बहराइच बवाल के लिए योगी सरकार पर उठ रहे सवाल, रिहाई मंच ने कहा चुनावों में ध्रुवीकरण के लिए BJP फैला रही सांप्रदायिक तनाव
लखनऊ I उत्तर प्रदेश के बहराइच में दुर्गा मूर्ति विसर्जन के दौरान रविवार 13 अक्टूबर को भारी बवाल मच गया, जिसके बाद पूरे इलाके में माहौल बहुत तनावपूर्ण है। सोमवार 14 अक्टूबर की सुबह बहराइच में अराजक तत्वों द्वारा आगजनी और तोड़फोड़ की गई। कई दुकानों और घरों में तोड़फोड़ की गई और बाइक के शोरूम और एक अस्पताल में आग लगा दी गई है। कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया है। दवाइयों की दुकानें तक स्वाहा कर दी गयीं। अब हिंसा की आग ग्रामीण इलाकों तक पहुंच चुकी है। मीडिरूा में आई खबरों के मुताबिक चंदपैया और कबड़ियापुरवा गांव में भी आगजनी में कई घर जलाए गए और कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया।
मीडिया में आई खबरों और सामने आये वीडियोज के मुताबिक बहराइच में महसी तहसील के महराजगंज कस्बे में गाने को लेकर विवाद शुरू हुआ जिसने सांप्रदायिक रूप अख्तियार कर लिया। इस घटना में मारे गये रामगोपाल मिश्रा का मुस्लिम घर पर चढ़कर धर्म विशेष का झंडा हटाकर भगवा झंडा फहराने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसके बाद दूसरे पक्ष द्वारा दुर्गा प्रतिमा खंडित किये जाने के आरोप लगे। इसी के बाद 24 वर्षीय रामगोपाल मिश्रा को गोली मारने की घटना सामने आयी। इस घटना के लिए विपक्षी दलों समेत तमाम राजनीतिक—सामाजिक संगठनों ने योगी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
रिहाई मंच ने बहराइच के महाराजगंज कस्बे में भड़के साम्प्रदायिक तनाव के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जिम्मेदार ठहराते हुए आरोप लगाया कि प्रदेश की कानून व्यवस्था उनसे संभल नहीं रही है। मंहगाई-बेरोज़गारी जैसे मूलभूत सवालों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए सांप्रदायिकता भड़काई जा रही है।
रिहाई मंच के अध्यक्ष मुहम्मद शोएब ने कहा कि यूपी समेत तेलंगाना, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, झारखंड में हुए साम्प्रदायिक तनावों के लिए भाजपा जिम्मेदार है और वह चुनाव में ध्रुवीकरण के लिए साम्प्रदायिकता को भड़का रही है। साम्प्रदायिक तत्वों का मनोबल इतना बढ़ा हुआ है कि पुलिस की मौजूदगी में दंगा भड़काते हुए आगजनी कर रहे हैं। वीडियो से लोगों को चिन्हित करने वाली योगी सरकार लाठी-डंडों से लैश साम्प्रदायिक भीड़ कब चिन्हित कर करेगी।
रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा कि महराजगंज में हुए साम्प्रदायिक तनाव को लेकर आ रहे बयानों और झूठी अफवाहों के चलते साम्प्रदायिक हिंसा भड़क गई है। एक वायरल वीडियो सवाल उठाता है कि जिसमें एक व्यक्ति एक घर पर चढ़कर वहाँ फहर रहे हरे झंडे को खींचकर गिराता है, जिस दौरान रेलिंग टूट जाती है और वह व्यक्ति उत्तेजना में दोनों हाथ उठाता है, भीड़ उत्तेजना में नारे लगाने लगती है और वह व्यक्ति भगवा झंडा लहराने लगता है। ऐसे में सवाल उठता है कि बड़ी संख्या में लोगों की मौजूदगी में कैसे उसको घर में खींच लिया गया। अगर उस घर के लोग इतने मजबूत थे कि इतनी भीड़ में से उसको घर में घसीट लिया तो उनकी मौजूदगी में कोई कैसे उनके घर के ऊपर चढ़ जाता है। ऐसे में किसी तरह का निष्कर्ष अफवाहों को बढ़ाएगा। ऐसे में यह जाँच का विषय है।
मंच महासचिव ने कहा कि कहा जा रहा है कि विसर्जन यात्रा के दौरान पथराव की घटना का पूजा समिति के लोगों ने विरोध किया तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। वहीं कुछ का बयान है कि डीजे को लेकर हुए विवाद के बाद पथराव हुआ, जिसके बाद मृतक दूसरे समुदाय के घर के छत पर चढ़ जाता है और वहां लगा झंडा हटा देता है और भगवा झंडा लहराता है। उसके बाद उसी घर से पथराव होता है और उस घर के लोग उसको घर के अंदर खींचकर बेरहमी से मारते हैं, जिससे वह मर जाता है। बयानों में अंतर्विरोध है। पथराव के बाद लाठीचार्ज से तनाव बढ़ गया, यह कहकर मृतक द्वारा घर पर चढ़कर झंडा उतारने और झंडा लहराने और भीड़ द्वारा उसे ऐसे करने के लिए दिए जा रहे समर्थन वाले वायरल वीडियो को नकारने की कोशिश की जा रही है।
रिहाई मंच के सचेंद्र प्रताप यादव ने भाजपा विधायक शलभमणि त्रिपाठी पर साम्प्रदायिकता भड़काने के लिए कार्रवाई की मांग की है। इससे पहले भी शलभमणि ने देवरिया में प्रेम चन्द यादव के हत्या के बाद हेट स्पीच देकर जातिगत तनाव को बढ़ाया था।