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राजस्थान

पायलट के करीबियों पर गाज, यूथ कांग्रेस और सेवादल के प्रदेश अध्यक्ष की भी छुट्टी, गहलोत ने कहा बीजेपी का शो था

Janjwar Desk
14 July 2020 10:48 AM GMT
पायलट के करीबियों पर गाज, यूथ कांग्रेस और सेवादल के प्रदेश अध्यक्ष की भी छुट्टी,  गहलोत ने कहा बीजेपी का शो था
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सचिन पायलट को पद से हटाए जाने के बाद उनके करीबी माने जानेवाले दो मंत्री भी पद से हटा दिए गए हैं। सीएम गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की है।

जनज्वार। राजस्थान में मान-मनव्वल की तमाम कोशिशें बेकार हो गईं और बात अब ताबड़तोड़ कार्रवाई पर आ गई है। सियासी घटनाएं काफी तेजी से बदल रहीं हैं। सचिन पायलट को डिप्टी सीएम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद सीएम अशोक गहलोत राज्यपाल कलराज मिश्र से मिलने राजभवन गए।

अब परस्पर विरोधी बयानों के तीर भी चलने शुरू हो गए हैं। पायलट ने कहा कि 'सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं' तो गहलोत ने भी एक कोटेशन कह दिया कि 'आ बैल मुझे मार'। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पाण्डेय ने नहले पर दहला मार दिया कि जनता ने जिसको चुना है, उसकी जीत है। भगवान उनको सद्बुद्धि दे।

इस बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने 10 जनपथ पहुंच गईं हैं। माना जा रहा है कि राजस्थान के ताजा राजनैतिक हालातों को लेकर यह मुलाकात हो रही है।

डिप्टी सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद सचिन पायलट ने ट्विट कर कहा था कि सत्य को परेशान किया जा सकता है, पराजित नहीं।

पायलट को पद से हटाने के बाद अब उनके करीबियों पर भी कार्रवाई की गाज गिर रही है। उनके करीबी माने जाने वाले दो मंत्रियों विश्वेन्द्र सिंह और रमेश मीना को भी पद से हटा दिया गया है। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय से पायलट की नेमप्लेट भी हटा दी गई है। यहां नए प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह का नेमप्लेट लगाया जा रहा है। यूथ कांग्रेस अध्यक्ष पद से मुकेश भाकर और कांग्रेस सेवादल के अध्यक्ष पद से राकेश पारिक की भी छुट्टी कर दी गई है।

सीएम गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्र से राजभवन में मुलाकात की। उन्होंने सचिन पायलट, विश्वेन्द्र सिंह और रमेश मीना को मंत्री पद से हटाए जाने का प्रस्ताव दिया। बताया जा रहा है कि राज्यपाल ने उनके प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है।

राजभवन से बाहर निकलने के बाद गहलोत ने मीडिया से कहा

'पायलट पर कार्रवाई कर आलाकमान भी खुश नहीं है। उनसे काफी अनुरोध किया गया। आलाकमान ने भी बात की। उनकी प्रवृत्ति आ बैल मुझे मार वाली थी। मैं सभी विधायकों के काम बिना किसी भेदभाव के करता हूं। उन्हें मनाने की बहुत कोशिश की गई, पर वे नहीं माने।उन्होंने अलग पार्टी बनाने या फिर बीजेपी में जाने की सोच बना रखी है। किसी भी पार्टी से अलग होने के लिए उस गुट के पास दो तिहाई विधायकों का बहुमत होना चाहिए।'

उन्होंने सारी घटनाओं के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया और कहा 'सचिन पायलट के हाथ में कुछ भी नहीं। यह सारा शो बीजेपी का है। उन्होंने ही उस रिजॉर्ट की व्यवस्था की है, जहां वे लोग ठहरे हैं। सबकुछ मध्यप्रदेश की तरह ही चल रहा है।'

उधर बीजेपी ने कहा है कि अब इस सरकार को कोई शक्ति नहीं बचा सकती। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पुनिया ने मीडिया से कहा 'लोग इस सरकार से क्रोधित और निराश हैं। दुनिया की कोई शक्ति इस सरकार को बचा नहीं सकती। यह हमारी प्राथमिकता है कि यह सरकार सत्ता से बाहर जाए। हम सारी स्थितियों पर नजर बनाए हुए हैं औऱ जैसी परिस्थिति होगी, वैसा कदम उठाएंगे।'

बताया जा रहा है कि पायलट समेत हटाए गए तीनों मंत्रियों के स्थान अगले एक-दो दिनों में नए मंत्री बना लिए जाएंगे। मंत्रिमंडल विस्तार की बात भी चर्चा में है। चर्चा है कि असंतुष्ट गुट को सन्तुष्ट करने के लिए दो या तीन उपमुख्यमंत्री बनाए जा सकते हैं।

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