सुखबीर बादल ने गाजीपुर बाॅर्डर पहुंच कर राकेश टिकैत से की मुलाकात, कहा - 'आपको पूरा समर्थन'
राकेश टिकैत से गाजीपुर बाॅर्डर पर सुखबीर सिंह बादल की मुलाकात का दृश्य।
जनज्वार। तीन कृषि कानून के मुद्दे पर मोदी सरकार से बाहर हुई शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष व पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल ने रविवार (31 January 2021) को गाजीपुर बाॅर्डर पर पहुंच कर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत से मुलाकात की। इस दौरान सुखबीर सिंह बादल ने राकेश टिकैत को आंदोलन में अपना व अपनी पार्टी का पूरा समर्थन दिया।
राकेश टिकैत व बादल के बीच यह मुलाकात 10 मिनट तक गाजीपुर बाॅर्डर पर चली। मालूम हो कि तीन कृषि कानूनों को लेकर शिरोमणि अकाली दल की नेता व सुखबीर बादल की पत्नी हरसिमरत कौर ने केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था और बाद में उनकी पार्टी भी गठबंधन से बाहर हो गयी।
Shiromani Akali Dal President Sukhbir Singh Badal, whose party pulled out of ruling #NDA over the contentious farm laws, on Sunday visited the #Ghazipur area near the #Delhi-Uttar Pradesh border to lend his support to the ongoing farmers' agitation. pic.twitter.com/ymdcRdTzql
— IANS Tweets (@ians_india) January 31, 2021
रविवार को बादल के गाजीपुर पहुंचने से पहले ही टिकैत ने किसी राजनीतिक नेता को बोलेने के लिए माइक्रोफोन देने से इनकार कर दिया था। इसकी वजह है कि वे नहीं चाहते हैं कि उनके मंच के राजनीतिक उपयोग का संदेश नहीं जा पाए, हां समर्थन और मुलाकात से ऐतराज नहीं है। इससे पहले राष्ट्रीय लोकदल के नेता जयंत चौधरी ने उनसे मुलाकात की थी और अजीत सिंह ने फोन पर बात कर समर्थन जताया था।
शिरोमणि अकाली दल व शिवसेना भाजपा की दो सबसे पुरानी सहयोगी हैं। शिवसेना जहां महाराष्ट्र में नेतृ्वत के सवाल पर एनडीए से बाहर हुई, वहीं पिछले साल शिरोमणि अकाली दल ने मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों का काला कानून बताते हुए सरकार से अलग होने का ऐलान किया।
गुरुवार को गाजीपुर बाॅर्डर पर से किसान प्रदर्शनकारियों को हटाने की पुलिस प्रशासन की कोशिशें विफल होने के बाद राकेश टिकैत आंदोलन के केंद्र में आ गए हैं और उनका कद कई गुणा बढ गया है। प्रशासन के नोटिस पर टिकैत पहले धरनास्थल से हटने को तैयार हो गए थे, लेकिन भाजपा नेताओं द्वारा धरना स्थल पर पहुंच कर धमकियां दिए जाने के बाद वे अड़ गए और कहा कि बिना कानून की वापसी के वे लोग अब यहां से वापस नहीं जाएंगे।