असंगठित मजदूरों के साझा मंच ने पूर्व IG एसआर दारापुरी और श्रवण कुमार निराला समेत दर्जनों की गोरखपुर में हुई गिरफ्तारी की निंदा कर उठायी रिहाई की मांग
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लखनऊ। 'सामाजिक सुरक्षा का लाभ मिलना मजदूर का संवैधानिक अधिकार है, जिसे सरकार को देना चाहिए। सरकार को ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत मजदूरों को आयुष्मान कार्ड, बीमा, आवास, पुत्री विवाह अनुदान, मुफ्त शिक्षा की व्यवस्था करनी चाहिए। इसे यदि सरकार पूरा नहीं करती तो इन सवालों को लेकर सभी राजनीतिक दलों के प्रमुखों, माननीय सांसदों और विधायकों को पत्र दिया जाएगा और उनसे चुनावी घोषणा पत्र में इसे शामिल करने की मांग की जाएगी।'
इस आशय का प्रस्ताव असंगठित मजदूरों के साझा मंच की श्रम कार्यालय के ट्रेड यूनियन सभागार में हुई बैठक में लिया गया। बैठक में ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व आईजी एसआर दारापुरी की गोरखपुर में हुई गिरफ्तारी को अनुचित मानते हुए उनके समेत सभी निर्दोष लोगों की रिहाई की उत्तर प्रदेश सरकार से मांग की गई। बैठक की अध्यक्षता वरिष्ठ ट्रेड यूनियन नेता रामेश्वर यादव और संचालन एटक के प्रदेश महामंत्री चंद्रशेखर ने किया।
बैठक में उत्तर प्रदेश में मजदूरों की बदतर हालात पर गहरी चिंता व्यक्त की गई और कहा गया कि उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी चरम पर है और पिछले चार सालों से न्यूनतम वेतन का पुनरीक्षण नहीं किया गया, जिससे इस महंगाई में मजदूरों को अपनी जीविका चलना कठिन होता जा रहा है। सरकार का इन सवालों पर ध्यान आकर्षित करने के लिए शीध्र ही शासन से प्रतिनिधिमंडल भी मिलेगा।
बैठक में एटक के प्रदेश अध्यक्ष वीके सिंह, यूपी वर्कर्स फ्रंट के प्रदेश अध्यक्ष दिनकर कपूर, टीयूसीसी के प्रदेश महामंत्री प्रमोद पटेल, इंटक के प्रदेश मंत्री मोहम्मद खुर्शीद, वरिष्ठ ट्रेड यूनियन नेता सत्य नारायण तिवारी, भवन एवं निर्माण मजदूर यूनियन के राम स्नेही मिश्रा, उत्तर प्रदेश असंगठित मजदूर यूनियन के ओम प्रकाश वर्मा, एटक के प्रदेश मंत्री बलेंद्र सिंह, उत्तर प्रदेश बुनकर वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष एकबाल अहमद अंसारी, निर्माण मजदूर मोर्चा के अध्यक्ष नौमीलाल, निर्माण यूनियन की ललिता राजपूत, चालक यूनियन के रमेश कश्यप आदि ने अपने विचार रखे।