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पिछले 5 सालों में पुलिस एनकाउंटर के मामले पर गृह मंत्रालय ने दिया जवाब, छत्तीसगढ़ टॉप तो दूसरे नंबर पर है उत्तर प्रदेश

Janjwar Desk
10 Feb 2022 3:41 PM IST
पिछले 5 सालों में पुलिस एनकाउंटर के मामले पर गृह मंत्रालय ने दिया जवाब, छत्तीसगढ़ टॉप तो दूसरे नंबर पर है उत्तर प्रदेश
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file photo

police encounter : भाजपा सांसद वरुण गांधी ने सरकार से जानकारी मांगी थी कि पिछले 5 सालों में उत्तर प्रदेश में कितनी पुलिस मुठभेड़ हुई हैं, गृह मंत्रालय ने जवाब दिया कि उत्तर प्रदेश में 117 पुलिस एनकाउंटर रिपोर्ट हुए हैं, वहीं छत्तीसगढ़ में पिछले सालों में पुलिस एनकाउंटर की संख्या सबसे अधिक यानी 191 के करीब रही है...

police encounter : देश के अलग-अलग राज्यों में होने वाली पुलिस मुठभेड़ अक्सर विवादों में घिरी रही हैं। संसद में जब इस मुद्दे पर सवाल किया गया तो गृह मंत्रालय ने लोकसभा में जवाब दिया। इस सवाल का जवाब में गृह मंत्रालय ने बताया कि आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा पुलिस मुठभेड़ हुई हैं। वहीं इस सूची में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर हैं।

पुलिस एनकाउंटर के आंकड़े

बता दें कि भाजपा सांसद वरुण गांधी ने सरकार से जानकारी मांगी थी कि पिछले 5 सालों में उत्तर प्रदेश में कितनी पुलिस मुठभेड़ हुई हैं। ऐसे में गृह मंत्रालय ने जवाब दिया कि जनवरी 2017 से इस साल 31 जनवरी के बीच उत्तर प्रदेश में 117 पुलिस एनकाउंटर रिपोर्ट हुए हैं। वहीं छत्तीसगढ़ में पिछले सालों में पुलिस एनकाउंटर की संख्या सबसे अधिक यानी 191 के करीब रही है।

बता दें कि उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने एनकाउंटर हुए मौतों के संबंध में दर्ज प्राथमिकी, मुठभेड़ में हत्याओं के आरोप में पुलिस अधिकारियों के खिलाफ चल रही जांच और दोषी ठहराए गए पुलिसकर्मियों की संख्या भी जाने में चाहिए थी लेकिन इस संबंध में गृह मंत्रालय ने कोई विवरण प्रस्तुत नहीं किया है।

गृह मंत्रालय ने बताया कारण

सांसद वरुण गांधी द्वारा मांगी गई जानकारी पर विवरण ना देने के संबंध में गृह मंत्रालय ने कहा है कि 'केंद्रीय तौर पर ऐसा कोई भी रिकॉर्ड नहीं रखा जाता है, क्योंकि संविधान की सातवीं सूची के अनुसार 'पुलिस और लोक व्यवस्था' राज्य के विषय हैं। साथ ही ग्रह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने अपने लिखित उत्तर में बताया था कि इन पुलिस कार्रवाई में हुई मौतों को 48 घंटे के अंदर रिपोर्ट किया गया है, जैसा कि राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) के दिशा निर्देशों में कहा गया है।

पुलिस हिरासत में हुई मौतें

बता दें कि मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने पुलिस कार्रवाई के दौरान मौतों के मामलों की जांच के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया निर्धारित करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए थे। साथ ही गृह मंत्रालय ने एक अन्य जवाब में बताया है कि उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा अप्रैल 2018 से मार्च 2021 के बीच हिरासत में हुई मौतों के 23 मामले सामने आए हैं।

कानून व्यवस्था में सुधार का दावा

बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अक्सर यह चेतावनी देते हुए नजर आते हैं कि 'सूबे में अपराधियों को अपने तरीके से ठीक किया जाएगा।' इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले से ही भारतीय जनता पार्टी यह दावा करती रही है कि उत्तर प्रदेश के कानून व्यवस्था में काफी सुधार हुआ है।

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