Begin typing your search above and press return to search.
हाशिये का समाज

RTI एक्टिविस्ट की हत्या के आरोपियों के समर्थन में आए BJP के दो विधायक, दलित समाज ने पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए निकाली रैली

Janjwar Desk
18 Oct 2022 1:23 PM IST
RTI एक्टिविस्ट की हत्या के आरोपियों के समर्थन में आए BJP के दो विधायक, दलित समाज ने पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए निकाली रैली
x

RTI एक्टिविस्ट की हत्या के आरोपियों के समर्थन में आए BJP के दो विधायक, दलित समाज ने पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए निकाली रैली

गुजरात कच्छ मे RTI कार्यकर्ता की हत्या के मामले में हत्या और हत्या के प्रयास और एट्रोसिटी की धाराएं हटाने की मांग की गई थी, जिसमे बीजेपी के दो विधायक भी शामिल थे, उसके विरोध में आज दलित समाज के 10 हजार लोगों ने मौन रैली करके जिला कलेक्टर और SP को ज्ञापन दिया...

दत्तेश भावसार की रिपोर्ट

गुजरात कच्छ मे RTI कार्यकर्ता की हत्या के मामले में हत्या और हत्या के प्रयास और एट्रोसिटी की धाराएं हटाने की मांग की गई थी, जिसमे बीजेपी के दो विधायक भी शामिल थे। उसके विरोध में आज दलित समाज के 10 हजार लोगों ने मौन रैली करके जिला कलेक्टर और SP को ज्ञापन दिया। 3 दिसंबर को खनन माफिया ने 24 साल के नरेंद्र बलिया और उनके पिता रमेश बलिया के ऊपर हमला किया था, जिसमे 24 साल के नरेंद्र बलिया का निधन हो गया और उनके पिता रमेश बलिया को गंभीर चोटें आई।

इस मामले में आरोपी के ऊपर धारा 302, 307 और एट्रोसिटी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया, लेकिन आरोपी के समाज के लोगो ने और बीजेपी के दो विधायको ने अपने समाज आरोपी के ऊपर सिर्फ अकस्मात की धाराओं के तहत ही मुकदमा करने का दबाव बनाया और हत्या के प्रयास और एट्रोसिटी की धाराएं रद्द करने की मांग की थी, जिसके जवाब में आज दलित समाज के 10 हजार लोगों ने रैली करके मृतक और उनके पिता को न्याय दिलाने के लिए ज्ञापन दिया।

दलित अधिकार मंच के नरेश महेश्वरी बताते हैं की यह आजादी का अमृत महोत्सव चल रहा है लेकिन दलितों की हालत बहुत ही दयनीय है। आज भी हमे न्याय के लिए रैलियां करनी पड़ती है, तब सरकार के बहरे कान सुनते है। खनन माफियाओं की दादागिरी इतनी बढ़ गई है कि तंत्रों को शिकायत करने के बावजूद भी खनन माफियाओं के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं हुई। इस मामले में खनन माफिया स्थानीय विधायक के समाज से आते है। इनकी दबंगई इतनी है कि उल्टा आरटीआई कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई। हत्यारों के समर्थन में भाजपा के दो विधायक सामने आए और हत्या और हत्या के प्रयास और एट्रोसिटी की धाराओं को खत्म करने के लिए कलेक्टर को ज्ञापन दिया।

अगर सत्ता में बैठे लोग ही आरोपियों का समर्थन करेंगे तो दलित समाज कहां जाएगा। नरेश भाई के अनुसार मुकदमे में छेड़खानी की गई तो दलित समाज पूरे प्रशासन के सामने होगा। कच्छ जिल्ले में अनुसूचित जाति के सांसद हैं। अनुसूचित जाति के विधायक हैं और न्याय समिति के चेयरमैन भी अनुसूचित जाति से ही आते हैं। इसके बावजूद दलित समाज को न्याय मांगने के लिए रैलियां करनी पड़ती है। यह हमारे समाज के लिए बड़ी विडंबना का कारण है। इस मामले में नरेंद्र को एक बार सीधे कुचला गया और दूसरी बार गाड़ी रिवर्स करके कुचला गया। बावजूद इसके बीजेपी के दो विधायक हत्या की धाराओं को खत्म करने के लिए प्रशासन के ऊपर दबाव बना रहे हैं। कच्छ में कई जगहों पर आज भी अनुसूचित समाज के लोगों की नाइ की दुकान में शेविंग तक नहीं की जाती। चाय की टपरी के ऊपर भी अनुसूचित समाज के लोगों के बर्तन अलग रखे जाते हैं और आज भी दलित दूल्हा घोड़ी पर नहीं चढ़ सकता। इस सरकार में दलित हमेशा से प्रताड़ित होता रहा है और हमारे सांसद विधायक मौन है तो दलित समाज के अग्रणी डॉ. रमेश गरवा बताती है कि मोदी जी का विकास मॉडल दलितों के लिए विनाश मॉडल है।

सरकारी टैक्स चोरी करने वाले आरोपियों के समर्थन में बीजेपी के दो विधायक और उनके समाज के लोग हैं, जिन्होंने अनुसूचित जाति के एक अशाशप्त 24 साल के युवा नरेंद्र की हत्या की है। नरेंद्र की दिवाली के बाद शादी होनी थी। उसके घर में मंगल महोत्सव होने वाला था पर आज मातम छाया है। जिस घर से नरेंद्र की बारात जानी थी, उसी घर में से नरेंद्र की अर्थी निकली निकली। यह न मोदीजी और बीजेपी का गुजरात मॉडल है। इस मामले के बाद पूरे दलित समाज में बहुत ही आक्रोश है। दबंग लोग हत्या के समर्थन में रेलिया निकालते हैं। यह गुजरात मॉडल है। दलित समाज के खिलाफ आज रोज अत्याचार होते हैं। रमेश भाई बताते हैं कि सरकारों के ऊपर दबाव बनाया जा रहा है, जिससे पुलिस तफ्तीश में कोताही बरते और आरोपियों को इसका लाभ हो। इस मामले के साक्ष्यों को और पीड़ित परिवार को पूरी सुरक्षा भी मिलनी चाहिए। यह डबल इंजन की सरकार है लेकिन रमेश भाई बताते हैं कि यह डबल इंजन की सरकार क्राइम के मामले में है। कुछ अपर कास्ट के लोगों के लिए यह डबल इंजन की सरकार है। दलितों और वंचितों के के लिए यह फेल इंजन की सरकार है।

अगर हत्यारों के ऊपर से हत्या और हत्या के प्रयास और एट्रोसिटी की धराए खत्म की जाएगी तो दलित समाज बड़े आंदोलन करने के मूड में है। क्या यही गुजरात का विकास मॉडल है, जिसको देश के सामने रखकर 2014 में सत्ता के शीर्ष नेतृत्व पर मोदी जी विराजमान हुए। आज दलितों और वंचितों की हालत बेहद चिंताजनक है।

Next Story

विविध