Begin typing your search above and press return to search.
राष्ट्रीय

'मणिपुर हिंसा पर PM मोदी की नहीं खुलती जुबान, मगर इजरायल के पक्ष में खड़ा होने का जारी कर देते हैं बयान'

Janjwar Desk
11 Oct 2023 11:09 PM IST
मणिपुर हिंसा पर PM मोदी की नहीं खुलती जुबान, मगर इजरायल के पक्ष में खड़ा होने का जारी कर देते हैं बयान
x
संविधान बचाओ लोकतंत्र बचाओ रैली में भाजपा को सत्ता से बेदखल करने का किया गया आह्वान, लखनऊ के ईको गार्डन में वामपंथी-लोकतांत्रिक दलों ने आयोजित की विशाल रैली...

लखनऊ। वामपंथी और लोकतांत्रिक दलों के आह्वान पर आज 11 अक्टूबर को लखनऊ के ईको गार्डन पार्क में 'संविधान बचाओ लोकतंत्र बचाओ' रैली में पूरे प्रदेश से भारी जनसमूह उमड़ा।

रैली को भाकपा (माले) के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य, सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी, सीपीआई के महासचिव डी राजा, फारवर्ड ब्लॉक के महासचिव जी देवराजन व लोकतांत्रिक जनता दल के अध्यक्ष जावेद रजा ने मुख्य रूप से संबोधित किया।

माले महासचिव दीपंकर ने अपने संबोधन की शुरुआत गाजा पट्टी में इजरायल की बमबारी की आलोचना से की। कहा कि गाजा में राशन-पानी-दवा की आपूर्ति रोकने व इजरायल की घेराबंदी से बच्चों की मौतें हो रही हैं। पीएम मोदी जब मणिपुर जब जल रहा था एक शब्द नहीं बोले, मगर उन्होंने इजरायल के पक्ष में खड़ा होने का बयान दिया। यह फिलिस्तीन को लेकर भारत के पूर्व के रुख से प्रस्थान है, जो अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व के काल में भी नहीं था। ऐसा नहीं होना चाहिए। यह गलत रुख है। भारत को पहल कर युद्ध को समाप्त करने और फिलिस्तीन समस्या का राजनीतिक समाधान निकालने की कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने अलीगढ़ विवि में फिलिस्तीन के पक्ष में मार्च निकालने वाले छात्रों पर मुकदमा दर्ज करने की निंदा की और कहा कि गाजा में बच्चों को बचाना इंसानियत के पक्ष में खड़ा होना है।

कामरेड दीपंकर ने कहा कि संसद का विशेष सत्र बुलाकर महिला आरक्षण विधेयक पारित कराया गया, लेकिन उसे लागू नहीं किया गया। यह महिला आरक्षण का अपमान है। इसे परिसीमन और जनगणना से जोड़ने का कोई तुक नहीं है। महिला आरक्षण तुरंत लागू हो और उसमें पिछड़े-दलित-आदिवासी महिलाओं के लिए कोटा भी तय किया जाए।

माले महासचिव ने बिहार में हुई जातीय जनगणना के स्वागत करते हए इसे देश स्तर पर कराने की मांग की। कहा कि इस जनगणना ने संघ-भाजपा के इस मिथक को चकनाचूर कर दिया कि मुस्लिमों की आबादी तेजी से बढ़ रही है। इस जनगणना से स्पष्ट हुआ कि उनकी आबादी 17 प्रतिशत के ही करीब है। दूसरी बात सामने आई कि पिछड़ा वर्ग की आबादी 52 प्रतिशत नहीं, बल्कि 63 प्रतिशत है। उन्होंने अल्पसंख्यकों को भी आरक्षण के दायरे में लाने और कुल आरक्षण की सीमा बढ़ाने व तर्कसंगत बनाने की बात की। आर्थिक आधार पर दिया जा रहे आरक्षण, जिसमें कुल करीब सात प्रतिशत आबादी को 10 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा है, की समीक्षा होनी चाहिए। निजीकरण आरक्षण की व्यवस्था को निष्फल कर रहा है। निजीकरण पर रोक लगनी चाहिए। शिक्षा और रोजगार के अधिकार को लेकर संघर्ष तेज करना होगा।

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार संविधान को बदलने की साजिश कर रही है। वह अंबेडकर के बनाये संविधान को खत्म करके गुलामी थोपने और राष्ट्र की संपदा को अडानी-अंबानी को सौंपना चाहती है। इसे रोकना होगा।

कामरेड दीपंकर ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश को बड़ी भूमिका निभानी है और भाजपा को विदा करना है। इसके लिए बड़ी एकता की जरुरत है। उन्होंने शाहीनबाग आंदोलन से लेकर, किसान आंदोलन, महिला पहलवानों के आंदोलन, पुरानी पेंशन बहाली आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि 2024 में भाजपा को सत्ता से हटाने का संघर्ष दूसरी आजादी के लिए संघर्ष जैसा है। इसके लिए मजदूरों, किसानों, छात्रों, नौजवानों, महिलाओं की एकता बननी चाहिए। इंडिया गठबंधन जो बना है, वह परिस्थिति की मांग है। कहा कि आजादी के समय विभिन्न विचार वाली ताकतें अंग्रेजों की गुलामी के खिलाफ एकजुट होकर लड़ीं थीं। तब भगत सिंह ने कहा था कि आजादी का मतलब गोरों की जगह भूरे साहबों की गुलामी नहीं है। अम्बेडकर ने कहा था कि हिन्दू राष्ट्र इस देश के लिए बड़ी आफत होगी। दीपंकर ने कहा कि वह समय आ गया है, जब भाजपा से लड़ने के लिए बड़ी एकता बने।

माले महासचिव ने न्यूज़क्लिक और उससे जुड़े पत्रकारों-लेखकों पर दिल्ली पुलिस के छापों व गिरफ्तारियों की निंदा की। कहा कि मोदी सरकार में चाटुकारिता को पत्रकारिता और सही पत्रकारिता को आतंकवाद बताया जा रहा है। उन्होंने न्यूज़क्लिक के पत्रकारों के साथ एकजुटता जताई और उनके खिलाफ उत्पीड़न की कार्रवाई समाप्त करने की मांग की।

माले नेता ने कश्मीर में कारगिल के स्वायत्त परिषद के चुनाव में भाजपा के सफाये पर खुशी जताते हुए कहा कि भाजपा से हर अपमान का बदला लेने के समय आ गया है। चाहे वह नई संसद के उद्घाटन में आदिवासी राष्ट्रपति मुर्मू को न बुलाकर अपमानित करने या एमपी-यूपी में आदिवासियों-दलितों पर पेशाब करने के अपमान का बदला हो। उन्होंने आजादी, लोकतंत्र, सामाजिक न्याय व भाईचारा के झंडे को बुलंद कर पांच राज्यों के चुनाव सहित आगामी आम चुनाव में भाजपा को परास्त करने की अपील की।

अन्य दलों के राष्ट्रीय नेताओं ने भी आगामी आम चुनाव में इंडिया गठबंधन को जिताने का आह्वान किया। रैली को भाकपा के गिरीश शर्मा, माकपा की सुभाषिनी अली, माले के ईश्वरी प्रसाद कुशवाहा व कृष्णा अधिकारी सहित अन्य वक्ताओं ने भी संबोधित किया।

Next Story

विविध