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राजस्थान:21 दिनों की नोटिस के बाद आहूत होगा विधानसभा सत्र, राज्यपाल ने शर्तों के साथ दी अनुमति

Janjwar Desk
27 July 2020 12:24 PM GMT
राजस्थान:21 दिनों की नोटिस के बाद आहूत होगा विधानसभा सत्र, राज्यपाल ने शर्तों के साथ दी अनुमति
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File photo

राज्यपाल कलराज मिश्र ने 21 दिन की नोटिस दिए जाने के बाद विधानसभा सत्र आहूत करने की अनुमति दी है। साथ ही विश्वास मत के प्रक्रिया की स्थिति में वीडियो रिकॉर्डिंग और लाइव टेलिकास्ट की भी शर्त रखी है।

जयपुर। राजस्थान में चल रहे राजनैतिक घमासान के बीच विधानसभा का सत्र आहूत होगा। आज दोपहर राज्यपाल कलराज मिश्र ने इसकी मंजूरी दे दी है।मंजूरी इस शर्त पर दी गई है कि विधानसभा का सत्र 21 दिनों की क्लियर नोटिस देकर बुलाई जाय। इससे पहले सुबह उन्होंने 31 जुलाई से सत्र आहूत करने के मामले में कुछ बिंदुओं पर राज्य सरकार से सफाई मांगी थी।

राज्यपाल ने कहा है कि विधानसभा का सत्र आहूत करने का आदेश देने में किसी तरह की देरी नहीं की गई है। उन्होंने दो शर्तें भी रखीं हैं। पहली शर्त है कि 21 दिन की क्लियर नोटिस देकर सत्र बुलाया ताकि सभी को समान अवसर मिल सके। राज्यपाल ने सवाल भी पूछा है कि क्या आप विश्वास मत प्राप्त करना चाहते हैं? यदि विश्वास मत हासिल करने की कोशिश की जाती है तो यह संसदीय कार्य विभाग के प्रमुख सचिव की मौजूदगी में हो, वीडियो रिकॉर्डिंग हो और इसका लाइव टेलीकास्ट भी होना चाहिए। राज्यपाल ने कोरोना को लेकर सत्र के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग आदि प्रोटोकॉल के पालन को लेकर भी सवाल पूछा है।

राजस्थान विधानसभा का सत्र आहूत करने को लेकर पिछले तीन दिनों से राजभवन और राज्य सरकार के बीच रस्साकशी चल रही थी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजभवन पर प्रस्ताव पर अनुमति देने में देरी करने का आरोप लगाकर लगातार बयान दे रहे थे। एक वक्त पर तो उन्होंने यहां तक कह दिया था कि अगर राजस्थान के लोग राजभवन का घेराव करते हैं तो उनकी जिम्मेदारी नहीं होगी। इसके बाद राज्यपाल कलराज मिश्र के हवाले से राजभवन की ओर से सख्त प्रतिक्रिया आई थी।

आज सुबह भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि उन्होंने राज्यपाल के 'बर्ताव' को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की है और उन्हें पूरे घटनाक्रम के बारे में बताया है। इससे पहले राज्यपाल ने आज सुबह कोरोना को लेकर उत्पन्न हुई परिस्थितियों का हवाला देते हुए राज्य सरकार से सफाई मांगी थी कि ऐसे वक्त में इतने शार्ट नोटिस पर सभी विधायकों को बुलाना कठिन हो सकता है।

इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि उन्होंने सारे मसलों को लेकर एक सप्ताह पहले प्रधानमंत्री नरेंद मोदी को पत्र लिखा था और रविवार की रात उनसे फोन पर भी बात की। उन्होंने मीडिया से यह भी कहा था कि राज्यपाल ने उन्हें छह पन्नों का 'प्रेम पत्र' भेजा था।

राजस्थान में अब 31 जुलाई से राजस्थान विधानसभा का सत्र आहूत होगा। देखने वाली बात यह होगी कि इसमें पायलट गुट के विधायकों का क्या रुख रहता है और क्या वे विधानसभा के सत्र में शामिल होते हैं?

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