Sidhi News : 'अंडरवियर में इसलिए रखा ताकि फांसी न लगा लें...', पत्रकारों को थाने में निर्वस्त्र करने के मामले पर SHO की सफाई
Sidhi News: पत्रकारों को थाने में निर्वस्त्र करने के मामले पर में मानव अधिकार आयोग ने मांगा जवाब, जानें क्या कहा?
Sidhi News : मध्यप्रदेश के सिधी जिले के थाने (Sidhi Police Station) में कई पत्रकारों को निर्वस्त्र करने और उनकी कथित तौर पर परेड कराने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले को लेकर सफाई देते हुए एसएचओ (SHO) मनोज सोनी ने कहा कि कुछ दिन पहले थाने में एक आदमी के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई ती। यह आदमी फर्जी आईडी बनाकर प्रतिष्ठित लोगों को अपशब्द बोलता था। आरोपी की तरफ से 25-30 लोगों ने थाने के सामने प्रदर्शन किया। इन लोगों को हवालात में डाल दिया। इनमें से एक ही पत्रकार है जो यूट्यूब पर काम करता है।
कुछ दिन पहले थाने में एक आदमी के खिलाफ FIR दर्ज़ हुई थी। यह आदमी फर्जी ID बनाकर प्रतिष्ठित लोगों को अपशब्द बोलता था। आरोपी की तरफ से 25-30 लोगों ने थाने के सामने प्रदर्शन किया। इन लोगों को हवालात में डाल दिया। इनमें से एक ही पत्रकार है जो यूट्यूब पर काम करता है: SHO मनोज सोनी https://t.co/YLob2Gt0TA pic.twitter.com/4yGUA2vjI5
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 7, 2022
एसएचओ ने कहा कि पकड़े हुए लोग पूरे नग्न नहीं थे। हम सुरक्षा की दृष्टि से उनको हवालात में अंडरवियर में रखते हैं जिससे कोई व्यक्ति अपने कपड़ों से खुद को फांसी न लगा ले। सुरक्षा की वजह से हम उनको ऐसे रखते हैं।
पकड़े हुए लोग पूरे नग्न नहीं थे। हम सुरक्षा की दृष्टी से उनको हवालात में अंडरवियर में रखते हैं जिससे कोई व्यक्ति अपने कपड़ों से खुद को फांसी न लगा ले। सुरक्षा की वजह से हम उनको ऐसे रखते हैं: मध्य प्रदेश के सीधी में थाने में पत्रकार को आधा नंग्न रखने के मुद्दे पर SHO मनोज सोनी pic.twitter.com/lnvIWTe8iT
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 7, 2022
वहीं इस मामले में सरकार की फजीहत होने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद मामले का संज्ञान लिया। मुख्यमंत्री ने भोपाल पुलिस मुख्यालय से इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा। ताजा अपडेट के मुताबिक इस मामले में एसएचओ समेत दो पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है।
डीजीपी सुधीर सक्सेना के मुताबिक थाने के टीआई और एसआई को निलंबित किया गया है और जांच के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि एएसपी रैंक का एक अधिकारी घटना की जांच करेगा। दोनों पुलिस अधिकारियों को गुरुवार को लाइन हाजिर किया गया है।
इससे पहले पत्रकार कनिष्क तिवारी ने एक वीडियो जारी कर कहा कि उन्हें और उनके परिजनों को लगातार धमकी मिल रही है। उनसे कहा जा रहा है कि तुम लोगों को झूठे मुकदमे में फंसा देंगे, तुम लोगों के ऊपर हमला करवा देंगे। इससे उनका परिवार डरा हुआ है।
तिवारी ने यह भी बताया कि कुछ लोगों ने उन्हें जानकारी दी है कि उनके ऊपर झूठा मुकदमा कर उन्हें गिरफ्तार करने की तैयारी चल रही है। उनके खिलाफ षड़यंत्र किया जा रहा है। उन्होंने पत्रकार बिरादरी और आम लोगों से अपील करते हुए कहा था कि हमारे परिवार को सुरक्षा प्रदान करने के लिए इस संघर्ष में साथ दिया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि आज मेरे साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज नहीं उठायी गई तो फिर कभी कोई पत्रकार सच नहीं लिख पाएगा।
पीड़ित पत्रकार ने जनज्वार से एक्सक्लूसिव बातचीत में बताया था कि बीते 2 अप्रैल को एक रंगकर्मी नीरज कुंदेर को पुलिस ने किसी कारणवश दोपहर तीन बजे गिरफ्तार किया और उसके बाद लगभग छह बजे उन्हें जेल भेज दिया। उनके परिजन हमारे पड़ोसी होने की वजह से हमारे पास आए और उन्होंने हमसे कहा कि हमारे बेटे यहां जबरन बैठाकर ले जाया गया। फिर उसे बंद कर दिया गया। उसके बाद नीरज कुंदेर के परिजन और सहयोगी थाने के बाहर बैठकर प्रदर्शन करने लगे। मैं वहां पर कवरेज करने गया था। मैंने टीआई से भी कहा कहा कि इनको संतुष्ट कर दीजिए कि आखिर कौन सा गंभीर अपराध था जो गिरफ्तार कर उन्हें जेल भेजा गया। उसके बाद उनके परिजन वहां शांतिपूर्ण तरीके प्रदर्शन करने लगे और नारेबाजी करने लगे।
'उसी दौरान पुलिस को एक फोन आता है, मैं बता रहा हूं कि यह विधायक के भतीजे का फोन था। फिर वहां से चीजें बिगड़ना शुरू हुई। फिर पुलिसवालों ने लाठीचार्ज कर दिया। मारपीट किया। इसके साथ ही सबको उठा लिया गया। अंदर ले गए..कपड़े उतरवाए गए। मेरे साथ मारपीट की गई। मेरे को कहा गया कि पुलिस और विधायक के खिलाफ खबर चलाओगे तो आज जैसे थाने में जुलूस निकाला गया है कल पूरे शहर में इसी तरह जुलूस निकालेंगे।'