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राजस्थान

गुजरात की कहानी राजस्थान में नहीं दुहराना चाहती कांग्रेस, डैमेज कंट्रोल की कोशिश में दिग्गज

Janjwar Desk
14 July 2020 5:24 AM GMT
गुजरात की कहानी राजस्थान में नहीं दुहराना चाहती कांग्रेस, डैमेज कंट्रोल की कोशिश में दिग्गज
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File photo

राजस्थान में सियासी घमासान के बीच आज दुबारा कांग्रेस विधानमंडल दल की बैठक बुलाई गई है। बैठक के लिए पायलट को भी आमंत्रण दिया गया है।

जनज्वार। राजस्थान में आज फिर कांग्रेस विधानमंडल दल (CLP) की बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में शामिल होने के लिए सचिन पायलट और उनके खेमे के विधायकों को भी आमंत्रित किया गया है। कहा जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान गुजरात की कहानी राजस्थान में दुहराना नहीं चाहती। डैमेज कंट्रोल के लिए पार्टी के दिग्गजों को उतार दिया गया है।

खुद सोनिया गांधी और राहुल गांधी की ओर से बातचीत का न्यौता दिया जा रहा है। राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कह दिया है कि किसी को भी कोई शिकायत है तो वह सोनिया गांधी और राहुल गांधी से अपनी बात कह सकता है।

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और जयपुर में कैंप किए रणदीप सुरजेवाला ने कहा 'राजनैतिक घटनाक्रमों पर चर्चा के लिए दुबारा यह बैठक बुलाई गई है। हम अनुरोध करते हैं कि सचिन पायलट और सभी विधायक बैठक में आएं। हम उन्हें लिखित में भी आमंत्रण दे रहे हैं। हमने उनसे अनुरोध किया है कि वे आएं और परिस्थितियों पर विचार-विमर्श करें।'

कांग्रेस आलाकमान भी सारी परिस्थितियों पर नजर बनाए हुए है। जानकारी के अनुसार, आलाकमान चाह रहा है कि दोनों गुटों में किसी तरह मेल मिलाप हो जाए। राजस्थान गए नेताओं को इसके लिए हरसंभव कदम उठाने का निर्देश दिया गया है। मध्यप्रदेश में ऐसी परिस्थितियों को झेल चुका आलाकमान राजस्थान में वह कहानी दुहराना नहीं चाहता।

सुरजेवाला ने कहा 'हमने उन्हें (सचिन पायलट) आने के लिए आमंत्रित किया है। हमने कहा है कि वे आएं और विचार-विमर्श करें कि राजस्थान को कैसे मजबूत किया जाय। राज्य के 8 करोड़ लोगों की कैसे और अच्छे तरीके से सेवा की जा सके, इसपर वे विचार दें। अगर किसी के साथ कोई मतभेद है तो खुले दिमाग से बताएं। सोनिया गांधी और राहुल गांधी हर किसी की बात को सुनने और समाधान निकालने के लिए तैयार हैं।'

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने भी कहा 'मैं समझता हूं कि सचिन पायलट हमारी पार्टी के योग्य, विश्वसनीय और प्रभावी नेता हैं। हम उन्हें पार्टी में बहुत महत्व देते हैं।उन्हें आगे आकर अपनी शिकायतों को खुले दिमाग से रखना चाहिए। उनकी शिकायतें वास्तविक हो सकतीं हैं, पर पार्टी की सरकार और पार्टी के लोगों की भावनाओं को चोट पहुंचाना सही नहीं है।'

इस बीच कांग्रेस ने फिर दावा किया है कि उसके पास 109 विधायकों का लिखित समर्थन पत्र है। कांग्रेस ने 12 जुलाई की रात गहलोत के आवास पर हुई बैठक के बाद भी यह दावा किया था। हालांकि 13 जुलाई को दिन में हुई बैठक में गहलोत के मीडिया सलाहकार ने 107 विधायकों की उपस्थिति का दावा किया था, जबकि मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया था कि कांग्रेस के कम से कम 20 विधायक बैठक में उपस्थित नहीं थे। ये पायलट गुट के माने जा रहे हैं।

सुरजेवाला ने कहा 'हमारे विधायकों ने बीजेपी की कोशिश को नाकाम कर दिया है। हमारे सभी विधायकों ने समर्थन पत्र दे दिया है। हमारे पास अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार के समर्थन में 109 विधायकों का लिखित पत्र है।'

हालांकि मेल मिलाप की इस कोशिश का अभी कोई सकारात्मक नतीजा निकलता नहीं दिख रहा। 13 जुलाई की रात पायलट समर्थकों ने एक वीडियो जारी कर दावा किया कि यह उनके गुट के विधायकों का वीडियो है। बताया जाता है कि ये विधायक हरियाणा के मानेसर के एक होटल में हैं।

13 जुलाई को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आवास पर हुई बैठक के बाद कांग्रेस के रूष्ट नेता और राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के करीबियों ने फिर दावा कर दिया था कि गहलोत के पास संख्याबल नहीं है।

पायलट के सहयोगियों ने मीडिया को यह भी बताया था कि पायलट बीजेपी में नहीं जाएंगे। सहयोगियों ने कहा था 'अशोक गहलोत सरकार के पास वह संख्या नहीं है, जिसका वह दावा कर रहे हैं। सीएम का बागीचा फ्लोर टेस्ट की जगह नहीं है, यह सदन में होता है। अगर उनके पास किए गए दावे के बराबर संख्या है तो उन्होंने गिनती क्यों नहीं कराई, उन्हें होटल में क्यों ले गए।'

13 जुलाई की बैठक में बीजेपी पर राज्य के 8 करोड़ लोगों की भावनाओं से खेलने का आरोप लगाया गया था। साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में आस्था व्यक्त की गई थी। बैठक के पूर्व पार्टी द्वारा व्हिप जारी किया गया था। आलाकमान के निर्देश पर आए पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव वेणुगोपाल, राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, प्रदेश प्रभारी अविनाश पाण्डेय और अजय माकन भी बैठक में उपस्थित थे।

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