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आजीविका

सैलरी रोकने पर कश्मीरी पंडितों का छलका दर्द, पूछा - क्या दीवाली पर भी खुश नहीं देखना चाहती सरकार?

Janjwar Desk
13 Oct 2022 8:05 AM GMT
सैलरी रोकने पर कश्मीरी पंडितों का छलका दर्द, पूछा - क्या दीवाली पर भी खुश नहीं देखना चाहती सरकार?
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सैलरी रोकने पर कश्मीरी पंडितों का छलका दर्द, पूछा - क्या दीवाली पर भी खुश नहीं देखना चाहती सरकार?

Jammu-Kashmir : कश्मीरी पंडितों को सितंबर माह की सैलरी अभी तक नहीं मिली है। सरकार की इस नीति से नाराज कश्मीरी पंडितों ने पूछा - वेतन नहीं मिली तो वो दीवाली कैसे मनाएंगे।

Jammu-Kashmir : कश्मीर घाटी में ड्यूटी पर तैनात कश्मीरी पंडित ( Kashmiri Pandits ) पहले से आतंकी हमलों के साये में जी रहे हजारों कश्मीरी पंडित सरकार की बेरुखी की वजह से दोहरी मार का सामना करना पड़ रहा है। दूसरी तरफ सितंबर की सैलरी ( Salary ) न मिलने से उनके सामने एक नई मुसीबत उठ खड़ी हुई है। कश्मीरी पंडितों का कहना है कि वो इस बार दीवाली ( Deewali ) कैसे मनाएंगे। क्या सरकार उन्हें दिवाली पर भी खुश नहीं देखना चाहती है।

दरअसल, लगातार आतंकी हमलों के डर से कश्मीर के 10 जिलों से घर बार छ़ोड़कर जम्मू आ चुके कश्मीरी पंडित ( Kashmiri Pandits ) नाजुक दौर से गुजर रहे हैं। वहीं जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने प्रधानमंत्री पैकेज के तहत काम कर रहे अधिकतर कश्मीरी पंडित कर्मचारियों को सितंबर माह का सैलरी ( Salary ) देने से इनकार कर दिया है। सरकार के इस फैसले से 4 हजार से अधिक कर्मचारी निराश हैं।

सितंबर माह के 12 दिन बीत चुके हैं लेकिन अभी तक गिने-चुने कर्मचारियों को ही वेतन मिला है। 80 से 90 प्रतिशत कर्मचारी ऐेसे हैं जिन्हें अब तक पैसा नहीं मिला है।ये कर्मचारी पिछले 153 दिनों से अपनी मांगों के पक्ष में धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। ये घाटी से रिलोकेशन की एक सूत्री मांग पर अडिग हैं। सरकार के साथ अब तक हुई बातचीत में कोई सहमति नहीं बन पाई है।

कमिश्नर ने जारी किया था ये आदेश

बता दें कि कश्मीर के डिविजनल कमिश्नर ने 8 अक्टूबर को आदेश जारी कर कहा था कि जिस कर्मचारी की बायोमीट्रिक अटेंडेंस के डिटेल उपलब्ध नहीं होगी, उसकी सितंबर की तनख्वाह जारी नहीं होगी। यह आदेश प्रधानमंत्री पैकेज के तहत काम कर रहे 4000 से अधिक पंडित कर्मचारियों पर भी लागू होता है।

अग्निहोत्री और खेर पर भी साधा निशाना

पीएम पैकेज के तहत कश्मीर घाटी में नौकरी कर रहे कुछ कर्मचारियों ने फिल्म कश्मीर फाइल्स के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री और अभिनेता अनुपम खेर पर निशाना साधते हुए कहा है कि ये लोग उनके दर्द को उजागर क्यों नहीं कर रहे हैं? रंजन जुत्शी ने कहा ​कि आज यहां रियल कश्मीर फाइल चल रही है,फिर सरकार चुप क्यों है?

कई विभागों के कर्मचारियों को तो महीनों से नहीं मिले वेतन

कश्मीरी पंडित रुबेन सप्रू के अनुसार सच यह है कि अधिकतर कर्मचारियों की सितंबर की सैलरी नहीं मिली है। कई विभागों के कर्मचारियों को तो 3 से 4 महीने से वेतन ही नहीं दिया गया है।

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