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Chhattisgarh News: रायपुर के बाल आश्रम में 14 साल की बच्ची प्रेग्नेंट, अफसरों ने दबाए रखा पीड़ा झेलती लड़की का सच
Chhattisgarh News: रायपुर के बाल आश्रम में 14 साल की बच्ची प्रेग्नेंट, अफसरों ने दबाए रखा पीड़ा झेलती लड़की का सच
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के माना इलाके में स्थित एसओएस (SOS) बाल आश्रम से चौंका देने वाली खबर सामने आई है। आश्रम में 14 साल की बच्ची से रेप का मामला सामने आया है। आश्रम के अधिकारियों पर मामला दबाने का आरोप लग रहा है। लेकिन किसी तरह जानकारी बाहर आ गई।
जानकारी के मुताबिक बच्ची के साथ ना सिर्फ रेप हुआ बल्कि वो गर्भवती भी हो गई। गर्भवती होने के बाद बच्ची की डिलेवरी भी कराई गई। उसने एक मृत बच्चे को जन्म दिया था। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक माना थाने में मामले की रिपोर्ट दर्ज की गई है। केस के आईओ सब इंस्पेक्टर सौमित्री भोई ने बात की पुष्टि करते हुए कहा कि, 'माना बाल आश्रम में 14 साल की बच्ची से रेप की शिकायत मिली थी।
सौमित्री भोई ने आगे बताया, मामला संवेदनशील था। बाल आश्रम के अफसरों की तरफ से बताया गया कि घटना पुरानी है। नवंबर के महीने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। बच्ची गर्भवती हो गई थी, हमने मामले में कार्रवाई की थी।'
किसने किया था बलात्कार?
बाल आश्रम के कर्मचारी अंजनी शुक्ला ने बच्ची को झांसे में लेकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए थे। बच्ची प्रेग्नेंट हो गई अफसरों ने मामले को दबाए रखा। छोटी बच्ची पीड़ा झेलती रही। शिकायत के बाद पुलिस ने अंजनी को अरेस्ट कर लिया था। आरोपी फिलहाल जेल में है। बात ये स्पष्ट नहीं हो सकी कि बच्ची को माना मे ही रखा गया है अथवा कहीं और भेज दिया गया है।
अफसरों ने दबाए रखा मामला
आश्रम में 14 साल की किशोरी के प्रेग्नेंट होने और उसके रेप की खबर अफसरों ने बाहर नहीं जाने दी। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, कुर्सी बचाने के चक्कर में इतने बड़े मामले को छुपाया गया। पैसों का लेन-देन भी हुआ। और यही कारण रहा कि आश्रम के अफसरों ने मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं की। सभी अपने-अपने पदों पर बने रहे। आश्रम की डायरेक्टर ने भी इस मामले में कोई जवाब नहीं दिया।
इतने बच्चे आश्रम में रहते हैं
माना स्थित एसओएस आश्रम, जिसे जिला प्रशासन और कथित इंटरनेशनल संस्था SOS चलाती है, यहां कुल 128 बेसहारा बच्चे रहते हैं। संस्था पर ही इनकी देखरेख का जिम्मा होता है। इसे सरकारी और प्राइवेट संस्थाओं से मदद मिलती है। बच्चों को यहां सुरक्षित रखने के लिए इसे बनाया गया, लेकिन यहीं बच्ची के साथ रेप जैसी शर्मनाक वारदात को अंजाम दिया गया।