यूपी : CBI ने जूता कांड से चर्चा में आने वाले BJP विधायक के घर पर की छापेमारी, मचा हड़कंप
(सोमवार की सुबह सीबीआई लखनऊ की एंटी करप्शन टीम यहां राप्तीनगर के कॉलोनी स्थित विधायक राकेश सिंह बघेल के आवास पहुंचे।)
जनज्वार डेस्क। उत्तर प्रदेश गोरखपुर जिले में मेहदावल से भाजपा विधायक राकेश सिंह बघेल के घर पर उस वक्त हड़कंप मच गया जब सीबीआई की टीम कथित रिवरफ्रंट घोटाले के मामले में छापेमारी करने पहुंची। सीबीआई की टीम दोपहर 12 बजे विधायक के घर पर पहुंची और चप्पा-चप्पा खंगाल रही है। खबरों के मुताबिक रिवरफ्रंट में काम करने वाली फर्मों और उनसे जुड़े लोगों के घरों और दफ्तरों में छापेमारी की जा रही है।
सीबीआई की अचानक हुई इस कार्रवाई से शहर गोरखपुर में हड़कंप मचा हुआ है। विधायक और उनके परिजन फिल इस छापेमारी पर कुछ भी कहने को तैयार नहीं है। सीबीआई लखनऊ की एंटी करप्शन विंग ने रिवर फ्रंट घोटाले में करीब दर्जनों लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। यूपी में लखनऊ के अलावा, नोएडा, गाजियाबाद, बुलंदशहर, रायबरेली, सीतापुर, इटावा और आगरा में छापेमारी की गई है।
कथित रिवरफ्रंट घोटाले समाजवादी पार्टी सरकार में हुए थे लेकिन छापेमारी 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले की गई है। प्रदेश में 2017 में बीजेपी सरकार आने पर मामले की जांच की बात कही गई थी। इसके बाद से कई अफसरों के खिलाफ अब तक एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। मामले में अब फिर से छापेमारी का दौर शुरू हो चुका है। करीब 1500 करोड़ रुपये के इस घोटाले की जांच फिलहाल सीबीआई कर रही है।
समाजवादी पार्टी की सरकार के कार्यकाल के दौरान लखनऊ में हुए 1500 करोड़ के गोमती रिवर फ्रंट घोटाले में सीबीआई ने अपनी जांच तेज कर दी है। प्रवर्तन निदेशालय भी मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज कर जांच कर रहा है। सोमवार की सुबह सीबीआई लखनऊ की एंटी करप्शन टीम यहां राप्तीनगर के कॉलोनी स्थित विधायक राकेश सिंह बघेल के आवास पहुंचे। उनके साथ शाहपुर थाने की पुलिस भी है। विधायक के भाई अखिलेश सिंह की रिशु कंस्ट्रक्शन कंपनी का नाम भी रिवर फ्रंट घोटाले से जुड़ा है। घोटाले में अब तक 190 से अधिक लोगों के नाम सामने आए हैं।
6 मार्च 2019 को संतकबीर नगर कलेक्ट्रेट सभागार में जिला योजना समिति की बैठक शुरू हुई। मेंहदावल के विधायक राकेश सिंह बघेल ने बोर्ड में अपने नाम की जगह सांसद शरद त्रिपाठी का नाम होने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में हो रहे विकास कार्य का श्रेय उन्हें मिलना चाहिए न कि सांसद को। इस पर पूर्व सांसद ने कहा कि मेंहदावल उनके संसदीय क्षेत्र में शामिल है। इसलिए बोर्ड में उनका नाम होना गलत नहीं।
इस पर इन दोनों में नोकझोंक हुआ। इसके बाद सांसद ने जूते से विधायक की पिटाई कर दी। तत्कालीन डीएम रवीश गुप्त, एएसपी असित कुमार श्रीवास्तव ने हस्तक्षेप कर मामले को शांत किया था। इस घटना के बाद से ही विधायक राकेश सिंह बघेल और पूर्व सांसद शरद त्रिपाठी चर्चा में आए थे।