Punjab Election 2022: टिकट बंटवारे को लेकर AAP में मार-कुटाई, पिट गए राघव चड्ढा, पीछे के गेट से भागते दिखे
Punjab Election 2022: आम आदमी पार्टी पंजाब चुनाव में अपनी जीत को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रही है। हालांकि, शुक्रवार को जालंधर में आप के दावे की पोल तब खुल गई जब पार्टी कार्यकर्ताओं ने ही प्रभारी राघव चड्डा की पिटाई कर दी। इस दौरान स्थिति इस कदर बिगड़ी कि चड्डा को पीछे के गेट से भागना पड़ा और पार्टी के ही कार्यकर्ता उन्हें खदेड़ते रहे। दरअसल पंजाब में विधानसभा के चुनाव होने है। आम आदमी पार्टी पूरी मजबूती के साथ चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है।
हालांकि आम आदमी पार्टी को कई तरह की समस्याओं से जूझना भी पड़ रहा है। इसी कड़ी में आज पंजाब में पार्टी के साथ प्रभारी राघव चड्ढा जालंधर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इसी समय पार्टी के कई कार्यकर्ताओं ने उन्हें घेर लिया। मिल रही जानकारी के मुताबिक राघव चड्ढा के सामने ही आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच धक्का-मुक्की हुई और पिटाई करते दिखाई दिए। सोशल मीडिया पर यह घटना तेजी से वायरल हो रही है। कहीं ना कहीं यह वीडियो आम आदमी पार्टी के लिए आगामी चुनाव में मुश्किलें खड़ी कर सकती हैं।
दरअसल, आम आदमी पार्टी ने पंजाब विधानसभा की 117 में से 104 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। पार्टी कार्यकर्ताओं का आरोप है कि सीनियर नेताओं ने पैसे लेकर टिकट बेच दिए हैं। उनका कहना है कि जो लोग संगठन को मजबूत बनाने के लिए दिन रात काम किए उन्हें दरकिनार कर बाहरी लोगों को टिकट दिया गया। इसी बात का आक्रोश राघव चड्डा के सामने फुट पड़ा। आप कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल पर बीजेपी से मिलीभगत का आरोप लगा रहे हैं।
राघव चड्ढा के सामने ही कई नेता पार्टी के खिलाफ नारेबाजी करते भी नजर आए। आपको बता दें कि आम आदमी पार्टी पंजाब चुनाव में पूरे दमखम के साथ उतरने जा रही है। आम आदमी पार्टी फिलहाल पंजाब में मुख्य विपक्षी पार्टी है। आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल लगातार राज्य का दौरा कर रहे हैं। मुफ्त में बिजली, पानी और पेंशन देने की भी घोषणा वह कर चुके हैं। चुनावी सर्वे में भी आम आदमी पार्टी को पंजाब में बड़ी बढ़त दिखाई जा रही है। देखना दिलचस्प होगा कि आम आदमी पार्टी पंजाब में कितनी सफलता हासिल कर पाती है। लेकिन यह बात भी निश्चित है कि इस तरह के बवाल होते रहे तो पार्टी को चुनाव में नुकसान भी झेलना पड़ सकता है।