पुलित्जर पुरस्कार विजेता कश्मीरी पत्रकार Sana Irshad Mattoo को दिल्ली पुलिस ने फ्रांस जाने से रोका, इमिग्रेशन अधिकारियों ने बताई ये वजह
कश्मीरी पत्रकार सना इरशाद मट्टू पुलित्जर अवॉर्ड समारोह में भाग लेने के लिए न्यूयॉर्क जा रही थीं, लेकिन एयरपोर्ट अधिकारियों ने विदेश जाने की इजाजत नहीं दी।
Sana Irshad Mattoo News : कश्मीरी फोटो पत्रकार और पुलित्जर पुरस्कार सम्मानित सना इरशाद मट्टू ( Kashmiri Photo Journalist Sana Irshad Mattoo ) को इमिग्रेशन अधिकारियों ने दिल्ली हवाई अड्डे ( Delhi airport ) पर उड़ान भरने से पहले रोक लिया। वह एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में हिस्सा लेने और एक फोटोग्राफी प्रदर्शनी में भाग लेने के लिए फ्रांस की राजधानी पेरिस ( Paris )जा रही थीं। शनिवार को वह पेरिस के लिए उड़ान भड़ने के मकसद से दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंची थीं। इमिग्रेशन अधिकारियों ने उन्हें पेरिस के लिए उड़ान भरने की इजाजत नहीं दी।
सना इरशाद मट्टू ( Sana Irshad mattoo ) का आरोप है कि अधिकारियों ( Delhi Police ) ने उन्हें बिना कारण बताये यात्रा करने से रोका और कहा कि वह विदेश यात्रा नहीं कर सकती हैं। अपने एक ट्वीट में उन्होंने अपने कैंसिल हुए बोर्डिंग पास को साझा करते हुए लिखा कि मैं सेरेन्डिपिटी आर्ल्स ग्रांट 2020 के 10 पुरस्कार विजेताओं में से एक के रूप में एक पुस्तक लॉन्च और फोटोग्राफी प्रदर्शनी के लिए दिल्ली से पेरिस की यात्रा करने वाली थी। फ्रांसीसी वीजा मिलने के बावजूद मुझे दिल्ली हवाई अड्डे पर इमिग्रेशन डेस्क पर रोक दिया गया। अधिकारियों ने रोके जाने की जानकारी भी नहीं दी।
ये है रोके जाने की वजह
फिलहाल, इस मामले में राज्य या केंद्र सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया। जम्मू-कश्मीर पुलिस के सूत्रों ने कहा कि मट्टू घाटी के उन पत्रकारों में से थी जिन्हें सरकार द्वारा नो-फ्लाई सूची ( No fly List ) में रखा गया था। इससे पहले भी कुछ कश्मीरी पत्रकारों, कार्यकर्ताओं और शिक्षाविदों को हवाई अड्डे पर रोका गया था।
एलओसी का हो रहा गलत इस्तेमाल
पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम ने इस घटना पर कहा कि एलओसी (Lookout circular ) का गलत तरीके से इस्तेमाल हो रहा है। जो लोग सरकार की आलोचना करने में शामिल हैं, उन्हें परेशान किया जा रहा है। विरोधियों को परेशान करने का एक तरीका यह भी है कि उन्हें विदेश की यात्रा करने से रोका जाए।
कौन हैं सना इरशाद मट्टू
28 वर्षीय सना इरशाद मट्टू ( Sana Irshad mattoo ) श्रीनगर की रहने वाली हैं। वो अंतरराष्ट्रीय वायर एजेंसी रॉयटर्स में एक फोटो जर्नलिस्ट के रूप में काम करती हैं। भारत में कोरोना की दूसरी लहर के कवरेज के लिए उन्हें ( Pulitzer Prize winning Kashmiri journalist Sana Irshad Mattoo ) तीन अन्य रॉयटर्स फोटोग्राफरों के साथ फीचर फोटोग्राफी में 2022 का पुलित्जर पुरस्कार मिला है। इसके अलावा उन्होंने दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में भी जाकर फोटोग्राफी की थी।