Kisan Andolan : सिंधु बॉर्डर पर किसानों की 3 झोपड़ियों में भीषण आग, धमाके के बाद मची अफरातफरी, किसानों ने बताया साजिश
दिवाली की रात सिंघु बॉर्डर पर किसानों की 3 झुग्गियों में लगी आग।
Kisan Andolan : कृषि कानूनों के विरोध में सिंघु बॉर्डर ( Singhu Border ) पर जमे किसानों की झोपड़ियों में दीपावली की रात फिर आग ( Fire ) लग गई। आग किसानों की ट्रॉली से फैली और फिर तीन झोपड़ियों तक चली गई। आगजनी के बीच एक जोरदार धमाका भी हुआ। आग के बाद चारों तरफ अफरा-तफरी मच गई। सूचना के बाद फायर बिग्रेड की गाड़ियां मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है, लेकिन किसान इसे साजिश बता रहे हैं। धरनास्थल पर आग की ये पहली घटना नहीं है। इससे पहले 16 अक्टूबर को सुबह 4 बजे टीडीआई मॉल के सामने लगे कुरुक्षेत्र के अथीरा गांव के किसानों के टेंट में आग लगी थी।
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यह घटना उस समय हुई जब किसान नेता और प्रदर्शनकारी किसान सिंघु बॉर्डर पर दीपावली की रात आंदोलन ( Kisan Andolan ) में मारे गए किसानों के नाम दो दीपक जलाकर श्रद्धांजलि देने में लगे थे। उसी दौरान टीडीआई कुंडली के सामने बनी किसानों की झोपड़ियों में अचानक आग लग गई। जानकारी के मुताबिक आगजनी की घटना वहां खड़ी ट्रॉली, जिसे टेंट का रूप दिया गया था, से शुरू हुई। आग लगने के बाद तेज धमाका भी हुआ। यह किसी सिलेंडर या ट्रॉली का टायर फटने का बताया जा रहा है। धमाके से किसान दहल उठे। चारों तरफ अफरातफरी मच गई।
सारा सामान जलकर राख
देखते ही देखते आग पास की झोपड़ियों में भी फैल गई। यह तीनों झोपड़ियां गांव चाला पाला लहसाड़ा जिला नवांशहर पंजाब के किसानों की बताई जा रही हैं। आग की सूचना के बाद किसान झोपड़ियों से बाहर निकल आए थे, लेकिन इनमें भरा सामान जल कर राख हो गया।
आग से झुलस चुका है व्यक्ति
Kisan Andolan : अभी तक सिंघु बॉर्डर पर आगजनी की 7 घटनाएं हो चुकी हैं। राहत की बात यह है कि अभी तक कोई जान माल का बड़ा नुकसान नहीं हो पाया। 19 मार्च, 2021 को बॉर्डर पर एक सिलेंडर में आग लग गई। आग लगने से टेंट व उसमें रखा सारा सामान जलकर राख हो गया। आग बुझाने के प्रयास में एक किसान के हाथ, पैर व मुंह भी झुलस गया। 23 जुलाई 2021 को किसानों के तीन पंडालों में आग लग गई। आग से कुंडली बॉर्डर पर लंगर के पंडाल के नजदीक किसानों के दो पंडाल व एक ट्राली में बनाए गए आशियाने में नुकसान हुआ। दर्जनों किसानों का करीब एक माह का राशन, कुर्सियां, गद्दे और अन्य कई सामान जलकर राख हो गए।