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राजस्थान

Fertilizer Scam : सीएम अशोक गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत के ठिकानों पर CBI रेड, फर्टिलाइजर स्कैम से जुड़ा है मामला

Janjwar Desk
17 Jun 2022 6:09 AM GMT
Fertilizer Scam : सीएम अशोक गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत के ठिकानों पर CBI रेड, फर्टिलाइज़र स्कैम से जुड़ा है मामला
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Fertilizer Scam : सीएम अशोक गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत के ठिकानों पर CBI रेड, फर्टिलाइज़र स्कैम से जुड़ा है मामला

Fertilizer Scam : फर्टिलाइजर स्कैम में जांच का सामना कर रहे अग्रसेन गहलोत के कई ठिकानों पर सीबीआई की छापेमारी।

Fertilizer Scam : राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ( CM Ashok Gehlot ) के भाई अग्रसेन गहलोत (Agrasen Gehlot) के कई ठिकानों पर शुक्रवार सुबह से केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई (CBI raids ) की छापोमारी जारी है। ताजा अपडेट यह है कि अग्रसेन गहलोत के ठिकानों पर सीबीआई की छापेमारी चल रही है। यह मामला फर्टिलाइजर स्कैम (Fertilizer Scam) से जुड़ा है। पिछले समय से अग्रसेन गहलोत फर्टिलाइजर स्कैम को लेकर जारी जांच का सामना कर रहे हैं। इस मामले में अग्रसेन गहलोत ( Agrasen Gehlot ) के खिलाफ एक नया मामला दर्ज किया गया है।

17 जून की सुबह सीबीआई ( CBI ) की टीम ने सीएम अशोक गहलोत ( CM Ashok Gehlot ) के भाई अग्रसेन गहलोत ( Agrasen Gehlot ) के जोधपुर आवास पर सबसे पहले छापा मारा। अग्रसेन गहलोत उर्वरक घोटाले ( Fertilizer Scam ) में प्रवर्तन निदेशालय ( ED ) की जांच के घेरे में हैं। आरोप है कि 2007 और 2009 में बड़ी मात्रा में उर्वरक का अवैध रूप से निर्यात किया गया था। हाल ही में सीबीआई ने भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी का नया मामला दर्ज किया था। इस मामले में सीबीआई ने अभी और जानकारी का खुलासा नहीं की है।

130 करोड के पोटाश का किया था अवैध निर्यात

फर्टिलाइजर घोटाला ( Fertilizer Scam ) मामले में ईडी ने भी कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत के खिलाफ मामला दर्ज किया है। डीआरआई की कार्रवाई को संज्ञान में लेते हुए ईडी ने सराफ इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड और अन्य के खिलाफ पीएमएलए की कार्रवाई शुरू की थी। ईडी का कहना है कि गहलोत के स्वामित्व वाली फर्म अनुपम कृषि सराफ इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से पोटाश के कथित अवैध निर्यात में लिप्त थी। अनुपम कृषि ने राजस्थान में किसानों के लिए अवैध रूप से उर्वरक निर्यात किया। पोटाश के 130 करोड़ मूल्य के लगभग 30 हजार टन अवैध रूप से निर्यात किया गया था।



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