twitter BLUE TIK हटाने-लगाने तक RSS प्रमुख व नायड़ू के फॉलोवरों की बढ़ी संख्या, भागवत नहीं करते एक भी ट्वीट
2019 से अकाउंट बनने के बाद भागवत ने आज तक एक भी ट्वीट नहीं किया.6 महीने में खाता बंद करने का है ट्वीटर प्रावधान.
जनज्वार, नई दिल्ली। ट्विटर ने कल शनिवार सुबह आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत सहित अरुण कुमार, सुरेश जोशी और कृष्ण गोपाल के अकाउंट से ब्लू टिक हटा दिया था। बताया जा रहा है कि तमाम विरोध के बाद ट्वीटर को ब्लू टिक वापस करना पड़ा। इससे पहले ट्वीटर ने उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, मोहन भागवत समेत कई नेताओं के निजी ट्विटर हैंडल से ब्लू टिक हटा दिया था।
ब्लू टिक हटाने से लगाने तक खास बात यह रही कि इन हस्तियों को फॉलो करने वाले लोगों की संख्या में इजाफा हुआ है। संघ प्रमुख मोहन भागवत के फॉलोअर्स की संख्या की बात करें तो ब्लू टिक हटाए जाने पर यह 207.9k थे, जबकि ब्लू टिक वापस आने तक यह बढ़ा 214.3k पर पहुंच गई। इस तरह देखें तो भागवत को फॉलो करने वालों की संख्या में करीब 6 लाख 40 हजार का इजाफा हुआ।
कुछ ऐसा ही वेंकैया नायडू के मामले में भी देखने को मिला। ब्लू टिक हटने पर नायडू के 1.2 मिलियन फॉलोअर थे। वहीं ब्लू टिक वापस आने पर यह संख्या बढ़कर 1.3 मिलियन हो गई। ट्विटर से ब्लू टिक हटाने का मतलब होता है कि कंपनी ने उस अकाउंट को अनवेरिफाई कर दिया है।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत समेत आरएसएस के कई नेताओं के ट्विटर हैंडल से ब्लू टिक को हटा दिया है। ऐसा माना जा रहा है कि मोहन भागवत ने अपने ट्विटर हैंडल से अभी तक एक भी ट्वीट नहीं किया है, इसलिए उनके हैंडल से ब्लू टिक हटा दिया गया है।
गौरतलब है कि मोहन भागवत ने अपना ट्विटर अकाउंट साल 2019 में बनाया था और अभी तक उनके निजी ट्विटर हैंडल से कोई ट्वीट नहीं किया गया है। मोहन भागवत से पहले आरएसएस नेता सुरेश सोनी, सुरेश जोशी और अरुण कुमार के निजी ट्विटर हैंडल से ब्लू टिक हटा दिया था।
दरअसल, ट्विटर के नियमों के मुताबिक अकाउंट को सक्रिय रखने के लिए हर छह महीने में लॉग इन करना जरूरी है और प्रोफाइल को अपडेट करना जरूरी है। वहीं वेंकैया नायडू के ट्विटर अकाउंट से ब्लू टिक हटाने के बाद ट्विटर की ओर से यही सफाई दी गई थी कि वेंकैया नायडू के ट्विटर हैंडल को पिछले छह महीने में लॉग इन नहीं किया गया था।