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Bilkis Bano Case: 'न्याय शब्द से मेरा विश्वास उठ गया' - अपने 11 बलात्कारियों की रिहाई पर छलका बिल्किस बानो का दर्द

Janjwar Desk
18 Aug 2022 12:44 PM IST
न्याय शब्द से मेरा विश्वाश उठ गया, आजाद घूम रहे 11 दोषियों पर बोली पीड़िता
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'न्याय शब्द से मेरा विश्वाश उठ गया', आजाद घूम रहे 11 दोषियों पर बोली पीड़िता 

Bilkis Bano Case: गोधरा कांड के दौरान रंधिकपुर गांव में बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप और उनके परिवार के 7 सदस्यों की हत्या के दोषियों की रिहाई और उनके सम्मान ने बिस्मिल बानो का कानून पर से विश्वास उठा दिया है...

Bilkis Bano Case: गोधरा कांड के दौरान रंधिकपुर गांव में बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप और उनके परिवार के 7 सदस्यों की हत्या के दोषियों की रिहाई और उनके सम्मान ने बिस्मिल बानो का कानून पर से विश्वास उठा दिया है। दोषियों की इस रिहाई के बाद बिलकिस बानो का दर्द सबके सामने झलक उठा उन्होंने कहा कानून पर से अब मेरा विश्वास उठ गया है। बता दें कोर्ट ने सभी दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी, लेकिन 15 साल सजा पूरी होने के बाद सभी दोषियों को रिहाई दे दी गई है। गोधरा कांड के सभी दोषियों को सरकार ने रिहा कर दिया है।

दोषियों की रिहाई ने छीन ली शांति

इस पूरे मामले में बिलकिस ने अपने एक बयान में कहा, में केवल यही कह सकती हूं कि किसी भी महिला के लिए न्याय इस तरह से कैसे समाप्त हो सकता है। मुझे अपने देश की सर्वोच्च अदालत के ऊपर भरोसा था। मुझे सिस्टम पर भरोसा था और मैं धीरे-धीरे अपने साथ हुए इस हादसे के साथ जीना सीख रही थी। इन दोषियों की रिहाई ने मेरी शांति छीन ली है और न्याय पर मेरे विश्वास को पूरी तरह खत्म कर दिया है।

बिलकिस बानो मामला

बता दें 27 फरवरी 2002 को गुजरात के गोधरा स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस के कोच को जला दिया गया था। इस ट्रेन से कारसेवक अयोध्या से लौट रहे थे। इससे कोच में बैठे 59 कारसेवकों की मौत हो गई थी। इसके बाद गुजरात में दंगे भड़क गए थे। दंगों की आग से बचने के लिए बिलकिस बानो अपनी बच्ची और परिवार के साथ गांव छोड़कर चली गई थी। बिलकिस बानो और उनका परिवार जहां छिपा था वहां 3 मार्च 2002 को 20-30 लोगों की भीड़ ने तलवार और लाठियों से हमला कर दिया। भीड़ ने बिलकिस बानो के साथ बलात्कार किया उस समय दिल के 5 महीने की गर्भवती थी। इतना ही नहीं उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या भी कर दी थी। बाकी सदस्य वहां से भाग गए थे। इस मामले में सीबीआई के स्पेशल कोर्ट ने 21 जनवरी 2008 को सभी 11 दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी।

कमेटी ने लिया फैसला

बिलकिस बानो के दोषियों को रिहा करने से पहले एक कमेटी बैठाई गई थी। इस कमेटी में इस बात पर सलाह मशवरा हुआ था कि इस केस के दोषियों को रिहा किया जाए या नहीं गोधरा के कलेक्टर सुजल मायात्रा को इस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया था। इस कमेटी में पंचमहाल से बीजेपी के दो विधायक गोधरा के विधायक सी.के.राउलजी, विधायक सुमन चौहान, पंचमहाल के सांसद जसवंत सिंह राठोड समेत 11 लोगों को शामिल किया गया था।

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