UP : पंचायत अध्यक्ष नामांकन के दौरान कई जगह बवाल और मारपीट, सपा का आरोप- पुलिस कर रही एकतरफा कार्रवाई
(सपा कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि समय व्यतीत किया जा रहा है, जिससे उनका प्रत्याशी पर्चा दाखिल न कर पाए।)
जीतेंद्र उपाध्याय की रिपोर्ट
जनज्वार। यूपी में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव को लेकर शनिवार को नामांकन के दिन कई जनपदों में जमकर बवाल हुआ।जिसके चलते गोरखपुर व गाजीयाबाद में सपा प्रत्याशी का नामांकन तक नहीं हो सका। गोरखपुर में पुलिस की मौजूदगी में भाजपा कार्यकर्ताओं ने सपा समर्थकों की जमकर धुनाई कर दी। उधर देवरिया में पुलिस व सपा कार्यकर्ताओं में झड़प व हंगामा के चलते स्थिति तनावपूर्ण बनी रही। गाजियाबाद में प्रशासन के विरोध में सपा व रालोद कार्यकर्ताओं ने देर तक शाम सड़कों पर जाम लगाए रखा। इस बीच राज्य के 16 जिला पंचायत अध्यक्ष के सीटों पर भाजपा और 1 पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी का निर्विरोध चुना जाना तय है। इन सीटों पर अन्य किसी उम्मीदवार ने नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया है।
प्रदेश के सभी जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव को लेकगाजियाबाद में अपने प्रत्याशी के प्रस्तावक को मुक्त कराने के लिए होटल के सामने धरना देते सपा रालोद कार्यकर्तार नामांकन का दिन था। इस चुनाव में धनबल व सत्ताबल का खेल हमेशा होते रहा है। ऐसे में पहले से ही बवाल व हंगामा का अंदेशा बना हुआ था। इस चुनाव में भाजपा किसी भी हालत में अपनी जीत तय करने के लिए कसरते कर रही है। उधर अधिकांश सीटोंं पर प्रमुख प्रतिद्वदी नजर आ रही सपा पूरी ताकत झोंक दी है। इन राजनीतिक कवायदों के बीच नामांकन के दिन विभिन्न जिलों से नामांकन स्थलों पर हंगामा, पुलिस व सपा कार्यकर्ताओं मे नोकझोंक की खबरें आती रही।
गोरखपुर में भाजपा प्रत्याशी समर्थकों ने सपा समर्थकों को पुलिस प्रशासन के सामने ही पीट दिया। बवाल और मारपीट के चलते बने तनाव के माहौल के बीच सपा प्रत्याशी का नामांकन पत्र अंतिम समय तक दाखिल नहीं हो सका। सपा ने आरोप लगाया है कि उनके कार्यकर्ताओं कों पुलिस व प्रशासन के साथ मिलकर भाजपा कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट तक पहुंचने ही नहीं दिया। इन्हें शास्त्री चैक पर ही रोके रखा गया। भाजपा प्रत्याशी साधना सिंह के अलावा सिर्फ एक अन्य प्रत्याशी संगीता पासवान ही पर्चा दाखिल कर सकीं।
लेकिन प्रशासन द्वारा उनका पर्चा खामियों की वजह से खारिज कर दिया गया। ऐसे में अब यहां जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए भाजपा प्रत्याशी साधना सिंह की ही उम्मीदवारी रह गई है। आज एक और खास बात रही की एन वक्त पर सपा ने अपना प्रत्याशी आलोक गुप्ता को बदल दिया। वार्ड नंबर-47 से चुनाव जीते जिला पंचायत सदस्य जितेंद्र यादव को नया प्रत्याशी घोषित किया। हालांकि नियत समय तक उनका नामांकन नहीं हो सका।
