पुलिसिया उत्पीड़न से तंग आकर आगरा में 3 दिन के भीतर दो भाइयों द्वारा आत्महत्या का आरोप, माले ने ठहराया योगी सरकार को जिम्मेदार
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लखनऊ। कथित तोर पर पुलिस के उत्पीड़न व अवैध वसूली से तंग आकर आगरा में तीन दिनों के भीतर दो सगे भाइयों द्वारा आत्महत्या कर लेने की घटना सामने आयी है। इस घटना के लिए भाकपा (माले) ने प्रदेश की योगी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए दोषी पुलिसकर्मियों को सख्त सजा देने की मांग की है।
भाकपा (माले) के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने शुक्रवार 28 जून को जारी बयान में कहा कि योगी सरकार में पुलिस को दी गई खुली छूट ने हाथरस में दो निर्दोष भाइयों की जान ले ली। पुलिस का अमानवीय, क्रूर, दमनात्मक बर्ताव न सिर्फ हिरासत में मौतों, बल्कि बाहर भी आत्महत्याओं का कारण बन रहा है। कानून का राज खत्म हो गया है। इसकी जगह पुलिस राज और बुल्डोजर राज ने ले ली है। मानव अधिकारों और लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, हाथरस के सादाबाद थाना की पुलिस ने आगरा जिले के रूपधनु गांव के रहने वाले संजय को पहले उठाया। आरोप लगाया कि उसने अपने साले को किसी लड़की के साथ गायब हो जाने में मदद की थी। परिजनों के मुताबिक उसे थाने में मारपीट के बाद दस हजार रिश्वत लेकर छोड़ा गया। फिर उसके 50 वर्षीय बड़े भाई प्रमोद को उठाकर पुलिस ने हिरासत में यातना दी और छोड़ने के बदले और भी बड़ी रकम (एक लाख रुपये) रिश्वत देने को कहा। प्रमोद की सुसाइड नोट के अनुसार उसे भी दस हजार लेकर छोड़ा गया और शेष रकम भी देने को कहा गया। पहले छोटे भाई ने अपने खेत में पेड़ से लटक कर जान दी और उसके दो दिन बाद प्रमोद ने भी 24 जून को उसी जगह आत्महत्या कर ली।
माले नेता ने कहा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने घटना का स्वतः संज्ञान लिया है, जो स्वागतयोग्य है। घटना की निष्पक्ष जांच हो और पीड़ित परिवार को न्याय मिले।