सत्ता की संजीवनी बूटी बन गई है गोदी मीडिया, लोकतंत्र जिंदा रखना है तो चुनाव तक टीवी स्विच ऑफ कर दीजिए
Godi Media News: देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। जिसमें उत्तर प्रदेश का रण सबसे अधिक भारी है। इस बीच सत्ताधारी पार्टी के लिए गोदी मीडिया (Godi Media) किसी संजीवनी बूटी की तरह भूमिका अदा कर रहा है। गोदी मीडिया सत्ताधारी पार्टी यानी बीजेपी के लिए जबर्दस्त ब्रांडिंग करने में लगा हुआ है, वहीं विपक्ष को रात दिन घेरने की तरकीबें भी निकाल रहा है।
वंदे मातरम: 'टीपू' के घर में का बा? झगड़ा, झंझट, झाम बा!#VandeMataram #UPElections2022 pic.twitter.com/QDRbfz0Ots
— ZEE HINDUSTAN (@Zee_Hindustan) January 20, 2022
कल के जी हिंदुस्तान नाम के चैनल का ये कार्यक्रम देखिए। इस कार्यक्रम को एंकर अयोध्या से होस्ट कर रहा है। एंकर इस प्रोग्राम में समाजवादी परिवार पर इस तरह की चोट कर रहा मानो वह कोई पत्रकार नहीं बल्कि विपक्ष का कोई नेता हो। अब समाजवादी पार्टी का यूपी में इस समय विपक्ष कौन है कहने या बताने की जरूरत नहीं ही है..आप बस इस लिंक को क्लिक कर सुनें। खुद ब खुद समझ में आ जाएगा।
अखिलेश यादव परिवार में किसी की भी नहीं सुन रहे हैं। शिवपाल यादव का भी अपमान किया : प्रमोद गुप्ता, मुलायम के साढ़ू
— रिपब्लिक.भारत (@Republic_Bharat) January 20, 2022
देखिए 'महाभारत' सुचरिता कुकरेती के साथ रिपब्लिक भारत पर #LIVE :https://t.co/ilGNRanrxL pic.twitter.com/wbkKPfJlmq
अब दूसरा नमूना यह देखिए, रिपब्लिक भारत की एंकरा हैं। साथ में मुलायम सिंह यादव के साढ़ू प्रमोद गुप्ता हैं। इस बहस में एंकर पूरे तरह से समाजवादी परिवार को अपनी जुबान से ही बदनाम करने पर तुली हुई है। एंकर कुरेद कुरेद कर सपा पर हमलावर है। लेकिन इस एंकर ने क्या इससे पहले उन लोगों से भी इसी तरह बात की थी जो लोग भाजपा छोड़कर समाजवादी पार्टी में गये थे। नहीं क्योंकि गोदी मीडिया एकतरफा गोद में बैठी हुई है।
पहले छोड़ा कांग्रेस का दामन, 'साइकिल' पर हुए सवार... अब पूर्व विधायक युसूफ अली ने #AkhileshYadav को बताया मुस्लिम विरोधी @JournoAmitSingh @ranjeetadadwal #UPElections2022 pic.twitter.com/uBPkCdhsEB
— Times Now Navbharat (@TNNavbharat) January 21, 2022
यह ट्वीट नए शुरू हुए चैनल टाइम्स नाऊ नवभारत का है। इस ट्वीट को देखिए यह तब सामने आया है जब अखिलेश यादव ने अपनी उम्मीदवारी मैनपुरी की करहल सीट से जता दी है। तब यह चैनल उन्हें मुस्लिम विरोधी करार देने पर तुला हुआ है। क्या इस चैनल ने योगी के गोरखपुर से चुनाव लड़ने पर ऐसा किया था। जवाब होगा नहीं। क्योंकि सत्ता की चाटुकारिता करते ये चैनल सत्ता के खिलाफ जुबान तक खोलने की कंडीशन में नहीं हैं।
हम यहां किसी की तरफदारी या विरोध नहीं कर रहे। बल्कि हम पत्रकारिता के उन उसूलों की बात कर रहे जिसमें सभी को बराबरी से देखे जाने का पाठ पढ़ाया जाता है। तो क्यों ये गोदी मीडिया सभी पार्टियों को बराबरी का दर्जा नहीं दे पा रही। क्या नोटों की गर्मी ने इन सभी की इमानदारी को चट कर लिया है। यह सभी बातें आम जनता को समझनी होंगी। जिसे हम बार बार कहते रहते हैं। और यदि कुछ बदलाव करना है तो चुनाव तक टीवी देखना ही बंद कर देना चाहिए।