लखनऊ से गिरफ्तार कथित आतंकियों के पास देशी असलहों सहित तीन चाकू बरामद, हैरान करती है जांच एजेंसी की थ्योरी
लखनभ के दुबग्गा से एटीएस द्वारा पकड़े गये कथित अलकायदा आतंकी.
जनज्वार, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लखनऊ (Lucknow) में पकड़े गए अलकायदा समर्थित गजवातुल हिंद आतंकियों के मामले में एक बड़ा सवाल उठ रहा है। सवाल यह खड़ा हो रहा है कि अलकायदा जैसे बड़े संगठन के आतंकियों के पास देशी तमंचे बरामद हुये हैं। जबकि आतंकी अत्याधुनिक और स्वचालित हथियारों से लैस होते हैं।
अलकायदा बड़ा आतंकी संगठन बताया जाता है। उसके आतंकियों के पास से कंट्रीमेड पिस्टल बरामद होना गले नहीं उतर रहा है। संगठन के आतंकी आधुनिक हथियारों का इस्तेमाल करते हैं। आखिर इतने कमजोर हथियार इन आतंकियों के पास क्यों थे, इसका जवाब नहीं मिल रहा है। ताज्जूब तो यह है कि अफसर भी इस पर कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं।
गौरतलब है कि एटीएस (ATS) ने लखनऊ के दुबग्गा इलाके से मिनहाज और मुशीर को गिरफ्तार किया था। दोनों के पास एक पिस्टल बरामद होने का दावा किया था। ये 32 बोर पिस्टल कंट्रीमेड है। पता चला था कि पकड़े गए संदिग्ध आतंकियों के पास से तीन चाकू भी बरामद हुए थे। इन आरोपियों ने असलहों की खरीदारी कानपुर के चमनगंज से बताई है।
इसमें लईक और आफाक का नाम सामने आ रहा है। अभी तक इन दोनों पर कार्रवाई नहीं हुई है। वैसे बड़े आतंकी संगठन से जुड़े आतंकवादी ऑटोमैटिक असलहों का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में वे देसी असलहों का इस्तेमाल क्यों कर रहे थे, इसका जवाब अभी तक नहीं मिल सका है।
जो संदिग्ध आतंकी पकड़े गए हैं, वो गजवातुल हिंद संगठन के हैं। दावा है कि ये संगठन अलकायदा समर्थित है। गजवातुल हिंद का मुखिया बिजनौर का रहने वाला है, जो काफी समय से लापता है। वह पाकिस्तान, अफगानिस्तान से जुड़ा है। एक सूत्र ने बताया कि गजवातुल हिंद एक सेल्फ मोटिवेट आतंकी संगठन है।
अलकायदा की तर्ज पर वो आतंकवाद फैलाता रहा है। चूंकि गजवातुल हिंद यहीं का संगठन है, इसलिए उससे जुड़े अधिकतर लोग यहीं के हैं। ये सब देसी असलहों आदि का इस्तेमाल करते हैं। सूत्रों के मुताबिक, आने वाले समय में ये पूरी तरह से ट्रेंड किए जाते, तब इनको आधुनिक असलहे मुहैया करवाकर बड़े मिशन पर भेजा जाता।