Begin typing your search above and press return to search.
पंजाब

सुखबीर बादल ने गाजीपुर बाॅर्डर पहुंच कर राकेश टिकैत से की मुलाकात, कहा - 'आपको पूरा समर्थन'

Janjwar Desk
31 Jan 2021 7:04 PM IST
सुखबीर बादल ने गाजीपुर बाॅर्डर पहुंच कर राकेश टिकैत से की मुलाकात, कहा - आपको पूरा समर्थन
x

राकेश टिकैत से गाजीपुर बाॅर्डर पर सुखबीर सिंह बादल की मुलाकात का दृश्य।

राकेश टिकैत व सुखबीर सिंह बादल की मुलाकात 10 मिनट तक चली। बादल ने टिकैत को आंदोलन में अपना व पार्टी का समर्थन जताया। तीन कृषि कानून के मुद्दे पर ही शिरोमणि अकाली दल पिछले साल सितंबर में एनडीए से बाहर हो गया था...

जनज्वार। तीन कृषि कानून के मुद्दे पर मोदी सरकार से बाहर हुई शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष व पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल ने रविवार (31 January 2021) को गाजीपुर बाॅर्डर पर पहुंच कर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत से मुलाकात की। इस दौरान सुखबीर सिंह बादल ने राकेश टिकैत को आंदोलन में अपना व अपनी पार्टी का पूरा समर्थन दिया।

राकेश टिकैत व बादल के बीच यह मुलाकात 10 मिनट तक गाजीपुर बाॅर्डर पर चली। मालूम हो कि तीन कृषि कानूनों को लेकर शिरोमणि अकाली दल की नेता व सुखबीर बादल की पत्नी हरसिमरत कौर ने केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था और बाद में उनकी पार्टी भी गठबंधन से बाहर हो गयी।

रविवार को बादल के गाजीपुर पहुंचने से पहले ही टिकैत ने किसी राजनीतिक नेता को बोलेने के लिए माइक्रोफोन देने से इनकार कर दिया था। इसकी वजह है कि वे नहीं चाहते हैं कि उनके मंच के राजनीतिक उपयोग का संदेश नहीं जा पाए, हां समर्थन और मुलाकात से ऐतराज नहीं है। इससे पहले राष्ट्रीय लोकदल के नेता जयंत चौधरी ने उनसे मुलाकात की थी और अजीत सिंह ने फोन पर बात कर समर्थन जताया था।

शिरोमणि अकाली दल व शिवसेना भाजपा की दो सबसे पुरानी सहयोगी हैं। शिवसेना जहां महाराष्ट्र में नेतृ्वत के सवाल पर एनडीए से बाहर हुई, वहीं पिछले साल शिरोमणि अकाली दल ने मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों का काला कानून बताते हुए सरकार से अलग होने का ऐलान किया।

गुरुवार को गाजीपुर बाॅर्डर पर से किसान प्रदर्शनकारियों को हटाने की पुलिस प्रशासन की कोशिशें विफल होने के बाद राकेश टिकैत आंदोलन के केंद्र में आ गए हैं और उनका कद कई गुणा बढ गया है। प्रशासन के नोटिस पर टिकैत पहले धरनास्थल से हटने को तैयार हो गए थे, लेकिन भाजपा नेताओं द्वारा धरना स्थल पर पहुंच कर धमकियां दिए जाने के बाद वे अड़ गए और कहा कि बिना कानून की वापसी के वे लोग अब यहां से वापस नहीं जाएंगे।

Next Story

विविध