Pandora Papers Leak : भारत के धनकुबेरों ने विदेशों में गुप्त तरीके से पैसे को लगाया ठिकाने, सचिन समेत कई दिग्गजों के नाम शामिल
Pandora Papers Leak जनज्वार। पैंडोरा पेपर्स (Pandora Papers) के नाम से बड़ा खुलासा हुआ है। 14 कंपनियों के 1 एक करोड़ 19 लाख से ज्यादा दस्तावेजों की एक साल तक पड़ताल करने के बाद खुलासा हुआ है कि इसमें भारत के उन बड़े उद्योगपतियों, कारोबारियों, व्यापारियों, खिलाड़ियों, मंत्रियों, नेताओं के नाम भी शामिल हैं जिन्होंने विदेशों में गुप्त तरीके से धन को छुपाया।
इनमें भारत रत्न सचिन तेंदुलकर और उनकी पत्नी अंजलि तेंदुलकर का भी नाम शामिल है। सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar), उनकी पत्नी अंजली तेंदुलकर और ससुर आनंद मेहता के नाम से ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स में सास इंटरनेशनल नाम की एक कंपनी रजिस्टर्ड थी। इस कंपनी की जानकारी पहले पनामा पेपर्स में आई थी जिसके बाद इसे लिक्विडेट कर दिया गया था। इस विदेशी सम्पति को 2016 में लिक्विडेट किया गया और 26.8 लाख डॉलर के शेयरों का बायबैक कर लिया गया यानी बाजार से अपने शेयर को वापस खरीद लिया गया।
रिपोर्ट के मुताबिक सचिन के 9 शेयर हैं। जिनकी कीमत 856702 डॉलर यानि 63395948 भारतीय रुपये है। वहीं अंजलि तेंदुलकर के 14 शेयर हैं जिनकी कीमत 1,375,714 डॉलर (10,180,2836 रुपये) है। वहीं सचिन के ससुर आनंद मेहता के 5 शेयर हैं जिनकी कीमत 453082 डॉलर यानि 33528068 रुपये है।
बता दें कि सचिन राज्यसभा (Rajya Sabha) के मनोनीत सदस्य हैं और राज्यसभा के मनोनीत सदस्य को लोकसभा सदस्यों की तरहत अपनी संपत्ति का ब्यौरा देने की आवश्यकता नहीं है। इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इंवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट (ICIJ) ने अपनी पड़ताल में पाया कि पनामा पेपर्स लीक होने के बाद भारतीयों ने हवाला के पैसे को ठिकाने लगाना शुरू कर दिया था। इस पड़ताल में भारत का अखबार 'द इंडियन एक्सप्रेस' भी शामिल था।
आईसीआईजे की पड़ताल में दावा किया गया है कि इसमें तीन सौ से ज्यादा भारतीयों के नाम शामिल हैं जिनमें उद्योगपति अनिल अंबानी, नीरव मोदी की बहन और किरन मजूमदार शॉ के पति जैसे लोग शामिल हैं।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक साठ से ज्यादा महत्वपूर्ण लोगों और कंपनियों की पड़ताल की गई है जिनका खुलासा आने वाले दिनों में किया जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक पनामा पेपर्स के खुलासे के बाद इन धनकुबेरों ने अपना धन छिपाने के लिए नए तरीके ढूंढ लिए हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक भारत, रूस, अमेरिका और मेक्सिको समेत कई देशों के 130 अरबपति अपने धन को अलग-अलग हिस्सों में बांटकर सरकार की नजरों से बच रहे हैं। इसलिए वह विदेशों कई ट्रस्ट स्थापित कर रहे हैं। पैंडोरा पेपर्स में पड़ोसी पाकिस्तान का भी नाम सामने आया है।
इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि सचिन की पत्नी अंजली तेंदुलकर और ससुर आनंद मेहता (Anand Mehta) के नाम पर ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स (BVI) में कुछ कंपनियां थीं, जिनका खुलासा पनामा लॉ फर्म एलकोगल की रिपोर्ट में भी हुआ था। एलकोगल पैंडोरा पेपर्स का हिस्सा है। बीवीआई स्थित सास इंटरनेशनल लिमिटेड नाम की कंपनी में तेंदुलकर का परिवार डायरेक्टर और बीओ है। इस कंपनी का पहला उल्लेख 2007 में किया गया था। जुलाई 2016 में कंपनी को लिक्विडेट करने तक इसके मालिकों और आर्थिक फायदों का पूरा वर्णन पैंडोरा रिकॉर्ड्स के पास है।
वहीं यह बड़ा खुलासा होने के बाद सोशल मीडिया पर भी चर्चा होनी शुरू हो गई है। वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल ने लिखा- "भारत रत्न सचिन तेंदुलकर! इसे भारत रत्न देना UPA-2 का कुकर्म है। कार के टैक्स का मामला हो चुका था। कोला ड्रिंक्स का विज्ञापन दुनिया का कोई बड़ा खिलाड़ी नहीं करता। इन्होंने पेप्सी बेची। जयपाल सिंह मुंडा और ध्यानचंद की अनदेखी करके इसे भारत रत्न दिया।"
मंडल ने एक दूसरे ट्वीट में लिखा कि भारत जैसे गरीब देश का पैसा ग़लत तरीक़े से बाहर भेजना निंदनीय है। इन्हें गिरफ़्तार कर केस चलाना चाहिए। कांग्रेस को पश्चाताप करना चाहिए कि भारत गौरव जयपाल सिंह मुंडा और ध्यानचंद की जगह पेप्सी बेचने वाले सचिन को भारत रत्न दिया।
पत्रकार पुनीत कुमार सिंह लिखते हैं- "स्विस खाते में 1100 काला-धन चोरों के नाम थे, पनामा पेपर्स में 500, पैराडाईज पेपर्स में 700, और अब पैंडोरा पेपर्स में 300 नाम... क्या किसी एक पर भी कारवाई हुई.? ये है राजा हरिश्चन्द्र बनने वाले नरेन्द्र मोदी की हकीकत.! खाएंगे भी खिलाएंगे भी और कमीशन मिले... तो विदेश भगाएंगे भी.!!"