नामांकन पत्र दाखिला के दौरान भाजपा प्रत्याशी के समर्थकों ने सपा समर्थकों को कलेक्ट्रेट मेन गेट पर ही जमकर पीटा। इस दौरान पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मूकदर्शक बने रहे। समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी जितेंद्र यादव शास्त्री चैक पर अपने समर्थकों संग पहुंचे थे कि प्रशासन ने यहां रोक दिया। प्रशासन के तरफ से कहा गया कि जब तक भाजपा प्रत्याशी सारे पर्चे दाखिल नहीं कर लेंगी, दूसरे प्रत्याशी नहीं जा सकते। भाजपा प्रत्याशी साधना सिंह ने चार सेट में पर्चा दाखिल की हैं। इसका सपाइयों ने जमकर विरोध किया।
सपा कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि समय व्यतीत किया जा रहा है, जिससे उनका प्रत्याशी पर्चा दाखिल न कर पाए। इसी दौरान कलेक्ट्रेट गेट सपा और भाजपा कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। जमकर मारपीट भी हुई। वहीं, समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष राम नगीना साहनी का आरोप है कि नामांकन परिसर भाजपा के लोग चला रहे हैं। पुलिस व प्रशासन की मौजूदगी में भाजपा समर्थक खुलेआम मारपीट कर रहे हैं और पुलिस मुकदर्शक बनी खड़ी है।
उधर देवरिया में नोकझोंक और झड़प के बीच भाजपा और सपा के प्रत्याशी ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए नामांकन किया। दिन 11 बजे नामांकन के लिए भाजपा और सपा कार्यकर्ताओं का कचहरी से लेकर कलेक्ट्रेट गेट तक जमावड़ा होने लगा। करीब साढ़े ग्यारह बजे भाजपा प्रत्याशी गिरीश तिवारी अपने समर्थकों के साथ नामांकन करने पहुंचे। उनके साथ कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, सदर विधायक डॉ. सत्य प्रकाश मणि त्रिपाठी व भाजपा जिलाध्यक्ष अंतर्यामी सिंह भी थे। उन्हें कलेक्ट्रेट गेट से अंदर भेज दिया गया। करीब पांच मिनट बाद ही सपा प्रत्याशी शैलजा यादव अपने पति अजय यादव, एमएलसी रामसुंदर दास, विधायक आशुतोष उपाध्याय व जिलाध्यक्ष डॉ. दिलीप यादव समेत अपने अन्य समर्थकों के साथ पहुंची।
गेट पर मौजूद एसडीएम ने भाजपा प्रत्याशी के बाहर निकलने के बाद अंदर आने की बात कही। पुलिसकर्मियों ने सभी को गेट पर ही रोक दिया। यह देख सपा कार्यकर्ता नारेबाजी के साथ हंगामा शुरू कर दिए। ये लोग प्रशासन पर पक्षपात का आरोप लगा रहे थे। बवाल बढ़ता देख सपा प्रत्याशी व उनके प्रस्तावक को अंदर जाने दिया गया। इस पर सपाई भाजपा के अधिक लोगों को अंदर प्रवेश कराने का आरोप लगाने लगे।
मौके पर पहुंचे एसपी डॉ. श्रीपति मिश्र ने सपा कार्यकर्ताओं को चेतावनी देते हुए शांत कराने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस ने लाठी भांज कर उन्हें खदेड़ा। पुलिस ने एक सपा कार्यकर्ता को भी हिरासत में ले लिया। इस दौरान सपा विधायक आशुतोष उपाध्याय की एसपी से जमकर नोकझोंक भी हुई। सपा विधायक ने आरोप लगाया कि पुलिस एकतरफा कार्य कर रही है। यह हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। गिरफतार करने की चेतावनी देते हुए कहा कि इससे हमारा विरोध करना नहीं बंद हो जाएगा।
