Uttarakhand : रुद्रपुर में देवरिया BJP विधायक कमलेश शुक्ला की बहू की करंट से मौत, बारिश के बाद फॉर्म में भर गया था पानी
उत्तराखण्ड में मची तबाही की आंच पहुंची भाजपा विधायक कमलेश शुक्ला के घर तक, बहू की करंट लगने से मौत
रुद्रपुर, जनज्वार। उत्तराखंड में बारिश जहां कहर बरसा रही है। हर ओर मचे त्राहिमाम के बीच रुद्रपुर में उत्तर प्रदेश के देवरिया की रामपुर कारखाना सीट से भाजपा के विधायक कमलेश शुक्ल की छोटी बहू की सोमवार 18 अक्टूबर की देर रात करंट लगने से मौत हो गई।
विधायक राजेश शुक्ला के चचरे भाई कमलेश शुक्ला यूपी के देवरिया में रामपुर कारखाना से विधायक हैं। उनका कारोबार और प्रोपर्टी रुद्रपुर के शुक्ला फार्म में है। सोमवार रात हुई बारिश के बाद शुक्ला फार्म में भी पानी भर गया। कमलेश शुक्ला के घर में भी पानी भर गया। इस दौरान उनकी पुत्रवधू कंचन (35) पत्नी अनूप शुक्ल बिजली का स्विच बंद करने लगी। इससे कंचन को करंट लग गया और उसकी मौत हो गई।
जानकारी के मुताबिक घर में मौजूद विधायक की छोटी बहू कंचन शुक्ल ने फॉर्म हाउस में पानी भर जाने पर नौकर से इन्वर्टर का तार निकालने के लिए कहा। नौकर तार नहीं निकाल पा रहा था, जिसके बाद कंचन खुद तार निकलने चली गई। उसी दौरान करंट की चपेट में आने से उनकी मौत हो गई।
हादसे की सूचना से विधायक के घर मे कोहराम मच गया है। सूचना मिलते ही विधायक अपने बड़े बेटे संजीव शुक्ल के साथ उत्तराखंड आ रहे हैं।
उत्तराखंड में पिछले 24 घंटे से हो रही बारिश की वजह लगभग 40 से अधिक लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है । राज्य में सबसे अधिक प्रभावित जिला नैनीताल है जहां 27 लोगों ने अपनी जान जाने की खबर है। जबकि अभी कई लोग लापता हैं।
नैनीताल जिले में मरने वालों में अधिकतर उत्तर प्रदेश और बिहार के मजदूर हैं, जिनमे पांच मजदूर रामगढ़ में एक घर मे दफन हो गए। जबकि झुतिया गांव में एक दंपती की मलवे में दबकर मौत हुई। अल्मोड़ा जिले में अलग अलग स्थानों से 6 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। पिथौरागढ़ बागेश्वर में एक एक चंपावत में तीन जबकि उधमसिंह नगर में दो लोगों की मौत का समाचार है।
सरकार ने अभी तक 22 मौतों की पुष्टि की है। राज्य में अलग अलग घटनाओं में पिछले 24 घण्टे में 600 से अधिक लोगों को रेस्क्यू किया गया है। नैनीताल जिले में मदद के लिए सेना की विभिन्न टुकड़ियों को उतार दिया गया है। रामनगर में कोसी नदी में आई बाढ़ के कारण ग्राम सुंदरखाल में फंसे 25 लोगों को एसडीआएफ की टीम ने वायु सेना के जवानों और हेलीकॉप्टर द्वारा रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। इस दौरान राफ्टिंग नाव की मदद भी ली गयी।