कोरोना मृतकों को याद कर भावुक हुए PM मोदी तो पूर्व IAS ने कहा 'मोदी जी काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती'
कांफ्रेंसिंग के दौरान पीएम कोरोना मृतकों को याद कर हुए भावुक.लोगों ने कहा देर से हुआ पाखंड. photo - TOI
जनज्वार, नई दिल्ली। अपने एक बयान के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना महामारी से जान गंवाने वालों को याद कर भावुक हो गए। आज पीएम मोदी ने एक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोविड के दौरान जान गंवाने वालों को याद कर रहे थे। इसी दौरान अचानक पीएम भावुक हो गए, आंसू आ गए। शोसल मीडिया की तमाम सेलेब्रिटियों ने इसे उनका पाखंड बताया है।
PM Modi gets emotional, remembers those who lost their lives during Covid https://t.co/n6A0SIvWgz pic.twitter.com/3O9ZzdaJDM
— The Times Of India (@timesofindia) May 21, 2021
पत्रकार व कॉलमनिस्ट स्वाती चतुर्वेदी पीएम के रोने का वीडियो ट्वाट करते हुए लिखा है कि 'उस आदमी का क्या प्रदर्शन था जो "दीदी ओह दीदी" कहना बंद नहीं कर सका जब लोग हवा के लिए हांफने लगे और मर गए। अपनी रैली की भीड़ के आकार से मोदी भी रोमांचित थे।'
What a performance from the man who couldn't stop saying "didi oh didi" when people gasped for air & died. Modi was also thrilled by the size of his rally crowds pic.twitter.com/P7wAZT4ESD
— Swati Chaturvedi (@bainjal) May 21, 2021
वहीं पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह लिखते हैं 'मोदी जी, जब लोग मर रहे थे तब आप बंगाल में 'दीदी ओ दीदी' कर रहे थे, भीड़ देखकर उत्साहित हो रहे थे, अब आपकी इस झूठी संवेदना और नक़ली आंसुओं को देश अच्छी तरह समझता है। काठ की हांडी बार बार नहीं चढ़ती।'
मोदी जी, जब लोग मर रहे थे तब आप बंगाल में 'दीदी ओ दीदी' कर रहे थे, भीड़ देखकर उत्साहित हो रहे थे, अब आपकी इस झूठी संवेदना और नक़ली आंसुओं को देश अच्छी तरह समझता है।
— Surya Pratap Singh IAS Rtd. (@suryapsingh_IAS) May 21, 2021
काठ की हांडी बार बार नहीं चढ़ती। pic.twitter.com/ldqCAyNffJ
बताते चलें देश विषम परिस्थितियों में चल रहा है। कोरोना की दूसरी लहर की शुरूआत बंगाल चुनाव के वक्त हुई थी। जब पीएम मोदी को देश की चिंता करनी चाहिए थी तब वह चुवाव चीतने और प्रचार करने में मशरूफ रहे थे। यहां तक की विदेशी मीडिया ने भी उनके खिलाफ खुला मोर्चा खोल दिया। तमाम किरकिरी के बाद आज मोदी का यह रोता हुआ वीडियो सामने आया है। बिना नाम लिए ही वरिष्ठ पत्रकार अजीत अंजुम ने भी कमेंट किया है 'ये लास्ट attempt था, बोले तो आखिरी हथियार।'
नहीं अभी बाकी है, नाटक लिखे जा रहे, गंगा के पास जाकर रोना, सभी जल प्रवाहित लोगों का एक साथ संस्कार, कहिये बाल बना ले दाढ़ी भी
— Dhananjay Singh (@Dhananj04231790) May 21, 2021
भाजपा की मोदी सरकार ने चुनावी रण जीतने के लिए देश को चिताओ में झोंक दिया। जानकार लोग तब यही कह रहे थे कि चुनाव बाद प्रधानमंत्री अपना आखिरी हथियार भी इस्तेमाल करेंगे। और हथियार के तौर पर वह टीवी पर आकर रो देंगे। जनता को भावुकता में समेटने का हमेशा की तरह प्रयास करेंगे।
देश को अपराध बोध के आँसु नही,
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) May 21, 2021
एक उदार हृदय शासक चाहिए, जो कर्तव्य निभाए।
शासक को आँसुओं की सहानुभूति जुटाने की बजाय...,
करोड़ों परिवारों की पहाड़ सी मुसीबतों और लाखों परिजनों के खोने के बिछोह पर मरहम लगाना ही 'राज धर्म' भी है और 'देश सेवा' भी !#COVID19 #COVID19India