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The Kashmir Files को लेकर ट्वीट करने के बाद आखिर क्यों बुरी तरह ट्रोल किए जा रहे अनुपम खेर?

Janjwar Desk
14 March 2022 2:18 PM GMT
The Kashmir Files
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द कश्मीर फाइल्स

जिस समय कश्मीरी पंडितों के खिलाफ अत्याचार हुआ उस समय केंद्र में कांग्रेस की नहीं बल्कि बीजेपी के समर्थन से चल रही वीपी सिंह की सरकार थी और जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लगा हुआ था...

The Kashmir Files: फिल्म द कश्मीर फाइल्स में अपने दमदार अभिनय को लेकर अनुपम खेर (Anupam Kher) इन दिनों चर्चा के केंद्र में हैं। वहीं, इस फिल्म को मौजूदा सरकार द्वारा समर्थन मिल रहा है। इसके अलावा कई भाजपा शासित राज्यों में इसे टैक्स फ्री किया गया है। इस फिल्म के माध्यम से एक बार फिर से कश्मीरी पंडितों के नाम पर युवा वर्ग को एक धर्म विशेष के खिलाफ भड़काने की कोशिश की जा रही है।

'द कश्मीर फाइल्स' (The Kashmir Files) के रिलीज होने के बाद एक बार फिर से कश्मीरी पंडितों का मुद्दा सुर्खियां पकड़ रहा है। कश्मीरी पंडितों के नाम पर एक बार फिर से मौजूदा सरकार का महिमामंडन किया जा रहा है और कांग्रेस को कटघरे में खड़ा किया जा रहा है। इस फिल्म का नाम लेकर लोग अब कांग्रेस से सवाल भी कर रहे हैं।

लेकिन सवाल यह है कि, सवाल करने वाला वर्ग युवा है। और उस युवा वर्ग को यह पता ही नहीं है कि जिस समय कश्मीरी पंडितों के खिलाफ अत्याचार हुआ उस समय केंद्र में कांग्रेस की नहीं बल्कि बीजेपी के समर्थन से चल रही वीपी सिंह की सरकार थी और जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लगा हुआ था। भाजपा नेता जगमोहन उस समय जम्मू कश्मीर के राज्यपाल थे।

कश्मीर फाइल्स में अनुपम खेर मुख्य भूमिका में हैं उन्होंने एक ट्वीट किया है। अपने ट्वीट में अनुपम ने लिखा है कि, 'लोगों का प्यार, कश्मीरी हिंदुओं के आंसू, विवेक अग्निहोत्री का धैर्य/साहस, द कश्मीर फाइल्स पूरी टीम की मेहनत और सबसे ऊपर बाबा भोलेनाथ का आशीर्वाद। सच की जीत कभी ना कभी तो होनी थी। 32 साल बाद ही सही।'

इस ट्वीट के बाद अनुपम खेर को यूजर्स खूब खरी-खोटी सुना रहे हैं। मनोज कुमार शुक्ला ने अनुपम खेर के ट्वीट पर जवाब दिया कि, TheKashmirFiles विद्रोह तब हुआ, जब केंद्र में BJP समर्थित सरकार में वीपी सिंह पीएम थे। तब कश्मीर मे राज्यपाल शासन था और भाजपा नेता जगमोहन राज्यपाल थे। पर सनद रहे इस दौर में कांग्रेस विपक्ष में थी अभी भी पुनर्स्थापित होने की राह देख रहे है जबकि सत्ता मे 6+7 साल रह चुके है।

बाबा महाकाल नामक टि्वटर यूजर ने अनुपम खेर के ट्वीट पर जवाब देते हुए लिखा कि, द काश्मीर फाइल्स। जिस दिन जम्मू कश्मीर से 4 लाख से अधिक हिन्दुओं को भगाया गया वह तारीख थी 19 जनवरी 1990। उस समय केंद्र में विश्वनाथ प्रताप सिंह की जन संघ आज की भारतीय जनता पार्टी और वामपंथी दलों की मदद वाली गठबंधन की सरकार थी और ये बेईमान लोग अपनी नाकामी को दूसरे के माथे मड़ रहे।

रणवीर सिंह नामक टि्वटर यूजर ने अनुपम खेर के ट्वीट पर लिखा कि, इसमें बताया नहीं की सरकार किसकी थी उसे समर्थन किसका था, राष्ट्रपति शासन में उधर का राज्यपाल कौन था? उसके बाद कितनी बार भाजपा सरकार आई? पूरी मजबूती के साथ आई क्या किया कश्मीरी पंडितों के लिए? अरे इंसानियत को खत्म करने की सोच रखने वालों इंसान के नाम पर कलंक हो। ईश्वर के नाम पर।

बता दें कि इस फिल्म को बनाने वाले अधिकतर लोग मौजूदा सत्ता समर्थक हैं और एक बार फिर से कश्मीरी पंडितों के नाम पर जन भावनाओं को उकेरने की कोशिश की जा रही है। सच्चाई से दूर सिर्फ और सिर्फ हिंदुओं के नाम पर एक बार फिर से नफरत का बीज बोने की कोशिश की जा रही है। अगर सच में कश्मीरी पंडितों का दर्द दिखाया गया होता तो उस वक्त की सत्ता और उसमें शामिल लोगों की असलियत भी सामने लाई गई होती। जिसे इस फिल्म को बनाते वक्त दूर रखा गया है।

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