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ट्विटर व सरकार के बीच गतिरोध लगातार जारी, हर आवाज को सशक्त बनाने का काम करेंगे ट्विटर ने कहा

Janjwar Desk
28 May 2021 12:18 PM IST
ट्विटर व सरकार के बीच गतिरोध लगातार जारी, हर आवाज को सशक्त बनाने का काम करेंगे ट्विटर ने कहा
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ट्विटर व सरकार के बीच गतिरोध लगातार जारी, हर आवाज को सशक्त बनाने का काम करेंगे ट्विटर ने कहा 

भारत सरकार बड़े लोकतंत्र का हवाला देकर सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर और व्हाट्सएप की अभिव्यक्ति की आजादी व यूजर की निजता संबंधी चिंताओ को दूर करने की वजह नियमों को मानने के लिये बाध्य क्यों कर रही है। लक्षद्वीप की 90 फीसदी आबादी के मत का गला घोटने वाली सरकार क्या लोकतंत्र पर बोलने का नैतिक अधिकार रखती है?

जनज्वार ब्यूरो, दिल्ली। भारत सरकार और सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर के बीच तनातनी लगातार जारी है। टूल-किट विवाद के बाद शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। सरकार के द्वारा सोशल मीडिया कंपनियों के लिए जारी किये गये आईटी नियमों को लेकर ट्विटर ने कल बयान जारी किया है। आपको बता दें कि सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों को इन नए नियमों को मानने के लिए 25 तारीख तक का वक्त दिया था। जिन नियमों पर सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर व व्हाट्सएप ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता व निजता के मौलिक अधिकार के उल्लंघन का हवाला देकर आपत्ति जताई थी।

टूल किट विवाद तथा नये आईटी नियमों को लेकर कल ट्विटर ने बयान जारी किया है।

ट्विटर ने अपने बयान में कहा है- हम पारदर्शिता के सिद्धांत पर हर आवाज को सशक्त बनाने का काम करते रहेंगे। कानून के शासन के तहत अभिव्यक्ति की आजादी और निजता की रक्षा के लिए काम करते रहेंगे।

ट्विटर के एक प्रवक्ता ने कहा है-

ट्विटर भारत के लोगों के लिए प्रतिबद्ध है। हमारी सेवा सार्वजनिक विमर्श और महामारी के दौरान लोगों की मदद के लिए अहम साबित हुई है। अपनी सेवा उपलब्ध रखने के लिए हम भारत में लागू कानून का पालन करने की कोशिश करेंगे।

ट्विटर ने सरकार पर डराने धमकाने का भी आरोप लगाया-

ट्विटर ने केंद्र सरकार पर डराने धमकाने का भी आरोप लगाया है। टूल किट मामले में टि्वटर के ऑफिस पर दिल्ली पुलिस ने दबिश दी थी। इसे ट्विटर ने डराने धमकाने वाली रणनीति कहा है।

ट्विटर के बयान पर सरकार ने जताई कड़ी आपत्ति-

भारत सरकार ने ट्विटर के बयान की निंदा की है। सरकार ने कहा है कि यह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को बदनाम करने की कोशिश है। सरकार ने सवाल खड़ा किया है कि ट्विटर नियमों को लागू करने से क्यों बच रहा है? जब ट्विटर भारत से अच्छी खासी कमाई करता है तो उसे भारत के अपना विवाद निवारण तंत्र दफ्तर बनाने में क्या दिक्कत है।

केंद्र सरकार ने कहा है कि ट्विटर का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है यह पूरी तरह से आधारहीन है। ट्विटर खुद के गलत कामों पर पर्दा डालने के लिए भारत को बदनाम कर रहा है। ट्विटर नए नियमों को लागू करने से क्यों बच रहा है?

सूचना प्रसारण मंत्रालय ने कहा है कि ट्विटर को इधर उधर की बातें बंद करनी होंगी और नए नियमों का पालन सुनिश्चित करना होगा।

सरकार व ट्विटर के बीच विवाद पुराना-

आपको बता दें कि किसानों आंदोलन के दौरान दिल्ली में लाल किले वाली घटना के बाद सरकार ने ट्विटर को किसान आंदोलन से जुड़े 1100 अकाउंट को ब्लॉक करने का निर्देश दिया था। सरकार का दावा था कि इनमें से ज्यादातर अकाउंट खालिस्तान समर्थकों के हैं या फिर कुछ ऐसे लोगों के हैं जो किसान आंदोलन को लेकर दुष्प्रचार कर रहे हैं।

इस पर ट्विटर ने 500 अकाउंट को निलंबित कर दिया था। ट्विटर ने मीडिया से जुड़े लोग, पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता और राजनेताओं के अकाउंट पर कार्यवाही नही की थी।

कंपनी ने कहा था कि हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पक्षधर हैं और इसी नजरिए को ध्यान में रखकर हमने मीडिया के लोगों, पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ता और राजनेताओं के अकाउंट के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की।

भारत सरकार बड़े लोकतंत्र का हवाला देकर सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर और व्हाट्सएप की अभिव्यक्ति की आजादी व यूजर की निजता संबंधी चिंताओ को दूर करने की वजह नियमों को मानने के लिये बाध्य क्यों कर रही है। लक्षद्वीप की 90 फीसदी आबादी के मत का गला घोटने वाली सरकार क्या लोकतंत्र पर बोलने का नैतिक अधिकार रखती है?

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