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रिटायर वैज्ञानिक को हुआ कोरोना, अस्पताल लेकर घूमते रहे परिजन, वेंटिलेटर नहीं मिला तो हो गई मौत

Janjwar Desk
16 July 2020 1:25 PM GMT
रिटायर वैज्ञानिक को हुआ कोरोना, अस्पताल लेकर घूमते रहे परिजन, वेंटिलेटर नहीं मिला तो हो गई मौत
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प्रतीकात्मक तसवीर।

महाराष्ट्र के पुणे शहर में 61 साल के एक पूर्व वैज्ञानिक की वेंटिलेटर ना मिलने की वजह से मौत हो गई। उनको कोरोना हो गया था। परिवार का कहना है कि वो पूरे शहर के प्राइवेटऔर सरकारी अस्पतालों में उन्हें लेकर गए लेकिन कहीं वेंटिलेटर नहीं मिला और आखिरकार उन्होंने दम तोड़ दिया...

जनज्वार। महाराष्ट्र के पुणे शहर में 61 साल के एक पूर्व वैज्ञानिक की वेंटिलेटर ना मिलने की वजह से मौत हो गई। उनको कोरोना हो गया था। परिवार का कहना है कि वो पूरे शहर के प्राइवेटऔर सरकारी अस्पतालों में उन्हें लेकर गए लेकिन कहीं वेंटिलेटर नहीं मिला और आखिरकार उन्होंने दम तोड़ दिया। 61 साल के डॉ लक्ष्मी नरसिम्हन रिटायर वैज्ञानिक थे। एक साल पहले ही वो बॉटेनिकल सर्वे ऑफ इंडिया से रिटायर हुए थे।

परिवार के करीबी ने बताया कि मंगलवार शाम को डॉ लक्ष्मी को सांस लेने में तकलीफ हुई जिसके बाद उनकी पत्नी और बेटी उनको लेकर पास के अस्पताल पहंचे। उनको बताया गया कि वेंटिलेटर की सुविधा नहीं है। इसके बाद परिवार एक-एक कर शहर के कई अस्पतालों में उन्हें लेकर गया लेकिन उनको भर्ती नहीं किया गया। परिवार ने कांग्रेस नेता रमेश अय्यर और अरविंद शिन्दे से इसको लेकर संपर्क साधा। जसके बाद उनको सासून अस्पताल में भर्ती कराया गया।

यहां भी उनको आईसीयू बेड नहीं मिल सका। बुधवार को दोपहर में आखिरकार उन्होंने दम तोड़ दिया। कांग्रेस नेता रमेश अय्यर ने बताया कि डॉ लक्ष्मी की तबीयत की जानकारी उनको मंगलवार को ही मिल गई थी। वो लगातार कोशिश करते रहे कि वेंटिलेटर की सुविधा उनको मिल जाए। कई अस्पतालों में उन्होंने जानकारी ली लेकिन सभी जगह से मायूसी हाथ लगी। उन्होंने ये भी कहा कि वो इस मामले को लेकर डिविडनल कमिश्नर के खिलाफ शिकायत करेंगे।

जिस अस्पताल में डॉ लक्ष्मी को भर्ती कराया गया, उसकी ओर से कहा गया है कि हमारे पास कोई बेड नहीं था। हमने अन्य अस्पतालों में भी कोशिश की लेकिन आईसीयू बेड नहीं थे। मरीज को एक आईसोलेशन आईसीयू बेड की जरूरत थी जो हमारे पास नहीं था और इसलिए हमें उसे दूसरे अस्पताल में स्थानांतरित करना पड़ा। हमने मरीज को बाहर भेजने से पहले उसकी ऑक्सीजन सेचुरेशन भी स्थिर करने की कोशिश की लेकिन उनको बचाया नहीं जा सका।

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