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Pandora Papers leak : सचिन से लेकर अनिल अंबानी तक 'पेंडोरा टैक्स हेवन' के भागीदार

Janjwar Desk
5 Oct 2021 9:21 AM IST
Pandora Papers leak : सचिन से लेकर अनिल अंबानी तक पेंडोरा टैक्स हेवन के भागीदार
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क्रिकेट के भगवान सचिन से लेकर खुद को दिवालिया घोषित करने वाले मोदी के मित्र अनिल अंबानी के नाम पेंडोरा पेपर्स लीक में शामिल

टैक्स चोरी से जुड़े 14 सर्विस प्रोवाइडर्स के दस्तावेजों में ऐसे लोगों का नाम शमिल है, जिनका काम ही इसे रोकना है, इनमें पूर्व रेवेन्यू सर्विस ऑफिसर, पूर्व टैक्स कमिश्नर, पूर्व सैन्य अधिकारी तक शामिल हैं...

दिनकर कुमार की रिपोर्ट

Pandora Papers leak, जनज्वार। भारत के बैंकों से करोड़ों रुपए का कर्ज डकार कर अभिजात्य वर्ग के अनेक कारोबारी विदेश के 'टैक्स हेवन' में जमा करते रहे हैं। इनमें शामिल तमाम लोग पीएम मोदी (PM Modi) के मित्र हैं, जिनके लिए भारत के बैंकों का खजाना खाली करना भाजपा राज में बाएं हाथ का खेल बन गया है। सरकार का संरक्षण मिलने के कारण ये सफेदपोश लुटेरे धड़ल्ले से भारत का धन लूटकर विदेश में जमा करते रहे हैं। उनके काले कर्मों का खुलासा होने पर भी सरकार उनका बाल भी बांका नहीं कर सकती।

पनामा पेपर्स लीक (Panama Papers leak) के बाद अब पेंडोरा पेपर्स लीक का मामला सामने आया है। इस पेपर्स लीक में भारत समेत दुनिया के कई अमीर और सबसे शक्तिशाली लोगों के गुप्त सौदे और छिपाई गई संपत्ति के बारे में खुलासा हुआ है। पेंडोरा पेपर्स लीक में दुबई, मोनाको, स्विटजरलैंड और केमैन आइलैंड्स जैसे देशों में दुनियाभर की कई विदेशी कंपनियों और ट्रस्टों के पीछे के लोगों का पता लगाने के लिए एक करोड़ से अधिक फाइलों की जांच की गई है।

द गार्जियन न्यूज़ के मुताबिक पेंडोरा पेपर्स लीक में वर्तमान और पूर्व राष्ट्रपतियों, प्रधानमंत्रियों और राष्ट्राध्यक्षों सहित विश्व के 35 नेताओं का नाम शामिल हैं। इसके अलावा इसमें 90 से अधिक देशों के 300 ऐसे नाम हैं जिसमें मंत्री, अधिकारी, जज, महापौर, सैन्य जनरल शामिल हैं। हैरानी की बात तो ये है कि इस पेपर्स लीक में भारत के लगभग 300 लोगों के नाम शामिल हैं। इसमें कुछ पूर्व सांसद भी हैं, जिनका नाम पेंडोरा पेपर्स लीक में शामिल है। वहीं, पड़ोसी देश पाकिस्तान के लगभग 700 नाम शामिल हैं।

इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (आईसीआईजे) की ओर से की तैयार किए गए दस्तावेज में 100 धनकुबेरों के अलावा, रूस, इंडिया, पाकिस्तान, यूके, मैक्सिको के सेलिब्रिटियों के नाम पर कंपनियां मिली हैं। पेंडोरा पेपर्स, किंग ऑफ जॉर्डन, यूक्रेन, केन्या के राष्ट्रपतियों, चेक रिपब्लिक के प्रधानमंत्री और पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर से संबंधित जानकारी को उजागर करता है।

पांच साल पहले पनामा पेपर लीक ने सारी दुनिया में तहलका मचा दिया था। बड़ी-बड़ी हस्तियों की फर्जी कंपनियों और टैक्स चोरी की सच्चाई सामने आई थी। अब एक बार फिर इंटरनैशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (International Consortium of Investigative Journalists) ने अब तक का सबसे बड़ा खुलासा किया है। इसमें बताया गया है कि कैसे पूरे खेल का पर्दाफाश होने के बाद भारतीय हस्तियों ने इसका तोड़ निकालना शुरू कर दिया था।

दुनियाभर के 1.19 करोड़ दस्तावेजों को खंगालने के बाद सच्चाई को दुनिया के सामने लाया गया है। आईसीआईजे ने बताया था कि पैंडोरा पेपर की जांच में 117 देशों के 600 रिपोर्टर जुटे रहे। इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट में बताया गया है कि अनिल अंबानी जो खुद को ब्रिटेन की कोर्ट में दिवालिया बताते हैं, उनके पास भी विदेश में 18 कंपनियां हैं।

वहीं, पंजाब नैशनल बैंक से हजारों करोड़ का घोटाला करने वाले हीरा व्यापारी नीरव मोदी की बहन ने उसके भागने के एक महीने पहले ही एक ट्रस्ट बनाया था। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पनामा पेपर लीक के बाद भारतीयों ने अपनी संपत्ति को 'रीऑर्गनाइज' करना शुरू कर दिया। इसके मुताबिक क्रिकेट लेजेंड सचिन तेंदुलकर ने भी लीक के तीन महीने बाद ही ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में अपनी संपत्ति बेचने में जुट गए थे।

रिपोर्ट में बताया गया है कि 300 से ज्यादा भारतीय नामों में से 60 के बारे में सबूत जुटाए गए और जांच की गई। इनके बारे में आने वाले दिनों में खुलासा किया जाएगा। इन लोगों ने टैक्स से बचने के लिए आर्थिक अपराधों और जांच की आंच झेलते हुए समोआ, बेलीज, कुक आइलैंड से लेकर ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड और पनामा में टैक्स हेवन बना रखे हैं।

इनमें से कई लोगों के खिलाफ पहले से जांच चल रही है और कुछ पहले ही धरे जा चुके हैं। यहां तक कि कुछ पूर्व सांसदों के नाम भी लिस्ट में शामिल हैं। दिलचस्प बात यह है कि टैक्स चोरी से जुड़े 14 सर्विस प्रोवाइडर्स के दस्तावेजों में ऐसे लोगों का नाम दिखता है, जिनका काम ही इसे रोकना है। इनमें पूर्व रेवेन्यू सर्विस ऑफिसर, पूर्व टैक्स कमिश्नर, पूर्व सैन्य अधिकारी तक शामिल हैं।

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