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राजस्थान

जनता ने ताली-थाली बजा ली अब हॉर्स ट्रेडिंग रोकें मोदी, गहलोत बोले राजस्थान में चल रहा 'तमाशा'

Janjwar Desk
1 Aug 2020 4:02 PM GMT
जनता ने ताली-थाली बजा ली अब हॉर्स ट्रेडिंग रोकें मोदी, गहलोत बोले राजस्थान में चल रहा तमाशा
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File photo

राजस्थान में सियासी घमासान चरम पर है। अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान में हॉर्स ट्रेडिंग का रेट बढ़ जाने की बात कहते हुए पीएम से इस 'तमाशा' को रोकने का आह्वान किया है।

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राज्य में चल रहा 'तनाशा' रोकने की गुजारिश की है। उन्होंने राज्य में हॉर्स ट्रेडिंग का रेट बढ़ जाने की बात भी कही है।

गहलोत ने मीडिया से कहा 'मोदी जी इस देश के प्रधानमंत्री हैं। उन्होंने ताली बजवाई, थाली बजवाई, मोमबत्ती जलवाई, जनता ने उनकी बात मानी। यह बहुत बड़ी बात है। जनता ने उन्हें दो बार मौका दिया। उनको राजस्थान में चल रहा 'तमाशा' रोकना चाहिए। यहां हॉर्स ट्रेडिंग के रेट बढ़ गए हैं। यह क्या 'तमाशा' है?'

राजस्थान में सियासी घमासान चरम पर है। गहलोत ने अपने गुट के विधायकों को कल ही जयपुर से 570 किलोमीटर दूर जैसलमेर शिफ्ट किया है। आज उन्होंने मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का इस्तीफा भी मांग दिया। उन्होंने कहा कि संजीवनी को-ऑपरेटिव घोटाले में केंद्रीय मंत्री शेखावत का नाम आ चुका है, कोर्ट ने भी जांच के आदेश दिए हैं। ऐसे में केंद्रीय मंत्री को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए।

इससे पहले गहलोत ने अपने गुट के विधायकों को जैसलमेर शिफ्ट कर दिया था। 31 जुलाई को उनके गुट के 73 विधायक, 15 मंत्री और खुद गहलोत जैसलमेर के सूर्यगढ़ पैलेस नामक होटल में शिफ्ट हो गए थे।

राजस्थान का विधानसभा सत्र 14 अगस्त से शुरू होनेवाला है। अब गहलोत गुट के विधायकों के तबतक वहीं रहने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि गहलोत यह स्पष्ट कर चुके हैं कि वे और उनके मंत्री जयपुर में ही रहेंगे। माना जा रहा है कि हॉर्स ट्रेडिंग के खतरे को देखते हुए ही गहलोत ने आने गुट के विधायकों को जैसलमेर शिफ्ट किया है।

विधानसभा का सत्र आहूत करने को लेकर भी राज्यपाल कलराज मिश्र और गहलोत सरकार के बीच कई दिनों तक रस्साकशी चली थी। गहलोत ने कई तल्ख टिप्पणियां की थीं। राज्यपाल द्वारा भी इनका सख्त जबाब दिया गया था। कुछ बिंदुओं को लेकर सत्र आहूत करने का प्रस्ताव तीन बार लौटाने के बाद चौथे प्रस्ताव पर राज्यपाल ने मुहर लगाई थी।

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