नामांकन को देखते हुए सुबह 9 बजे से ही शहर के सुभाष चैक, कचहरी चैराहा, कलेक्ट्रेट व रुद्रपुर मोड़ पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। इस दौरान पुलिसकर्मी शक के आधार पर कुछ लोगों की तलाशी भी ले रहे थे।
उधर गाजियाबाद में हंगामा व बवाल के चलते सपा व रालोद समर्थक प्रत्याशी का नामांकन नहीं हो सका। जिसके विरोध में कार्यकर्ताओं ने जमकर बवाल काटा। सपा नेता मनमोहन झा ने बताया कि सपा व रालोद की ओर से नसीमा बेगम को प्रत्याशी बनाया गया है। सुबह जानकारी मिली की नसीमा बेगम की प्रस्तावक रजनी खटीक को भाजपा नेताओं ने बंधक बना लिया है। उन्हें शहर के कंट्री इंन होटल में बंधक बनाकर रखा गया है। यह जानकारी मिलते ही समाजवादी पार्टी और रालोद के बडी संख्या में कार्यकर्ता होटल के बाहर एकत्र हो गए।
कार्यकर्ताओं का आरोप था कि बीजेपी के प्रत्याशी का जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर निर्विरोध निर्वाचन के लिए सपा के जिला पंचायत सदस्यों को होटल में कैद करके रखा गया है। होटल के प्रबंधक और सिक्योरिटी ने उन्हें बाहर निकलने देने से साफ इनकार कर दिया है।
सपा के महानगर अध्यक्ष ने दावा किया कि कमरे के भीतर से वे लोग लगातार पार्टी नेताओं के संपर्क में हैं लेकिन उन्हें निकलने नहीं दिया जा रहा है। सपा के महानगर अध्यक्ष ने कहा कि दोपहर तीन बजे तक ही जिला मुख्यालय पर नामांकन होने हैं और अगर प्रस्तावक नहीं पहुंचते हैं तो फिर हमारी पार्टी की प्रत्याशी का नामांकन दाखिल नहीं हो पाएगा। अगर ऐसा हुआ तो बीजेपी उम्मीदवार का निर्विरोध निर्वाचन तय हो जाएगा।
आखिरकार निर्धारित समय तक सपा-रालोद समर्थक प्रत्याशी का नामांकन नहीं हो सका। ऐसे में भाजपा उम्मीदवार ममता त्यागी की निर्विरोध जीत तय मानी जा रही है। इसके अलावा भी राज्य के कई हिस्सों में जिला पंचायत अध्यक्ष के नामांकन को लेकर हंगामा की खबर रही।
उधर अन्य उमीदवारों के नामांकन पत्र दाखिल न करने से भारतीय जनता पार्टी के करीब एक दर्जन से ज्यादा प्रत्याशियों का निर्विरोध चुना जाना तय है। अब सिर्फ औपचारिक तौर पर घोषणा और जीत का प्रमाण पत्र दिया जाना ही बाकी है। अभी तक कुल 17 सीटों में से 16 पर बीजेपी प्रत्याशी और 1 पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी का निर्विरोध चुना जाना तय है।
गोरखपुर, मुरादाबाद, बुलंदशहर, मऊ, सहारनपुर, आगरा, अमरोहा, गोंडा, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, झांसी, भदोही, चित्रकूट, श्रावस्ती और बलरामपुर, वहीं मेरठ और बांदा से विपक्ष के प्रत्याशियों का पर्चा दाखिला नहीं हो सका। वहीं समाजवादी पार्टी के हाथ इटावा की सीट आई है। ऐसे में
आगरा से मंजू भदौरिया, गाजियाबाद से ममता त्यागी, मुरादाबाद से डॉ. शेफाली, बुलंदशहर से डॉ. अंतुल तेवतिया, ललितपुर से कैलाश निरंजन, मऊ से मनोज राय, चित्रकूट से अशोक जाटव, गौतमबुद्ध नगर से अमित चौधरी, श्रावस्ती से दद्दन मिश्र, गोरखपुर से साधना सिंह, बलरामपुर से आरती तिवारी, झांसी से पवन कुमार गौतम और गोंडा से घनश्याम मिश्र की जीत तय मानी जा रही है।