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Satyapal Malik : मेघालय के राज्यपाल ने पीएम मोदी कहा 'घमंडी', बोले कृषि कानूनों को लेकर हो गई थी गरमागरम बहस

Janjwar Desk
3 Jan 2022 7:57 AM GMT
राज्‍यपाल सत्‍यपाल मलिक ने साधा केंद्र सरकार पर हमला, कहा- सरकार कर रही ED का दुरुपयोग
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राज्‍यपाल सत्‍यपाल मलिक ने साधा केंद्र सरकार पर हमला, कहा- सरकार कर रही ED का दुरुपयोग

Satyapal Malik : मलिक ने कहा कि केंद्र को अब कृषि कानूनों के विरोध के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने और फसलों के लिए एमएसपी को कानूनी ढांचा देने के लिए ईमानदारी से काम करना होगा...

Satyapal Malik : मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satyapal Malik) किसानों के मुद्दे को लेकर केंद्र की मोदी सरकार की आलोचना करते रहे हैं। उन्होंने कहा है कि जब वो कृषि कानूनों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से मिलने पहुंचे तो उनसे गरमागरम बहस हो गई और पांच मिनट के अंदर ही दोनों नेताओं में झगड़ा हो गया।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक मलिक ने रविवार 2 जनवरी को हरियाणा (Haryana) के दादरी में एक सामाजिक समारोह को संबोधित करते हुए यह बातें बतायीं। राज्यपाल ने कहा, मैं जब किसानों के मामले में प्रधानमंत्री जी से मिला तो मेरी पांच मिनट उनसे ही लड़ाई हो गई। वो बहुंत घमंड में थे। जब मैंने उनसे कहा, हमारे पांच सौ लोग मर गए, तो उन्होंने कहा, मेरे लिए मरें हैं? मैंने कहा आपके लिए ही तो मरे थे क्योंकि आप राजा बने हुए हो, इसको लेकर मेरा उनसे झगड़ा हो गया।

मलिक ने आगे कहा, पीएम ने कहा अब आप अमित शाह (Amit Shah) से मिल लो जिसके बाद मैं अमित शाह से मिला। उन्होंने कहा कि जब कुत्ता भी मरता है तो प्रधानमंत्री शोक संदेश भेजते हैं लेकिन किसानों की मत पर वो चुप रहे।

सत्यपाल मलिक ने इस बात को भी दोहराया कि उन्हें अपने पद से हटने के लिए कहे जाने से डर नहीं लगता है। मेघालय में तैनात होने से पहले वह जम्मू-कश्मीर और गोवा के राज्यपाल रह चुके हैं।

मेघालय के राज्यपाल की यह टिप्पणी नवंबर 2021 में केंद्र सरकार द्वारा वापस लिए गए तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के बाद आई है। दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के द्वारा सबसे लंबा एक साल से ज्यादा समय तक चलने वाला आंदोलन हुआ था। यह आंदोलन 26 नवंबर 2020 को शुरू हुआ था। मलिक ने कहा कि केंद्र को अब कृषि कानूनों के विरोध के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने और फसलों के लिए एमएसपी को कानूनी ढांचा देने के लिए ईमानदारी से काम करना होगा।

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