UP चुनाव 2022 : तो क्या यूपी में अब जनेऊ को कुर्ते के ऊपर दिखाने का वक्त आ चुका है?
यूपी में जनेऊ दिखाकर वोट मांगने का समय आ रहा है. (file photo - social media)
जनज्वार, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की बेला नजदीक है। अमूमन यूपी में ऐसा कोई चुनाव नहीं बीतता जिसमें जात-पात का बोलबाला ना रहा या रहता हो। इस बार भी है, और इस बार सबसे अधिक यूपी में जो डिमांडिंग है, वह है यहां का ब्राहमण। सभी पार्टियां इस बार यूपी के पंडितों को रिझाने का जतन शुरू कर चुके हैं।
यूपी चुनाव का 'हासिल' टाइम आ चुका है. जैसे पिक्चर में जोत जलाकर थाली घूमती थी और डायलॉग था-"ब्राह्मण हो जनेऊ की क़सम खाओ बद्री पांडे को ही वोट दोगे". तो यूपी में भी जनेऊ कुर्ते के ऊपर दिखाने का वक्त आ चुका है.#ब्राह्मण pic.twitter.com/2HxcnmmlGS
— Nripendra Singh (@nripendra1784) July 25, 2021
इस बारे में आज तक के प्रोड्यूसर नृपेंद्र सिंह ट्वीट करते हैं कि, 'यूपी चुनाव का 'हासिल' टाइम आ चुका है। जैसे पिक्चर में जोत जलाकर थाली घूमती थी और डायलॉग था-'ब्राह्मण हो जनेऊ की क़सम खाओ बद्री पांडे को ही वोट दोगे।' तो यूपी में भी जनेऊ कुर्ते के ऊपर दिखाने का वक्त आ चुका है।'
बता दें कि यूपी में बहन कु. मायावती ने अपना 2007 वाला सोशल इंजीनियरिंग वाला कार्ड खेल दिया है। उनकी चाल ब्राहमणों पर है। 23 जुलाई को अयोध्या से इस चाल का आगाज भी हो चुका है, जिसकी अगुवाई बसपा के महासचिव और अधिवक्ता सतीश चंद्र मिश्रा कर रहे हैं। बाकी पार्टियां भी अब मायावती को फॉलो कर रहीं हैं।
बाक़ी जातियों के मुक़ाबले अचानक से इनकी पूछ क्यों बढ़ गई है?
— Chitra Tripathi (@chitraaum) July 25, 2021
UP में ब्राह्मणों का सबसे बड़ा नेता किस पार्टी के पास है?
SP/BSP ब्राह्मणों को लेकर अचानक इतने कार्यक्रम क्यों करने लगे?
सवाल ये भी है कि जातियों की राजनीति वाले UP में 1989 के बाद कोई पंडित जी CM क्यों नहीं बने? https://t.co/JSIZoedcRe
टीवी एंकर चित्रा त्रिपाठी ट्वीट करती हैं कि 'बाक़ी जातियों के मुक़ाबले अचानक से इनकी पूछ क्यों बढ़ गई है? UP में ब्राह्मणों का सबसे बड़ा नेता किस पार्टी के पास है? SP/BSP ब्राह्मणों को लेकर अचानक इतने कार्यक्रम क्यों करने लगे? सवाल ये भी है कि जातियों की राजनीति वाले UP में 1989 के बाद कोई पंडित जी CM क्यों नहीं बने?'
UP में कांग्रेस,सपा व बसपा में आपस में भसड़ मची है,सबको ब्रह्माणों के नाम की मलाई खानी हैं..
— JiDDi PANDIT (@jiddi_pandit) July 26, 2021
उधर 18% कटे हुए केलों को निगलने की ताक में ओवैसी घूम रहा है 😂
जिद्दी पंडित नाम का एक यूजर लिखता है कि 'UP में कांग्रेस,सपा व बसपा में आपस में भसड़ मची है,सबको ब्रह्माणों के नाम की मलाई खानी हैं..उधर 18% कटे हुए केलों को निगलने की ताक में ओवैसी घूम रहा है।'
यूपी ही नहीं पूरे देश में अकेला एक ब्राह्मण समाज ही ऐसा है जिसका ना कोई नेता है ना कोई राजनीतिक दल वही दूसरी ओर हर जाति-धर्म का कोई विशेष राजनीतिक दल है
— Shiv Mishra (@Shivmishra_27) July 25, 2021
ब्राह्मण का कोई नहीं ब्राह्मण बस इस्तेमाल होता है इसलिए ब्राह्मणों ने समय-समय पर हर राजनीतिक दल को समर्थन दिआ है
अन्य यूजर शिव मिश्रा लिखते हैं 'यूपी ही नहीं पूरे देश में अकेला एक ब्राह्मण समाज ही ऐसा है जिसका ना कोई नेता है ना कोई राजनीतिक दल वही दूसरी ओर हर जाति-धर्म का कोई विशेष राजनीतिक दल है। ब्राह्मण का कोई नहीं ब्राह्मण बस इस्तेमाल होता है इसलिए ब्राह्मणों ने समय-समय पर हर राजनीतिक दल को समर्थन दिआ है।'
गौरतलब है कि बसपा महासचिव सतीश मिश्रा ने एक बयान में कहा है कि उनकी सरकार सत्ता में आने पर राम मंदिर का निर्माण कराएगी। लेकिन सतीश मिश्रा शायद यह भूल गये की राम मंदिर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों से बन रहा है। इसमें ना भाजपा और ना ही बसपा, सपा या कांग्रेस का ही कोई हाथ है। कुल मिलाकर ब्राहमणों के लिए फिर से हवाई हमले-जुमले किए जाने शुरू हो गये हैं।