3 हजार करोड़ के स्टेच्यृ ऑफ यूनिटी के सिक्योरिटी गार्ड्स को नहीं मिला 2 माह से वेतन, ऐसे जताया विरोध
जनज्वार। गुजरात के नर्मदा जिले केवडिया में करीब तीन हजार करोड़ रुपये की लागत से बनी सरदार वल्लभ भाई पटेल (Sardar Patel) की विशाल प्रतिमा स्टेच्यू ऑफ यूनिटी (Statue of Unity) के सुरक्षा गार्ड्स को इस कोरोना संकट के दौर में समय पर वेतन नहीं मिला पा रहा है। मामूली वेतन पर काम करने वाले इन सुरक्षा गार्ड (Security Guard Statue of Unity) को इससे परिवार चलाने में काफी दिक्कत हो रही है। ऐसे में शुक्रवार (7th August) को इन्होंने अनोखे तरीके से विरोध जताया, जिसके बाद प्रबंधन की ओर से उन्हें शाम तक एक-एक महीने का वेतन दिया गया।
स्टेच्यू ऑफ यूनिटी (Statue of Unity) की सुरक्षा में तैनात सुरक्षा गार्ड्स को दो महीने से वेतन नहीं मिला था। ऐसे में शुक्रवार को उन्होंने विरोध करने का फैसला लिया। विरोध का तरीका अहिंसक व कोरोना प्रोटोकाॅल के अनुरूप चुना गया। गार्ड्स मुंह में मास्क पहन कर व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए शुक्रवार को चार घंटे तक परिसर में विश्राम की मुद्रा में खड़े रहे। उनके इस अनोखे तरीके के कारण प्रबंधन पर नैतिक दबाव बना, जिसके बाद किसी तरह शाम में उन्हें एक-एक महीने की तनख्वाह दी गई।
मालूम हो कि स्टेच्यू ऑफ यूनिटी को केंद्र व राज्य सरकार के संयुक्त प्रयास से एक भव्य पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करवाया गया है। पिछले साल यहां 24 लाख पर्यटक घूमने आए थे, जिससे गुजरात सरकार को 63.39 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी।
इस साल के आरंभ से ही कोरोना वायरस संक्रमण फैल गया, जिससे लोगों का आवागमन बाधित हो गया और पर्यटन बंद हो गया। इस कारण राजस्व संग्रह भी प्रभावित होना स्वाभाविक है, लेकिन मामूली तनख्वाह पर काम करने वाले सुरक्षा गार्ड्स के लिए एक महीना वेतन नहीं मिलना भी काफी कष्टदायक होता है।
स्टेच्यू ऑफ यूनिटी में पर्यटकों की आवाजाही इस समय बंद है। ऐसा कोरोना संक्रमण के कारण हुआ पर, प्रधानमंत्री मोदी ने लाॅकडाउन की शुरुआत में नियोक्ताओं से कहा था कि उनके फैसले से कर्मचारियों को असुविधा व दिक्कत नहीं होनी चाहिए।