Road accidents India : नितिन गडकरी का बड़ा बयान, DPR तैयार करने वाली कंपनियों से कहा - ' सुधर जाओ, नहीं तो तुम्हारा पूरा सत्यानाश हो '
road accidents India : सडक हादसों के लिए फॉल्टी प्रोजेक्ट जिम्मेदार, डीपीआर तैयार वाली कंपनियां उठाए तकनीकी का लाभ
Road accidents India : टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री ( Cyrus Mistry ) की रविवार को एक सड़क दुर्घटना ( Road Accident ) में मौत के बाद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ( Nitin Gadkari ) ने कहा कि महाराष्ट्र के पालघर सड़क हादसे के लिए फॉल्टी प्रोजेक्ट ( Faulty Project ) जिम्मेदार। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को कुछ सड़क दुर्घटनाओं के लिए दोषपूर्ण परियोजना रिपोर्ट को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि कंपनियों को राजमार्गों और अन्य सड़कों के निर्माण के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार ( DPR ) करने के लिए उचित प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है।
नितिन गडकरी ( Nitin Gadkari ) जो हर पहलू पर खुलकर बातचीत करने लिए जाने जाते हैं, ने एक कार्यक्रम में कहा कि कंपनियों द्वारा तैयार कुछ डीपीआर ( DPR ) सबसे खराब हैं और सड़क दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार हैं। नई तकनीकों को बढ़ावा दिया जा रहा है लेकिन कंपनिया उसका प्रभावी तरीके से लाभ नहीं उठा पा रही हैं, इसलिए सुधार की शुरुआत डीपीआर तैयार करने वाली कंपनियां ट्रेनिंग प्रोग्राम को बेहतर करने के काम से ही करे। शुरुआत वहीं से करो। अगर आप सुधरेंगे नहीं तो आपका पूरा सत्यनश हो जाएगा। शुरुआत डीपीआर से की जानी चाहिए। अगर डीपीआर तैयार करने वाली कंपनियां नहीं सुधरती हैं, तो समस्या बनी रहेंगी।
लागत में बढ़ोतरी को बताया चिंता का विषय
हल्के अंदाज में उन्होंने ( Nitin Gadkari ) कहा कि अकुशल चालक के हाथ में नई मर्सिडीज कार से भी इस तरह की समस्या खड़ी हो सकती हैं। गडकरी ने सड़क परियोजनाओं में देरी के कारणों की पहचान करने पर जोर दिया। देरी के कारण निर्माण की बढ़ती लागत भी एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय है।
2021 में हुई सड़क हादसों में 1.6 लाख लोगों की मौत
Road accidents India : बता दें कि टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री Cyrus Mistry ) की रविवार को एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। यह दुर्घटना उस समय हुई थी जब उनकी कार महाराष्ट्र के पालघर जिले में डिवाइडर से टकरा गईं थी। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक 2021 में पूरे भारत में सड़क दुर्घटनाओं में 1.6 लाख से अधिक लोगों की जान चली गई। औसतन 426 दैनिक या हर घंटे में 18 मौतें होती हैं। यह अब तक किसी भी कैलेंडर वर्ष में दर्ज की गई सबसे अधिक मौत का आंकड़ा है। गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाले एनसीआरबी की रिपोर्ट से पता चला है कि पिछले साल दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मौतों की संख्या अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई, जबकि सड़क दुर्घटनाओं और घायल लोगों की संख्या में पिछले वर्षों की तुलना में कमी आई है।