Shrawasti News : पाकिस्तान का झंडा लगाने के शक में पुलिस ने युवक को उठाया, गूगल पर खोजा तो पाक नहीं धर्म का निकला झंडा
(पाक झंडा लगाने के आरोप में पुलिस युवक को घर से ले गई)
Shrawasti News (जनज्वार) : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ देवी-देवताओं की उल्टी-सीधी आरती उतार रहे हैं, इधर उनकी पुलिस दिनदहाड़े जनता के कान काट लेने में लगी हुई है। मामला श्रावस्ती ज़िले का हैं, जहां एक बड़ा मामला होते-होते बच गया। सोमवार 18 अक्टूबर दोपहर की इस घटना में पुलिस ने एक युवक को पाकिस्तान का झंडा लगाने के आरोप में हिरासत में ले लिया।
जब मामले ने तूल पकड़ा तो झंडे की जांच की गई। जांच के बाद पुलिस ने माना कि ये अराजकता फैलाने के लिए ऐसा किया गया था। दरअसल, पूरी घटना गिलौला कस्बे की है जहां 12 रबी उल अव्वल के चलते इलाके के मुस्लिम समुदाय के लोगों ने घरों पर धार्मिक झंडे लगाए थे।
#shravasti घर मे लगे झंडे को पाकिस्तान का बताकर युवक को उठा ले गई पुलिस. जब गूगल पर खोजा तो पाक नहीं धर्म का निकला झंडा. @Uppolice @shravastipolice pic.twitter.com/penc3hX2bp
— Janjwar Media (@janjwar_com) October 19, 2021
इसी दौरान पुलिस अचानक एक घर में जा पहुँची। वहां पहुंचकर पाकिस्तानी झंडा बताकर एक व्यक्ति को हिरासत में पूछताछ के लिए साथ ले गई। सूत्रों के मुताबिक, पुलिस को मौके पर बताया जाता है कि आप गूगल पर सर्च कर लें। लेकिन पुलिस कुछ न मानते हुए व्यक्ति को अपने साथ ले जाती है। बताया जा रहा है कि पुलिस ने कथित आरोपी के जिंदगी बर्बाद कर देने की धमकी दी।
यह मामला इतनी तेजी से बढ़ा की पुलिस पर दबाव पड़ने लगा। कई जगह से फोन कॉल्स आने लगी। इलाकाई लोग थाने पहुंच गए। मामला बढ़ता देख पुलिस ने थाने में ही झंडे की जांच की जिन्हें भी अंत में कुछ आपत्तिजनक नहीं लगा। जिसके बाद पुलिस ने युवक को छोड़ दिया। तब जाकर माहौल शांत हुआ।
श्रावस्ती पुलिस के मीडिया सेल इंचार्ज दिलीप यादव ने जनज्वार को बताया कि, कुछ लोगों ने व्यक्ति के खिलाफ शिकायत की थी। जिसके लिए पुलिस उससे पूछताछ करने गई थी। झंडे की वास्तविकता जांचने के लिए उसे थाने लाया गया था। साथ ही कहा कि वास्तविकता पता चलते ही युवक को छोड़ दिया गया था।
पहले भी पाक झंडे की अफवाह से माहौल बिगाड़ने की हुई कोशिशें
क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि, पुलिस ने खुद माना कि एक बीजेपी कार्यकर्ता ने फोटो भेजी थी, लेकिन पुलिस उसका नाम लेने से बचती रही। यहां तक कि अफवाह फैलाने के आरोप में कोई पूछताछ तक नहीं हुई। जबकि मामला काफी बढ़ सकता था। उल्टा पुलिस पर दबाव डाला गया कि वो युवक को गिरफ्तार करे। हालांकि पुलिस ने मौके की नजाकत को देखते हुए युवक को जाने दिया और कहा कि झंडे में ऐसा कुछ नहीं है जिससे कोई आपत्तिजनक चीज़ निकलकर सामने आए।