shinde: निर्भया फंड से खरीदी गई गाड़ियां शिंदे के नेताओं की सुरक्षा में हुई यूज, 6 माह बाद हुआ खुलासा
Nirbhaya Fund Shinde: निर्भया फंड से खरीदी गई गाड़ियां शिंदे के नेताओं की सुरक्षा में हुई यूज, 6 माह बाद हुआ खुलासा
Nirbhaya Fund Shinde: इंडियन एक्सप्रेस (Indian Express) में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं के खिलाफ हो रहे क्राइम से निपटने के लिए निर्भया फंड से खरीदी गई गाड़ियों का इस्तेमाल नेताओं को सुरक्षा देने में किया जा रहा है। बता दें कि महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराधों को देखते हुए सरकार ने 2013 में महिला सुरक्षा के उद्देश्य से राज्यों के लिए ये फंड बनाया था।
रिपोर्ट के मुताबिक इस साल जून में मुंबई पुलिस ने 220 बोलेरो और 35 अर्टिगा गाड़ियां, 313 पल्सर मोटरसाइकल के अलावा 200 एक्टिवा स्कूटर खरीदे थे। इसके लिए निर्भया फंड से 30 करोड़ रूपये निकाले गये थे। जुलाई महीनें में ये गाड़िया अलग-अलग पुलिस स्टेशनों में बांट दी गई थीं। ये वो फंड था जिसे सरकार ने योजनाओं के कार्यान्वयन को ध्यान में रखते हुए बनाया था।
अपनी रिपोर्ट में अखबार ने लिखा है कि इस साल जुलाई में महाराष्ट्र में जारी सियासी उठापटक के बीच एकनाथ शिंदे गुट के 40 विधायकों (MLA) और एक दर्जन मंत्रियों को वाई प्लस सुरक्षा देने के लिए मोटर ट्रांसपोर्ट विभाग ने मुंबई पुलिस से 47 बोलेरो देने की गुजारिश की। तुरंत सुरक्षा व्यवस्था देने की ये गुजारिश VIP सिक्योरिटी विभाग की तरफ से की गई थी।
सुरक्षा के लिए जो 47 बोलेरो दी गई उनमें से 17 वापस आ गईं, लेकिन 30 गाड़ियां अब तक वापस नहीं आई हैं। वाई प्लस स्तर की सुरक्षा में एक गाड़ी के साथ पांच पुलिसकर्मी व्यक्ति की सेवा में लगाये जाते हैं। ये चौबीसों घंटे ड्यूटी पर रहते हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के हवाले से अखबार ने बताया कि, जून में नई बोलेरो खरीदने के बाद अलग-अलग पुलिस स्टेशनों को दी गई थीं।
अधिकारी ने कहा जहां-जहां गाड़ियों की कमी थी, वहां इस कारण कोई जरूरी काम ना रूके। शहर के 95 पुलिस स्टेशनों को गाड़ियां दी गई थीं। संवेदनशील इलाकों की पहचान कर कुछ पुलिस स्टेशनों को एक गाड़ी दी गई जबकि कुछ पुलिस स्टेशनों को दो गाड़ियां दी गई थीं। अखबार ने लिखा है कि, पुलिस स्टेशनों को गाड़ी दिये जाने के कुछ दिन बाद सुरक्षा में लगाने के लिए इन्हें वापस मांगा गया था।
मोटर ट्रांसपोर्ट विभाग के एक सूत्र के हवाले से इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा है कि, सुरक्षा के लिए गाड़ियों की व्यवस्था उन्हें करनी थी, जिसके लिए अस्थायी तौर पर 30 गाड़ियां पुलिस स्टेशनों से वापस मांगी गई थीं। पुलिस स्टेशनों की गुजारिश पर कुछ गाड़ियां वापस मिलीं लेकिन अभी भी कुछ गाड़ियां वापस नहीं आई हैं।