Rajiv Gandhi Assassination Case: सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती देगी कांग्रेस, 6 दोषियों को किया था रिहा, जानिए पूरा मामला
Rajiv Gandhi Assassination Case: कांग्रेस ने कहा है कि वह पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में छह दोषियों की समय से पहले रिहाई के फैसले के खिलाफ जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में नया पुनर्विचार आवेदन दायर करेगी। पार्टी सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। केंद्र सरकार पहले इस मामले में पुनर्विचार याचिका दायर कर चुकी है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राजीव गांधी हत्याकांड के छह दोषियों की रिहाई के फैसले को चुनौती देते हुए जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में नया पुनर्विचार आवेदन दायर किया जाएगा। शीर्ष अदालत ने 11 नवंबर को नलिनी श्रीहरन सहित छह दोषियों को समय से पहले रिहा करने का आदेश दिया था।
न्यायालय ने तमिलनाडु सरकार द्वारा अपराधियों की सजा में छूट की सिफारिश के आधार पर यह आदेश दिया था। न्यायालय के आदेश के बाद नलिनी के अलावा आर पी रविचंद्रन, संथन, मुरुगन, रॉबर्ट पायस और जयकुमार जेल से बाहर आ गए थे।
Congress to file a fresh review petition in Supreme Court challenging premature release of convicts on the grounds set up in the order in Former PM Rajiv Gandhi's assassination case: Sources
— ANI (@ANI) November 21, 2022
शीर्ष अदालत ने 11 नवंबर को नलिनी श्रीहरन और आरपी रविचंद्रन समेत छह दोषियों को रिहा करने का आदेश दिया था। यह सुप्रीम कोर्ट द्वारा 18 मई को एक दोषी एजी पेरारिवलन को जमानत दिए जाने के महीनों बाद आया था। पेरारिवलन की रिहाई के लिए अदालत ने उसके खराब स्वास्थ्य और अच्छे आचरण को आधार बनाते हुए उसे रिहा करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी असाधारण शक्तियों का इस्तेमाल किया था।
बता दें कि पेरारीवलन, नलिनी श्रीहरन, मुरुगन उर्फ श्रीहरन, संथन, आरपी रविचंद्रन, रॉबर्ट पायस और एस जयकुमार को 1991 में गिरफ्तार किया गया था। नलिनी के पति श्रीहरन सहित उनमें से चार श्रीलंकाई नागरिक हैं।
21 मई 1991 को हुई थी राजीव गांधी की हत्या
21 मई 1991 को लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान श्रीलंका के लिबरेशन टाइगर्स ऑफ़ तमिल ईलम (LTTE) की एक महिला आत्मघाती हमलावर द्वारा तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी।