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राष्ट्रीय

'मोदी सरकार ने नियमों के खिलाफ ट्विटर अकाउंट बंद करने का डाला था दबाव' Twitter ने कर्नाटक HC को बताया

Janjwar Desk
27 Sep 2022 5:23 AM GMT
Twitter ने कर्नाटक हाईकोर्ट को बताया - ट्विटर पर मोदी सरकार ने नियमों के खिलाफ ट्विटर अकाउंट बंद करने का डाला था दबाव
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Twitter ने कर्नाटक हाईकोर्ट को बताया - ट्विटर पर मोदी सरकार ने नियमों के खिलाफ ट्विटर अकाउंट बंद करने का डाला था दबाव

Kisan Andolan Updates : ट्विटर ( Twitter ) ने कर्नाटक हाईकोर्ट ( Karnataka High court ) को बताया कि कानून राजनीतिक आलोचना के खिलाफ केवल एक व्यक्तिगत ट्वीट को अवरुद्ध करने की इजाजत देता है, न कि पूरे खाते को, जब तक कि यूजर बार-बार वैसा न करे। यह आईटी कानून ( IT Act )की धारा 69 का भी उल्लंघन है।

Kisan Andolan Updates : सोशल मीडिया माइक्रो ब्लॉगिंग साइट्स की दिग्गज कंपनी ट्विटर ( Twitter ) ने 26 सितंबर को कर्नाटक उच्च न्यायालय ( Karnataka High Court ) के सामने बड़ा खुलासा किया है। ट्विटर ने हाईकोर्ट को बताया कि पिछले साल दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन ( Kisan Andolan ) के दौरान कई खातों को पूरी तरह से ब्लॉक करने के लिए कहा गया था। ट्विटर ने जस्टिस कृष्णा एस दीक्षित की अध्यक्षता वाली पीठ को यह भी बताया कि नियमों ( IT Act ) के मुताबिक राजनीतिक आलोचना के खिलाफ केवल एक व्यक्तिगत ट्वीट को डिलीट करने की इजाजत है न कि पूरे खाते को। जब तक कि बार-बार अपराध न हो।

सरकार की नीयत पर उठाए सवाल

कर्नाटक हाईकोर्ट की पीठ के समक्ष पेश अपने हलफनामे में फरवरी 2021 और फरवरी 2022 के बीच केंद्र सरकार द्वारा 10 ब्लॉकिंग ऑर्डर के संबंध में ट्विटर ( Twitter ) की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील अरविंद एस दातार ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69 में खातों को ब्लॉक करने की गुंजाइश नहीं है। ट्विटर ने इस तरह के आदेश पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब अखबार और टेलीविजन चैनल किसानों के आंदोलन ( Kisan Andolan ) को कवर कर रहे थे तो उनके मुवक्किल को सभी खातों को पूरी तरह से ब्लॉक करने के लिए क्यों कहा गया।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का खुल्लमखुल्ला उल्लंघन

ट्विटर ( Twitter ) की ओर से अदालत में सामने पेश वकील ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में सरकार की आलोचना करने का अधिकार शामिल है। सर्वोच्च न्यायालय ने माना है कि आलोचना कानून की सीमाओं के भीतर आलोचना की जा सकती है। केंद्र सरकार का आदेश सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन है। इस पर जस्टिस दीक्षित ने जानना चाहा कि अमेरिकी कानून जैसे अन्य न्यायालयों में ऐसे मुद्दों से कैसे निपटा जाता है। इसका जवाब देने के लिए ट्विटर के अधिवक्ता ने अदालत से समय मांगा है। इसके बाद अदालत ने 17 अक्टूबर के लिए सुनवाई स्थगित कर दी है।

Kisan Andolan Updates : केंद्र सरकार ने दिए थे ये तर्क

ट्विटर ( Twitter ) ने सरकार के फैसले को मनमाना और आईटी अधिनियम की धारा 69ए का उल्लंघन बताया है। केंद्र सरकार का कहना है कि राष्ट्र और जनहित में अवरोधक आदेश जारी किए गए थे। लिंचिंग और भीड़ की हिंसा को रोकने के लिए कार्रवाई की गई थी।

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