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Attack on Jharkhand CM Hemant Soren : मुख्यमंत्री रहते हुए पत्नी के नाम पर कर दिया औद्योगिक भूमि का आवंटन, जानिए झारखंड के पूर्व सीएम ने Hemant Soren पर और क्या-क्या आरोप लगाए हैं?

Janjwar Desk
25 April 2022 7:15 PM IST
Attack on Jharkhand CM Hemant Soren : मुख्यमंत्री रहते हुए पत्नी के नाम पर कर दिया औद्योगिक भूमि का आवंटन, जानिए झारखंड के पूर्व सीएम ने Hemant Soren पर और क्या-क्या आरोप लगाए हैं?
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Attack on Jharkhand CM Hemant Soren : मुख्यमंत्री रहते हुए पत्नी के नाम पर कर दिया औद्योगिक भूमि का आवंटन, जानिए झारखंड के पूर्व सीएम ने Hemant Soren पर और क्या-क्या आरोप लगाए हैं?

Attack on Jharkhand CM Hemant Soren : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि पहले तो खुद खान मंत्री रहते हुए सीएम ने अपने नाम पर माइनिंग लीज ली। अब पत्‍नी कल्‍पना सोरेन के नाम औद्योगिक क्षेत्र की जमीन आवंटित करा ली है जबकि वे खुद ही उद्योग मंत्री हैं...

Attack on Jharkhand CM Hemant Soren : झारखंड (Jharkhand) के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास (Raghubar Das) ने वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) पर अपनी पत्नी और प्रेस सलाहकार (Press Advisor) के नाम पर औद्योगिक भूमि (Industrial Land) और खदान आवंटित (Mining Allocation) कराने का आरोप लगाया है। पूर्व सीएम रघुवरदास ने इस मामले में भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मुकदमा दर्ज कर करवाई करने की भी मांग की है इसके साथ ही उन्होंने सीएम सोरेन से इस्तीफा (Resignation) मांगा है।

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि पहले तो खुद खान मंत्री रहते हुए सीएम ने अपने नाम पर माइनिंग लीज ली। अब पत्‍नी कल्‍पना सोरेन के नाम औद्योगिक क्षेत्र की जमीन आवंटित करा ली है जबकि वे खुद ही उद्योग मंत्री हैं। साथ ही उन्होंने अपने विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्र और प्रेस सलाहकार अभिषेक पिंटू के नाम माइनिंग लीज भी आवंटित करवा दी है।

आपको बता दें कि सोमवार 25 अप्रैल को भाजपा के प्रदेश कार्यालय में मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए रघुवर दास ने कहा कि हेमंत सोरेन का एक ही नारा, सरकारी जमीन है हमारा। हेमन्‍त सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन (Kalpana Soren) के नाम से बिजुबाड़ा, चान्हो ब्लॉक स्थित बरहे औद्योगिक क्षेत्र में 11 एकड़ औद्योगिक भूमि आवंटित करवायी गयी है। यह भूमि सीएम हेमंत सोरेन ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल सोहराय लाइफ प्राइवेट लिमिटेड के नाम से आवंटित करायी है। यह कंपनी उनकी पत्नी के नाम पर है। मुख्यमंत्री फिलहाल प्रदेश सरकार में उद्योग विभाग के मंत्री पद पर भी हैं इसीलिए उन्हें इस विषय पर अपनी ओर से सफाई देनी चाहिए।

श्री दास ने कहा कि मुख्यमंत्री का यह आचरण भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धाराओं के तहत दंडनीय है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि अनुसूचित जाति व जनजाति के लोगों को औद्योगिक क्षेत्र में रियायती दर पर भूखंड दिया जाएगा इस घोषणा का लाभ उन्होंने अपने परिवार के लिए ही उठा लिया। पूर्व सीएम ने आरोप लगाते हुए कहा है कि सीएम को राज्य के गरीब और बेरोजगार आदिवासियों की चिंता नहीं है। उन्हें चिंता है तो केवल अपने परिवार की।

रघुवर दास ने कहा है कि मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा और प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद (पिंटू) के लिए भी सीएम ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए खदान की लीज ली है। अभिषेक प्रसाद को शिव शक्ति इंटरप्राइजेज के नाम पर साहिबगंज के पाकरिया गांव में 11.70 एकड़ भूमि 08.04.2021 को 10 वर्ष के लिए लीज पर दी गयी है। सरकारी दस्तावेजों के अनुसार उस पर 90 लाख रुपये का निवेश भी दिखाया गया है। वहीं मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा को महाकाल स्टोन के नाम से साहेबगंज जिले के गिला मारी मौजा में खदान आवंटित की गई है। इस आवंटन के लिए राज्य सरकार के अलग—अलग विभागों ने आनन-फानन में सारी स्वीकृति भी प्रदान कर दी गयी है।

रघुवर दास ने कहा कि है कि मुख्यमंत्री को अभिषेक प्रसाद और पंकज मिश्रा को तत्काल अपने पद से हटाना चाहिए। भाजपा इस मामले को लेकर माननीय राज्यपाल के पास ले जाकर ज्ञापन देगी। श्री दास ने कहा कि कानून के प्रावधानों के तहत मुख्यमंत्री स्वयं या उनके परिवार का कोई भी सदस्य सरकारी ठेका पट्टा, लीज नहीं ले सकता। यह भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत दंडनीय अपराध है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा है वर्तमान सरकार के फैसले से सबसे ज्यादा नुकसान आदिवासी भाई बहनों को हो रहा है। सरना भाई-बहनों का हक छिना जा रहा है। पूर्व की उनकी सरकार ने अनुसूचित जाति व जनजातियों के प्रमाण पत्र में धर्म का कॉलम जोड़ा था, ताकि सरना आदिवासियों को लाभ मिले। मिशनरी के दबाव में इस वर्ष 24 फरवरी को कैबिनेट में हेमंत सरकार ने गुपचुप तरीके से इससे धर्म का कॉलम समाप्त कर दिया। इसका सीधा नुकसान सरना भाई-बहनों को होगा।

आपको बता दें कि इस मामले में झारखंड के एक और पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता और झारखंड विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी ने भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर निशाना साधते हुए उनसे ​इस्तीफा मांगा था।

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