Begin typing your search above and press return to search.
राष्ट्रीय

साल 2020 : वो शख्सियतें जो इस साल छोड़ गईं दुनिया

Janjwar Desk
1 Jan 2021 7:30 AM IST
साल 2020 : वो शख्सियतें जो इस साल छोड़ गईं दुनिया
x
इरफान ने हिंदी सिनेमा पर अपनी अदाकारी की अमिट छाप छोड़ी, मदारी, मकबूल, और पाई जैसी यादगार फिल्में देने वाले नायाब कलाकार को बीमारी ने निगल लिया....

जनज्वार ब्यूरो इस बीते साल को कोरोना महामारी, लॉकडाउन, सड़कें नापते मजदूरों, बेघर होते गरीबों और त्रासदी आदि के लिए हमेशा याद रखा जाएगा। तो वहीं इस बीते साल कई ऐसी सख्शियतें जिन्होंने लोगों में अपनी अमिट छाप छोड़ी थी, वो भी दुनिया से रुखसत हो गईं।

अकबर पदमसी (12 अप्रैल 1928-6 जनवरी 2020) आधुनिक भारतीय चित्रकला की पहचान अकबर पदमसी ऑयल पेंट, वाटर कलर, प्लास्टिक इमल्सन से लेकर कंप्यूटर ग्राफ़िक तक रचे।

सतीश गुजराल (25 दिसंबर 1925-26 मार्च 2020) बचपन मे सुनने की छमता खो देने के बावजूद भी स्थापत्य और भित्तिचित्रण को आधुनिक पहचान दिलाने वाली सख्शियत।

निम्मी (18 फरवरी 1933- 25 मार्च 2020) भारतीय सिनेमा के स्वर्णिम युग की प्रमुख अभिनेत्री। राज कपूर के साथ की गई फिल्मों में अदायगी ने प्रशंशको के मन मे जगह बनाई।

इरफान खान (7 जनवरी1967-29 अप्रैल 2020) इरफान ने हिंदी सिनेमा पर अपनी अदाकारी की अमिट छाप छोड़ी। मदारी, मकबूल, और पाई जैसी यादगार फिल्में देने वाले नायाब कलाकार को बीमारी ने निगल लिया।

ऋषि कपूर (4 सितंबर 1952-30 अप्रैल2020) ऋषि कपूर ने अपने फिल्मी कैरियर में 50 वर्षों तक बिना रुके काम किया। उनके कैरियर की मील का पत्थर साबित हुई फ़िल्म 'बॉबी' उन्हें इसलिए मिली कि उनके पिता राजकपूर के पास सुपरस्टार राजेश खन्ना को देने के लिए फीस नहीं थी।

चुन्नी गोस्वामी (15 जनवरी1938-30 अप्रैल 2020) इस क्रिकेटर-फुटबॉलर ने 30 अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में 9 गोल दागे। इसके अलावा एशिया गेम्स में देश को गोल्ड मेडल दिलाया।

सुशांत सिंह राजपूत (21 जनवरी 1986-14 जून 2020) एमएस धोनी, ब्योमकेश बक्शी, सोनचिरैया जैसी शानदार फिल्मों को यादगार बनाने वाले अभिनेता पूरे बॉलीवुड और देश के लिए सदमे जैसा था, जिसे अब तक भुलाया नहीं जा सका है।

बासु चटर्जी (10 जनवरी 1927-4 जून 2020) 70-80 के दशक की पीढ़ी को गर्व से यह बताने का मौका दिया कि चितचोर, छोटी सी बात, बातों बातों में, जैसी बेहतरीन फिल्मों में काम किया।

सरोज खान (23 नवंबर 1948-3 जुलाई 2020) नृत्य कलाकार सरोज खान हिंदी फिल्मों की पहली कोरिओग्राफर थीं। सरोज ने 40 साल के कैरियर में 3 हजार से अधिक गानो का निर्देशन किया।

जगदीप (19 मार्च 1939-8 जुलाई 2020) अभिनेता जगदीप ने 400 से भी जादा फिल्मों में काम किया। उनके किरदार सूरमा भोपाली ने सालों तक दर्शकों के दिलों पर राज किया।

प्रणव मुखर्जी (11 दिसंबर 1935-31 अगस्त 2020) देश के 13 वें राष्ट्रपति बने। लगभग 5 दशक के राजनीतिक कैरियर में सालों तक केंद्र सरकार में मंत्री रहे, और सियासत में सबके दोस्त।

