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सीएम पर केस दर्ज कराने पहुंचे IAS सुधीर कुमार, एससी-एसटी थाने में करना पड़ा 4 घंटे इंतजार

Janjwar Desk
17 July 2021 2:34 PM GMT
सीएम पर केस दर्ज कराने पहुंचे IAS सुधीर कुमार, एससी-एसटी थाने में करना पड़ा 4 घंटे इंतजार
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(सुधीर कुमार अब उन जांच अधिकारियों पर भी केस दर्ज कराना चाह रहे हैं, जिन्होंने पेपर लीक कांड की जांच की थी।)

आईएएस सुधीर कुमार बिहार कर्मचारी चयन आयोग के पेपर लीक कांड में आरोपी थे। इसके बाद तीन साल से ज्यादा समय तक उन्होंने जेल में गुजारे थे। उस दौर में यह कांड काफी चर्चित हुआ था और पेपर लीक को लेकर खूब बवाल भी हुआ था....

पटना। बिहार के बहुचर्चित कर्मचारी चयन आय़ोग पेपर लीक कांड के आऱोपी आईएएस अधिकारी सुधीर कुमार सीएम नीतीश कुमार सहित कई अधिकारियों के विरुद्ध केस दर्ज कराना चाहते हैं। 1987 बैच के आईएएस अधिकारी और राज्य के गृह सचिव रह चुके सुधीर कुमार आज केस दर्ज कराने के लिए पटना के एससी-एसटी थाना पहुंचे थे लेकिन वहां उन्हें 4 घँटे तक इंतजार करना पड़ा। उनका आरोप था कि एससी-एसटी थाने के थानाध्यक्ष उनका आवेदन लेकर कहीं चले गए हैं।

हालांकि बाद में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें एक रिसीट दी गई है और बताया गया है कि आवेदन पढ़ कर बाद में एफआईआर दर्ज की जाएगी। हालांकि उन्होंने यह खुलासा नहीं किया कि अपने 36 पेज के आवेदन में उन्होंने क्या लिखा है लेकिन इतना जरूर कहा कि उनका शिकायती आवेदन ऊपर से नीचे तक सबके विरुद्ध है। मीडियाकर्मियों ने जब उनसे सवाल किया कि क्या उनके आवेदन में सीएम का भी नाम है तो उन्होंने जबाब में कहा-हां।

बता दें कि आईएएस सुधीर कुमार बिहार कर्मचारी चयन आयोग के पेपर लीक कांड में आरोपी थे। इसके बाद तीन साल से ज्यादा समय तक उन्होंने जेल में गुजारे थे। उस दौर में यह कांड काफी चर्चित हुआ था और पेपर लीक को लेकर खूब बवाल भी हुआ था।

बताया जा रहा है कि सुधीर कुमार अब उन जांच अधिकारियों पर भी केस दर्ज कराना चाह रहे हैं, जिन्होंने पेपर लीक कांड की जांच की थी। बता दें कि पेपर लीक कांड की जांच एसआईटी की टीम ने की थी और उस वक्त मनु महाराज पटना के एसएसपी हुआ करते थे। सुधीर कुमार ने कहा कि वे थाने में केस करना चाहते हैं। शनिवार को वे पटना के एससी-एसटी थाने पहुंच गये, जहां यह सब वाकया हुआ।

उधर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा 'हमने नहीं देखा कि इस तरह से मुख्यमंत्री पर आरोप लगता हो और तानाशाही रवैया अपनाया जा रहा हो। शिकायत दर्ज नहीं हो रही है। शिकायत दर्ज कर लीजिए फिर पता चल जाएगा की क्या मामला है। इसमें डर किस बात का है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सामने आकर बताना चाहिए।'

इससे पहले तेजस्वी ने कहा था कि 'बिहार सरकार में एक IAS अधिकारी जो मुख्य सचिव के पद पर है पिछले 5-6 घंटे से थाने में बैठे हैं। थाने में उनकी FIR दर्ज नहीं हो रही। एक मुख्य सचिव स्तर का अधिकारी पूरे सबूतों के साथ मुख्यमंत्री और उनके अधिकारियों पर FIR करने पहुंचता है लेकिन FIR दर्ज नहीं होती।'

इस मामले को लेकर चिराग पासवान ने भी सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। चिराग ने कहा,'अनुसूचित जाति को दलित और महादलित में बाँट अंग्रेजों की तरह राज करने वाले मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी आज तक अनुसूचित जाति से आने वाले लोगों का दमन कर रहे हैं।अपर मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी की SC/ST थाने में साक्ष्य प्रस्तुत करने के बाद भी FIR दर्ज में इतनी कठिनाई क्यों ?'

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