PM Security Issue: पीएम मोदी के पॉलिटीकल स्टंट की खुलने लगीं कड़ियां, वहां किसान नहीं BJP लीडर्स थे, पढ़ें यह कबूलनामा..
(पीएम के पॉलिटीकल स्टंट का खुलने लगा मेलोड्रामा)
PM Security Issue: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंजाब के भटिंडा हवाई अड्डे पर पंजाब के किसी अधिकारी को तथाकथित तौर पर कहा कि 'अपने मुख्यमंत्री को धन्यवाद कहना। मैं ज़िन्दा लौट आया हूँ।' सबसे पहले तो यह साफ नहीं है कि उन्होने यह बात आखिर किससे कही। दूसरी बात अब यह तस्वीरें भी साफ होने लगी हैं, जिसे लेकर इतना बड़ा पॉलिटीकल कार्ड खेला गया।
पूरे देश भर में पीएम की जान को ख़तरे पर तरह-तरह की बातें होने लगीं। किसी ने इसे खूनी साज़िश कहा तो किसी ने हमला ही बता दिया। पंजाब के किसानों से जान के ख़तरे की बात हुई और फिर दूसरे पक्ष ने इसे झूठ बताया। क्योंकि प्रधानमंत्री को विरोध कर रहे किसानों से जान का ख़तरा था ही नहीं। फिर उन्होंने ज़िन्दा लौट आने की बात क्यों कही?
तो इसे समझने के लिए उपर की तस्वीर को देखिए। इसमें वो आदमी है जो फ़िरोज़पुर जाते हुए फ़्लाईओवर पर प्रधानमंत्री के रूके क़ाफ़िले के नज़दीक से लिए गए ताज़ा वीडियो में दिख रहा है। यह वीडियो सोशल मीडिया में वायरल है जिसमें भाजपा के झंडे के साथ लोग मोदी ज़िन्दाबाद के नारे लगा रहे हैं और यह आदमी भी साफ़ दिख रहा है।
आगे की तस्वीरों में यही आदमी प्रज्ञा ठाकुर और अजय मिश्र टेनी के साथ दिखेगा। अब प्रज्ञा ठाकुर और टेनी के साथ दिखने वाले आदमी को अपने रूके क़ाफ़िले के इतना नज़दीक देख यदि प्रधानमंत्री डर गए तो इसमें क्या अचरज है? प्रधानमंत्री प्रज्ञा ठाकुर और टेनी से पूर्ण परिचित हैं। और प्रज्ञा ठाकुर को तो उन्होंने 'मन से माफ़' नहीं किया है, ऐसा वे खुद कह चुके हैं।
इस मामले में सोशल मीडिया यूजर मनोज तिवारी लिखते हैं कि, प्रधानमंत्री का डरना स्वभाविक है। ये पूर्णत: उनका यानी भाजपा घरेलू मामला प्रतीत होता है। वैसे भी मामला सुप्रीम कोर्ट में है और पंजाब तथा केंद्र सरकार इसकी जाँच करा ही रहे हैं तो अब इस मामले पर बहस बंद होनी चाहिए। लौट आइए ज़रूरी मुद्दों पर। प्रधानमंत्री सकुशल हैं। बढ़ते संक्रमण, महंगाई और बेरोज़गारी से आपको कैसे राहत मिले, अब इसकी बात होनी चाहिए।
बताते चलें कि 05 जनवरी को प्रधानमंत्री की पंजाब के फिरोजपुर में रैली होनी थी। कहा जा रहा कि रैली में भीड़ ही नहीं थी जिसके चलते रैली में न पहुँचकर प्रधानमंत्री ने यह पूरा रंग रंग दिया। किसानों द्वारा अपने काफिले को घेरे जाने की बात कहकर उन्होने वापस दिल्ली का रूख अख्तियार किया था। जिसके बाद पूरे देश में राजनीतिक माहौल गरम हो गया था। लोग पीएम की सलामती के लिए यज्ञ तपस्या तक करने लगे थे।
जबकि कई वायरल हुए वीडियो में साफ देखा जा रहा है कि वहां पीएम का रास्ता किसानों ने नहीं बल्कि उनके अपने ही नेताओं और कार्यकर्ताओं ने रोका था, जो नरेंद्र मोदी जिंदाबाद के नारे लगाते हुए वीडियो में कैद हुए थे। तो यहां एक अहम सवाल ये उठता है कि आखिर पीएम ने ऐसा किया क्यों? क्या उन्होने महज वोट पाने, पॉलिटीकल स्टंट और लोगों से भावनात्मक सहानुभूति भर पाने के लिए किया? तो अगर पीएम ने यह महज इसलिए किया तो यकीनन उन्होने भारत के प्रधानमंत्री जैसे पद की गरिमा को कहीं न कहीं ठेस भी पहुँचाने का काम किया है।