चेतन चौहान (21 जुलाई 1947-16 अगस्त 2020) सर्वश्रेष्ठ-सर्वकालिक क्रिकेटर रहे। सुनील गावस्कर के साथ 40 मैचों में ओपनर। बाद में राजनीतिक पारी भी खेली। यूपी सरकार में मंत्री भी रहे।

पंडित जसराज (20 जनवरी 1930-17 अगस्त 2020) 75 वर्षों तक शास्त्रीय गायन से जुड़े रहे पंडित जसराज को रसराज की उपाधि मिली। इस उपाधि का उन्होंने 90 साल तक और लॉकडाउन में भी नई पीढ़ी को स्काइप पर सिखाते हुए मान रखा।

राहत इंदौरी (1 जनवरी 1950-11 अगस्त 2020) 45 सालों तक भारत ही नहीं बल्कि विदेशों तक के मुशायरों पर राज किया। मुन्नाभाई एमबीबीएस जैसे गीतों से नई पहचान मिली।

इब्राहिम अल्काजी (18 अक्टूबर 1925-4 अगस्त 2020) तुगलक, आषाढ़ का एक दिन, अंधा युग, जैसे 50 से अधिक नाटकों को गहरे शोध के बाद प्रस्तुत किया।

एसपी बालासुब्रमण्यम (4 जून 1946-23 सितंबर 2020) 5 दशक, 16 भाषाएं और 40 हजार से अधिक गीतों में बाला की मखमली आवाज पूरे देश को दीवाना किये रही। अपने समय मे उन्होंने 4 पीढ़ियों के फिल्मी हीरो को आवाज दी।

कपिला वात्सायन (25 सितंबर 1928-16 सितंबर 2020) कपिला भारतीय शास्त्रीय नृत्य, कला और स्थापत्य की प्रतिमूर्ति थीं। अपनी संस्कृति की अलग ही पहचान कराई।

स्वामी अग्निवेश (21 सितंबर 1939-11 सितंबर 2020) बंधुआ मजदूरी के खिलाफ आंदोलन से चर्चित। आर्यसमाजी और विचारक-राजनीतिज्ञ स्वामी की कई विवादों में मध्यस्थता रही।

जसवंत सिंह (3 जनवरी 1938-27 सितंबर 2020) भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्य रहने के साथ ही विदेश, रक्षा और वित्तमंत्री भी रहे।

राम विलास पासवान (5 जुलाई 1946-8 अक्टूबर 2020) सम्मानित दलित नेता की छवि। सियासत के अद्भुत मौसम विज्ञानी नेता का हर दल की सरकार में मंत्री रहने का रिकॉर्ड।

तरुण गोगोई (1 अप्रैल 1936-23 नवंबर 2020) पूर्व मुख्यमंत्री रहे। असम में आतंकी गतिविधियां खत्म करने और आर्थिक विकास की शुरुआत करने वाले नेता की छवि रही।

सौमित्र चटर्जी (19 जनवरी 1935-15 नवंबर 2020) सत्यजीत रे के अपूर संसार को आकार देने वाले चटर्जी ने लेखक-निर्देशक के तौर पर भी पहचान बनाई। हिंदी सिनेमा के कई ऑफरों के बावजूद वहां कभी काम नहीं किया।

अहमद पटेल (21 अगस्त 1949-25 नवंबर 2020) कांग्रेस के संकटमोचक और शक्ति की धुरी के रूप में चर्चित। 3 बार लोकसभा और 5 बार राज्यसभा सांसद रहे।

अस्ताद देबू (13 जुलाई 1947-10 दिसंबर 2020) आधुनिक भारतीय नृत्यकला के अग्रणी पिंक फ्लॉयड से लेकर एलिसन बेकर तक के साथ काम किया।

शम्सुर्रहमान फारूकी (30 सितंबर 1935-25 दिसंबर 2020) उर्दू साहित्य में आधुनिकता घोलने के साथ 16 वीं सदी की कथा शैली दास्तानगोई को पुनर्जीवन दिया।

महाशय धर्मपाल गुलाटी (27 मार्च 1923-3 दिसंबर 2020) देश के मसाला किंग। बंटवारे के बाद एक तांगा लेकर शरणार्थी बनकर आये महाशय एमडीएच से पूरे देश मे छा गए।

मंगलेश डबराल (16 मई 1948-9 दिसंबर 2020) अग्रणी कवि, पत्रकार जिन्होंने सरल लेकिन यथार्थपूर्ण शब्दों में घर और पहाड़ों के प्रति लगाव और विस्थापितों की व्यथा को असाधारण तौर पर व्यक्त किया।

Next Story

विविध