IT Raid : अखिलेश यादव के करीबी बिल्डर अजय चौधरी के 40 ठिकानों पर आयकर छापेमारी
आयकर विभाग के रडार पर आये एसीई ग्रुप के संचालक और बिल्डर अजय चौधरी।
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 ( UP Elections 2022 ) से ठीक पहले आयकर विभाग ( Income Tax Department )ने एक बार समाजवादी पार्टी ( Samajwadi Party ) के करीबियों के ठिकानों पर छापेमारी की है। ताजा मामले में भी बताया जा रहा है कि आयकर विभाग की टीम ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ( Akhilesh Yadav ) के करीबी बिल्डर अजय चौधरी ( Builder Ajay Chaudhary ) के दिल्ली एनसीआर, नोएडा, मुंबई और आगरा सहित 40 ठिकानों पर छापेमारी की है। आयकर विभाग की छापेमारी ( Income Tax raids ) जारी है।
सपा नेताओं ने पहले ही जता दी थी आशंका
ताजा अपडेट के मुताबिक एसीई ग्रुप के ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापेमारी की है। सुबह से छापेमारी जारी है। बता दें कि एसीई बिल्डिंग कंस्ट्रक्श के क्षेत्र में बड़ा ग्रुप माना जाता है। सपा के नेता पीयूष जैन और पुष्पराज जैन के ठिकानों पर छापेमारी के बाद से ही इस बात की आशंका जता रहे थे कि अब एसीई ग्रुप के यहां भी छापेमारी हो सकती हैं
एसीई ग्रुप के अजय चौधरी अखिलेश यादव के उसी तरह करीबी हैं जैसे लखनऊ के राहुल भसीन हैं जिनके घर पहले ही इनकम टैक्स का छापा पड़ चुका है, करीबी हैं। आईटी डिपार्टमेंट नोएडा डिविजन ने ACE ग्रुप के नोएडा,दिल्ली, आगरा आदि के ठिकानों पर कार्यवाई की है।
खींझ मिटाने के लिए जारी है छापेमारी
बता दें कि उत्तर प्रदेश में आयकर विभाग लगातार छापेमारी कर रहा है। कुछ दिन पहले ही कन्नौज में अखिलेश यादव के करीबी और एमएलसी ( MLC ) पुष्पराज जैन पंपी के ठिकानों पर कन्नौज शहर और अन्य शहरो पर छापेमारी की गई थी। इस घटना से बौखलाए हुए सपा अध्यक्ष ने प्रेस कांफ्रेस कर आयकर विभाग के छापों को चुनावों से पहले दबाव बनाने की कार्रवाई बताया था। सपा अध्यक्ष ने कहा था कि बहुत दिनों से सब लोग कह रहे थे कि जैसे-जैसे चुनाव के दिन नजदीक आएंगे, सपा समर्थकों के घर आयकर विभाग के छापे पड़ेंगे। पुष्पराज जैन को ढूंढने गए थे, ढूंढ निकाला पीयूष जैन को जो भाजपा वाले हैं। इसके बाद आईटी विभाग ने पंपी जैन के घर छापा मारा।इससे पहले पड़े आयकर विभाग के छापों पर सपा नेता रामगोपाल यादव ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि जब जब चुनाव आता है, तब-तब छापे मारने वाले अधिकारी विपक्षी दलों के नेताओं और करीबियों को प्रताड़ित करने के लिए छापे मारने लगते हैं। ये एजेंसियां दबाव में काम कर रही हैं।